पलामू: जिले में रात के अंधेरे में माफिया पत्थरों की तस्करी कर रहे थे, इसका खुलासा प्रशासनिक कार्रवाई में हुआ है. प्रशासनिक कार्रवाई में 12 हाइवा और ट्रक को जब्त किया गया है. जबकि पत्थर माफिया गाड़ियों को छोड़ कर भाग गए हैं. अधिकारियों ने सभी गाड़ियों को जब्त कर थानों में रखा है. इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. पुलिस गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर से उसके मालिकों की पहचान करने में जुटी है.
दरअसल, पलामू जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि नेशनल हाइवे 98 और 75 से बड़े पैमाने पर रात के अंधेरे में माफिया पत्थरों की ढुलाई कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर सदर एसडीएम राजेश कुमार शाह और जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार के नेतृत्व में मंगलवार की देर रात छापेमारी शुरू हुई. पड़वा और नावाबाजार थाना के सीमा पर नेशनल हाइवे 98 पर दोनों अधिकारियों ने चेकिंग शुरू किया.
चेकिंग अभियान में 12 हाइवा और ट्रक को जब्त किया गया. प्रशासनिक टीम जैसे ही नेशनल हाइवे 98 पर पहुंची ट्रक-हाइवा के ड्राइवर और खलासी अपनी गाड़ियों को छोड़कर भाग गए. इसने साथ पत्थर माफिया भी गाड़ियों को छोड़ फरार हो गए. बाद में दोनों अधिकारियों ने सभी गाड़ियों को जब्त किया और नावाबाजार थाने को सौंप दिया है. हाइवा और ट्रक के नंबर के आधार पर मालिकों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. सभी हाइवा और ट्रक पलामू के विभिन्न इलाकों से स्टोन चिप्स को लेकर बिहार और यूपी के इलाके में जा रहे थे. एक भी ट्रक और हाइवा के पास स्टोन चिप्स संबंधित चालान मौजूद नहीं था.
इससे पहले मंगलवार को इस इलाके में बालू को लेकर एक हाई वोल्टेज ड्रामा भी हुआ था. पड़वा थाना क्षेत्र का एक व्यक्ति प्रशासनिक अधिकारियों पर बालू को लेकर आत्मदाह के लिए पूरे परिवार के साथ रांची गया हुआ था. जहां रांची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उस व्यक्ति का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे संरक्षित कर बालू का कारोबार करवाया और बाद में उसकी गाड़ियों को जब्त कर लिया. व्यक्ति के आरोप के बाद से ही इलाके में प्रशासनिक अधिकारी बालू और स्टोन माइनिंग के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.