पलामूः झारखंड में एक गांव है, जहां पहुंचने के लिए लोगों को बिहार होकर जाना पड़ता है. गांव नक्सली हिंसा और पोस्ते की खेती के लिए बदनाम था. पहले यहां प्रशासनिक पहुंच ना के बराबर थी, लेकिन अब हालात बदलने लगे हैं. विकास की किरण भी यहां पहुंचने लगी है.
कहानी एक गांव कीः हम कहानी बता रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से करीब 265 किलोमीटर दूर पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के कुंडिलपुर गांव की. कुंडिलपुर जाने के लिए बिहार के गया जिला के सलैया से होकर जाना पड़ता है. गांव के लोग झारखंड से अधिक बिहार के इलाके में जाते हैं. वे अपनी जरूरत की सामग्री खरीदने के लिए बिहार जाते हैं. यह इलाका मुख्यधारा से कटा हुआ है.
गांव में नहीं आती है बारातः यह पूरा इलाका पोस्ता की खेती और नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. कुंडिलपुर में पोस्ता की खेती करने के आरोप में 50 से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज है, जबकि दर्जनों लोगों पर नक्सल हिंसा से जुड़ा हुआ मामला दर्ज है. गांव के युवकों से जल्दी कोई शादी नहीं करता है. यह पूरा इलाका आदिम जनजाति बहुल है. करीब 65 घरों की आबादी वाले इस इलाके में किसी भी व्यक्ति ने बारहवी तक की पढ़ाई नही की है. गांव के सुबोध कुमार ने बताया कि गांव में जाने का कोई रास्ता नहीं है, मजबूरी में वे बिहार जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आसानी से बारात नहीं आती है, गांव की बेटी की शादी करने के लिए वे बिहार के इलाके में जाते हैं.
पहली बार पंहुचा पूरा प्रशासनिक कुनबाः पलामू डीसी ए दोड्डे और एसपी चंदन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पूरा प्रशासनिक कुनबा गुरुवार को कुंडिलपुर पंहुचा. इस दौरान डीसी ने विकास योजनाओ की समीक्षा की. इलाके के विकास के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक की. डीसी ने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में आंगनबाड़ी सेविका को बर्खास्त कर दिया. जबकि इलाके में रोड बनाने के लिए सर्वे का काम शुरू करने को कहा.
डीसी ने कहा कि गांव में उन्होंने दौरा किया है. इलाके के विकास के लिए रोड मैप तैयार को करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. जबकि कई मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने की पहल की जा रही है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पहली बार इलाके में पुलिस के साथ प्रशासनिक टीम भी पहुंची है. इलाके में सुरक्षित माहौल तैयार कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
गांव ने पंहुची प्रशासनिक टीम लहलहा रही थी पोस्ता की फसलः पलामू जिला प्रशासन के पूरे कुनबा ने बिहार के गया के सलैया थाना क्षेत्र से कुंडिलपुर में जाने के लिए कारीब 25 किलोमीटर का सफर शुरू किया. इस दौरान 15 किलोमीटर के करीब बाइक से जंगल और पहाड़ी रास्ता तय किया. पूरे इलाके में पोस्ता की फसल लहलहा रही थी. कुंडिलपुर में जिस जगह पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, उस जगह से महज 50 मीटर की दूरी पर पोस्ता की फसल लगाई गई थी. डीसी और एसपी ने ग्रामीणों से पोस्ता की फसल नहीं लगाने की अपील की है. बाद में पुलिस ने कुंडिलपुर में लगे 10 एकड़ में पोस्ता की फसल को नष्ट किया. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने खुद पोस्ता की फसल को नष्ट किया. इस दौरान डीसी और एसपी ने स्थानीय बच्चों के बीच टॉफी और खेल की सामग्री का वितरण किया. एसपी ने गांव की महिलाओं को नगद रुपये भी दिए.
नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है इलाका, हत्याओं के बाद चर्चा में आया था इलाकाः कुंडिलपुर का इलाका 2020 में नक्सलियों द्वारा तीन हत्या के बाद चर्चा का केंद्र बन गया था. जमीन विवाद में एक नक्सली ने अपने पड़ोसी की गोली मार कर हत्या की थी, बाद में ग्रामीणों ने उस नक्सली को पीट-पीटकर मार डाला था. जबकि नक्सली के घर को भी जला दिया गया था. यह पूरा इलाका नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. 2017-18 में सीबीआई के वांटेड नक्सली विनय सिंह ने पलामू पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. विनय सिंह पर बिहार के रोहतास में डीएफओ हत्याकांड में शामिल रहने का आरोप रहा है. विनय सिंह पर सीबीआई ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.