रामगढ़: राज्य में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की तारीफ तो खूब होती रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल इतर है. एकमात्र रेफरल अस्पताल में इलाज कराने जा रहे मरीज परेशानियों का सामना करते हैं. यहां केवल इमरजेंसी सुविधा ही मुहैया करायी जाती है. इसके अलावा अस्पताल में न ही लैब टेक्नीशियन है और ना ही ग्रेड 1 नर्स. पूरा अस्पताल केवल एक प्रभारी, 4 डॉक्टर और अनुबंधकर्मियों के सहारे चल रहा है.
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दीमक की भेंट चढ़ रहे दरवाजे-खिड़कियां
हालात इतने बदतर हैं कि यहां के दरवाजे और खिड़कियां दीमक की भेंट चढ़ चुके हैं. जैसे तैसे यहां के चिकित्सक अस्पताल को संचालित कर रहे हैं. कोई भी वित्तीय राशि अस्पताल को मुहैया नहीं कराई गई है, जिससे प्रभारी पदाधिकारी इस अस्पताल की स्थिति सुधार सकें.
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समस्या का होगा समाधान
पूरे मामले में जब रामगढ़ जिले की सिविल सर्जन गीता सिन्हा मानकी से इस बदहाली के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले ही उन्होंने सिविल सर्जन के पद पर ज्वॉइन किया है. लेकिन ये पूरा मामला उनके संज्ञान में है. हालांकि रेफरल अस्पताल को कोई भी वित्तीय राशि उपलब्ध नहीं है. इस पूरे मामले को लेकर उपायुक्त से बात की जाएगी. साथ ही मरीजों के लिए बेड और लैब टैक्नीशियन की व्यवस्था भी जल्द की जाएगी.