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रामगढ़ में जिला प्रशासन की लापरवाही, सीएम के ट्वीट के बाद भी प्रवासी मजदूर पैदल चलने को मजबूर

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Published : May 18, 2020, 7:51 PM IST

पूरे देश में लॉकडाउन जारी है, इसे लेकर प्रवासी मजदूरों का अपने-अपने घर तक पहुंचने का सिलसिला जारी है. सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी जिलों के अधिकारियों को ट्वीट कर मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए मदद पहुंचाने का आदेश दिया था, बावजूद इसके सैकड़ों मजदूर पैदल चलकर अपने घरों तक पहुंचने को मजबूर हैं.

Negligence of District Administration Migrant workers walking home in ramgarh
पैदल चलने को मजदूर मजबूर

रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रदेश के सभी जिला प्रशासन को ट्विटर के माध्यम से यह आग्रह किया है कि सड़क पर पैदल जाने वाले प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि सड़क पर पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों को वाहन उपलब्ध करवाकर उनके घर तक पहुंचाएं. बावजूद इसके सड़कों पर सैकड़ों मजदूर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं.

देखें पूरी खबर
रामगढ़ जिला में अभी भी रोजाना सैकड़ों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने-अपने राज्य, अपने जिले और घर जाते हुए देखे जा रहे हैं. सर पर भारी भरकम बोझ लिए, कंधों पर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महिला और पुरुष पैदल ही चल रहे हैं. इन मजदूरों को न धूप की चिंता है न आंधी तूफान की और न ही बारिश की. वो किसी भी तरह से अपने घर पहुंचने में लगे हुए हैं.इसे भी पढे़ं:- रामगढ़: मंत्री रामेश्वर उरांव ने की अधिकारियों के साथ बैठक, मूलभूत सुविधाओं का लिया जायजा

झारखंड में कई प्रदेशों के मजदूर फंसे हुए हैं, कोई पैदल अपने राज्य यूपी कोई बिहार तो कोई बंगाल जा रहे हैं. कई मजदूरों को लॉकडाउन के बाद से ठीक से खाना पानी तक नहीं मिल पा रहा है. ये मजदूर सरकार की मदद मिलने की उम्मीद को छोड़ चुके हैं और कई कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने-अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. प्रवासी मजदूर अपने राज्य और घर कब तक पहुंचेंगे ये उनको नहीं पता, वो बस चलते जा रहे हैं. इस दौरान सभी एक दूसरे का हौसला भी बढ़ाते जा रहे हैं.

रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रदेश के सभी जिला प्रशासन को ट्विटर के माध्यम से यह आग्रह किया है कि सड़क पर पैदल जाने वाले प्रवासी मजदूरों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि सड़क पर पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों को वाहन उपलब्ध करवाकर उनके घर तक पहुंचाएं. बावजूद इसके सड़कों पर सैकड़ों मजदूर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं.

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रामगढ़ जिला में अभी भी रोजाना सैकड़ों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने-अपने राज्य, अपने जिले और घर जाते हुए देखे जा रहे हैं. सर पर भारी भरकम बोझ लिए, कंधों पर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महिला और पुरुष पैदल ही चल रहे हैं. इन मजदूरों को न धूप की चिंता है न आंधी तूफान की और न ही बारिश की. वो किसी भी तरह से अपने घर पहुंचने में लगे हुए हैं.इसे भी पढे़ं:- रामगढ़: मंत्री रामेश्वर उरांव ने की अधिकारियों के साथ बैठक, मूलभूत सुविधाओं का लिया जायजा

झारखंड में कई प्रदेशों के मजदूर फंसे हुए हैं, कोई पैदल अपने राज्य यूपी कोई बिहार तो कोई बंगाल जा रहे हैं. कई मजदूरों को लॉकडाउन के बाद से ठीक से खाना पानी तक नहीं मिल पा रहा है. ये मजदूर सरकार की मदद मिलने की उम्मीद को छोड़ चुके हैं और कई कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने-अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. प्रवासी मजदूर अपने राज्य और घर कब तक पहुंचेंगे ये उनको नहीं पता, वो बस चलते जा रहे हैं. इस दौरान सभी एक दूसरे का हौसला भी बढ़ाते जा रहे हैं.

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