पलामू: लड़की का सिर मुंड़वाकर जंगल में छोड़ देने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पीड़ित लड़की के फर्द बयान के आधार पर 10 नामजद सहित दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल, पलामू के पाटन थाना क्षेत्र के जोगिडीह में शादी से इनकार करने पर पंचायत हुई थी. पंचायत के बाद लड़की को सिर मुंडवाकर जंगल में छोड़ दिया गया था. सोमवार को पूरे मामले का खुलासा हुआ था.
पीड़िता के बयान पर पुलिस ने किया था मामला दर्जः पुलिस ने पीड़ित लड़की को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया था. इलाज के बाद लड़की को उज्ज्वला गृह में रखा गया था. मंगलवार को पीड़िता का पलामू कोर्ट में न्यायिक अधिकारियों के समक्ष बयान दर्ज किया जाएगा. इस संबंध में पाटन थाना प्रभारी गुलशन गौरव ने बताया कि पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य ग्रामीणों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. पीड़िता के फर्द बयान के आधार पर नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. नामजद आरोपियों में लड़की की भाभी के साथ अन्य महिलाएं भी हैं.
चचेरी भाभी ने ही बुलाई थी पंचायतः घटना के बाद पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि पीड़िता की चचेरी भाभी गीता देवी ने ही पंचायत बुलाई थी और अध्यक्षता की थी. भाभी की अध्यक्षता में पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया था. लड़की के सिर से बाल उतारने की शुरुआत उसकी चचेरी भाभी ने ही की थी. घटना के बाद से पीड़िता की भाभी फरार हो गई है. पुलिस की टीम लगातार लागतात जोगिडीह में छापेमारी कर रही है. पंचायत में शामिल कई लोग अब तक फरार हैं.
परिजन लड़की की जबरन कराना चाहते थे शादीः पीड़िता के परिजन जबरन उसकी शादी करवाना चाहते थे. पीड़िता लगातार शादी से इनकार कर रही थी. 19 अप्रैल को बारात भी गांव में आई थी, लेकिन वापस लौट गई थी. जिसके बाद पीड़िता घर से गायब हो गई थी. 10 मई को पीड़िता वापस गांव लौटी थी. 14 मई को परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पंचायत बुलायी थी और तुगलकी फरमान जारी किया था. लड़की रात भर जंगल में रही थी. पीड़िता अनाथ है, उसके माता-पिता की आठ वर्ष पहले मौत हो गई है.