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रामगढ़ में छावनी परिषद कर्मियों और किसानों के बीच मारपीट, बाजार खाली कराने पहुंचे थे कर्मचारी - Ramgarh news

रामगढ़ में छावनी परिषद (Ramgarh Cantonment council) कर्मियों और किसानों के बीच जमकर मारपीट हुई है. इस घटना में कई किसान घायल हो गए हैं. बताया जा रहा है कि परिषद कर्मी पुराना सब्जी बाजार खाली कराने पहुंचे थे.

Ramgarh Cantonment council
रामगढ़ में छावनी परिषद कर्मियों और किसानों के बीच मारपीट
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Published : Nov 21, 2022, 7:58 PM IST

रामगढ़ः सोमवार को पुराना सब्जी बाजार खाली कराने को लेकर छावनी परिषद (Ramgarh Cantonment council) के अधिकारी और कर्मी जेसीबी के साथ पहुंचे. बाजार परिसर में पहुंचकर दो दुकानों को ध्वस्त किया. इसी दौरान सब्जी बेचने वाले किसान विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए. किसानों का विरोध देखकर कैंट के अधिशासी अधिकारी और पुलिस बुलाई गई. इसके बाद फिर दुकान को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई और पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर खदेड़ा. इस घटना में कई किसान घायल हो गए हैं.

यह भी पढ़ेंः रामगढ़ के ओल्ड डेली मार्केट और ट्रैकर स्टैंड बना कचरा डंपिंग यार्ड, सब्जी विक्रेताओं में गुस्सा

बता दें कि पहले भी पुराना सब्जी बाजार को खाली करवाने को लेकर छावनी परिषद की ओर से कई बार प्रयास किया गया. लेकिन किसानों ने पुराना सब्जी बाजार को खाली नहीं किया. सोमवार को अचानक छावनी परिषद के अधिकारी दर्जनों कर्मियों के साथ पहुंचे और सब्जी बेच रहे किसानों के सामान कचरा उठाने वाली गाड़ियों में फेंक दिया. इसके बाद जेसीबी की मदद से दुकानों को तोड़ने लगे, जिसका किसानों ने विरोध शुरू किया. किसान जेसीबी के सामने धरने पर बैठ गए. अधिशासी अधिकारी के निर्देश पर दुकानों को तोड़ना शुरू किया गया तो किसानों ने जमकर हंगामा शुरू किया. इस दौरान छावनी के अधिकारी और कर्मियों ने विरोध कर रहे किसानों के ऊपर जमकर लाठियां चलाई. रामगढ़ पुलिस मामले में हस्तक्षेप की और मामले को शांत कराया.

देखें पूरी खबर
किसानों ने कहा कि किसके आदेश से दुकान तोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले हुए विवाद का मामला कोर्ट में लंबित है. जब मामला कोर्ट में है तो दुकान किसके आदेश पर तोड़ा जा रहा है. छावनी परिषद तानाशाही रवैया अपना रहा है. घायल महिला किसान ने बताया कि जब दो पैसे सब्जी की कीमत होती थी, तब से सब्जी बेचते हैं. पुराना सब्जी बाजार में सामान बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. लेकिन अचानक यहां से भगाया जा रहा है. हम कहां जाएंगे. हालांकि इस पूरे मामले में छावनी के मजिस्ट्रेट श्रीनिवास राव पहले तो कैमरा देख भागने का प्रयास किया. लेकिन जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए बताया कि पीपी एक्ट के तहत तोड़ने आए हैं. यह जमीन छावनी परिषद की है. उन्होंने कहा कि दुकान खाली कराने के दौरान लाठीचार्ज नहीं किया गया है.

रामगढ़ः सोमवार को पुराना सब्जी बाजार खाली कराने को लेकर छावनी परिषद (Ramgarh Cantonment council) के अधिकारी और कर्मी जेसीबी के साथ पहुंचे. बाजार परिसर में पहुंचकर दो दुकानों को ध्वस्त किया. इसी दौरान सब्जी बेचने वाले किसान विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए. किसानों का विरोध देखकर कैंट के अधिशासी अधिकारी और पुलिस बुलाई गई. इसके बाद फिर दुकान को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई और पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर खदेड़ा. इस घटना में कई किसान घायल हो गए हैं.

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बता दें कि पहले भी पुराना सब्जी बाजार को खाली करवाने को लेकर छावनी परिषद की ओर से कई बार प्रयास किया गया. लेकिन किसानों ने पुराना सब्जी बाजार को खाली नहीं किया. सोमवार को अचानक छावनी परिषद के अधिकारी दर्जनों कर्मियों के साथ पहुंचे और सब्जी बेच रहे किसानों के सामान कचरा उठाने वाली गाड़ियों में फेंक दिया. इसके बाद जेसीबी की मदद से दुकानों को तोड़ने लगे, जिसका किसानों ने विरोध शुरू किया. किसान जेसीबी के सामने धरने पर बैठ गए. अधिशासी अधिकारी के निर्देश पर दुकानों को तोड़ना शुरू किया गया तो किसानों ने जमकर हंगामा शुरू किया. इस दौरान छावनी के अधिकारी और कर्मियों ने विरोध कर रहे किसानों के ऊपर जमकर लाठियां चलाई. रामगढ़ पुलिस मामले में हस्तक्षेप की और मामले को शांत कराया.

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किसानों ने कहा कि किसके आदेश से दुकान तोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले हुए विवाद का मामला कोर्ट में लंबित है. जब मामला कोर्ट में है तो दुकान किसके आदेश पर तोड़ा जा रहा है. छावनी परिषद तानाशाही रवैया अपना रहा है. घायल महिला किसान ने बताया कि जब दो पैसे सब्जी की कीमत होती थी, तब से सब्जी बेचते हैं. पुराना सब्जी बाजार में सामान बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. लेकिन अचानक यहां से भगाया जा रहा है. हम कहां जाएंगे. हालांकि इस पूरे मामले में छावनी के मजिस्ट्रेट श्रीनिवास राव पहले तो कैमरा देख भागने का प्रयास किया. लेकिन जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए बताया कि पीपी एक्ट के तहत तोड़ने आए हैं. यह जमीन छावनी परिषद की है. उन्होंने कहा कि दुकान खाली कराने के दौरान लाठीचार्ज नहीं किया गया है.
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