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सृष्टि के परिजनों ने CIL के प्रति जताया आभार, Coal India Limited ने की है 16 करोड़ देने की घोषणा - 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत

गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) से जूझ रही सृष्टि (Srishti) के परिजनों ने उन तमाम लोगों का आभार जताया है जिन्होंने किसी ना किसी तरह उनकी मदद की है. सृष्टि को कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ देने की घोषणा की है.

family expressed gratitude to Coal India Limited
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Published : Nov 19, 2021, 10:01 AM IST

पलामू: मासूम सृष्टि (Srishti) के जीवन को बचाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने मदद का हाथ बढ़ाया है. सीआईएल (CIL) के मदद की घोषणा के बाद सृष्टि (Srishti) के परिजन और पूरे पलामू में खुशी की लहर है. परिजन और लोगों के मन में उम्मीद जग गई है कि अब मासूम बच्ची को बचाया जा सकता है. सृष्टि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) स्टेज 1 नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है.

पलामू की मासूम सृष्टि (Srishti) को अगले कुछ महीनों में इंजेक्शन दिया जाना जरूरी है. 24 महीने की मासूम सृष्टि वेंटिलेटर पर जीवन और मौत के बीच जूझ रही है. ईटीवी भारत ने फरवरी-मार्च 2021 में अभियान चला कर सृष्टि के लिए फंड जमा करने की अपील की थी. फिलहाल सृष्टि पलामू के मेदिनीनगर में है. सीआईएल ने इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. जिसके बाद परिजन बेहद खुश हैं. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि ने सीआईएल के प्रति आभार जताया है. सृष्टि के चाचा राम भजन ने बताया कि परिवार बेहद खुश है उन्होंने सीआईएल सहित उन तमाम लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इनकी मदद की है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: दो साल की सृष्टि को लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, कोल इंडिया मदद को तैयार



स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी बीमारी से जूझ रही है सृष्टि
24 महीने की सृष्टि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की बीमारी से जूझ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए स्विट्जरलैंड (Switzerland) की नोवार्टिस नाम की कंपनी इंजेक्शन बनाती है जिसकी कीमत 22.5 करोड़ रुपये है. सरकार आयात शुल्क माफ कर दे तो इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये हो जाएगी. सृष्टि की मदद के लिए परिजन कई जगह गुहार लगा चुके थे. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि पाटन के कांके कला के रहने वाले हैं. सृष्टि मेदिनीनगर के कान्दू मोहल्ला स्थित अपने ननिहाल में है.



माता-पिता ने ली है वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग
सृष्टि फिलहाल अपने ननिहाल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम वेंटिलेटर पर ही है. माता पिता ने वेंटिलेटर सिस्टम को खरीद लिया है. खरीदने के लिए डॉक्टरों की टीम ने उन्हें एक महीने तक वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग ली, उसके बाद उसे मेदिनीनगर लेकर आए. सृष्टि को करीब 10 घंटे तक प्रतिदिन वेंटिलेटर पर रखा जाता है. उसका शरीर हिलडुल नहीं सकता. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक ऐसी बीमारी है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है, इसमें दिमाग और मेरुदंड की तंत्रिका की कोशिकाएं टूटने लगती हैं. सृष्टि का इलाज सीएमसी वेल्लोर और अपोलो बिलासपुर में चल रहा था. सृष्टि को बचाने के लिए कई लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया था. परेशान परिवार के सदस्य मदद की गुहार लेकर बॉलीवुड भी पहुंचे थे. इन्होंने प्रसिद्ध अभिनेता सोनू सूद से भी मदद की अपील की थी. इसके बाद दर्जनों संगठन मदद के लिए आगे आए और इन्हें आर्थिक रूप से मदद किया.

पलामू: मासूम सृष्टि (Srishti) के जीवन को बचाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने मदद का हाथ बढ़ाया है. सीआईएल (CIL) के मदद की घोषणा के बाद सृष्टि (Srishti) के परिजन और पूरे पलामू में खुशी की लहर है. परिजन और लोगों के मन में उम्मीद जग गई है कि अब मासूम बच्ची को बचाया जा सकता है. सृष्टि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) स्टेज 1 नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है.

पलामू की मासूम सृष्टि (Srishti) को अगले कुछ महीनों में इंजेक्शन दिया जाना जरूरी है. 24 महीने की मासूम सृष्टि वेंटिलेटर पर जीवन और मौत के बीच जूझ रही है. ईटीवी भारत ने फरवरी-मार्च 2021 में अभियान चला कर सृष्टि के लिए फंड जमा करने की अपील की थी. फिलहाल सृष्टि पलामू के मेदिनीनगर में है. सीआईएल ने इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. जिसके बाद परिजन बेहद खुश हैं. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि ने सीआईएल के प्रति आभार जताया है. सृष्टि के चाचा राम भजन ने बताया कि परिवार बेहद खुश है उन्होंने सीआईएल सहित उन तमाम लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इनकी मदद की है.

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स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी बीमारी से जूझ रही है सृष्टि
24 महीने की सृष्टि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की बीमारी से जूझ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए स्विट्जरलैंड (Switzerland) की नोवार्टिस नाम की कंपनी इंजेक्शन बनाती है जिसकी कीमत 22.5 करोड़ रुपये है. सरकार आयात शुल्क माफ कर दे तो इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये हो जाएगी. सृष्टि की मदद के लिए परिजन कई जगह गुहार लगा चुके थे. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि पाटन के कांके कला के रहने वाले हैं. सृष्टि मेदिनीनगर के कान्दू मोहल्ला स्थित अपने ननिहाल में है.



माता-पिता ने ली है वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग
सृष्टि फिलहाल अपने ननिहाल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम वेंटिलेटर पर ही है. माता पिता ने वेंटिलेटर सिस्टम को खरीद लिया है. खरीदने के लिए डॉक्टरों की टीम ने उन्हें एक महीने तक वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग ली, उसके बाद उसे मेदिनीनगर लेकर आए. सृष्टि को करीब 10 घंटे तक प्रतिदिन वेंटिलेटर पर रखा जाता है. उसका शरीर हिलडुल नहीं सकता. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक ऐसी बीमारी है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है, इसमें दिमाग और मेरुदंड की तंत्रिका की कोशिकाएं टूटने लगती हैं. सृष्टि का इलाज सीएमसी वेल्लोर और अपोलो बिलासपुर में चल रहा था. सृष्टि को बचाने के लिए कई लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया था. परेशान परिवार के सदस्य मदद की गुहार लेकर बॉलीवुड भी पहुंचे थे. इन्होंने प्रसिद्ध अभिनेता सोनू सूद से भी मदद की अपील की थी. इसके बाद दर्जनों संगठन मदद के लिए आगे आए और इन्हें आर्थिक रूप से मदद किया.

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