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भाजपा विधायक ने पलामू, गढ़वा, चतरा और लातेहार को यूपी-बिहार में मिलाने को लेकर किया ट्वीट, जानिये क्यों - झारखंड में भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोग

पलामू में हेमंत कैबिनेट के फैसले का विरोध हो रहा है. भवनाथपुर के भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही पलामू, गढ़वा, चतरा और लातेहार को यूपी-बिहार में मिलाने को लेकर ट्वीट किया है. इस रिपोर्ट में पढ़िये पूरा मामला क्या है.

Protest against the decision of Hemant cabinet in Palamu
पलामू में हेमंत कैबिनेट के फैसले का विरोध
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Published : Aug 7, 2021, 10:55 PM IST

पलामू: हेमंत कैबिनेट के फैसले के खिलाफ पलामू में आवाज उठने लगी है. कैबिनेट ने झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में 12 स्थानीय भाषाओं में एक को जानना आवश्यक बताया है और इन भाषाओं में प्राप्त अंक के आधार पर मेघा सूची बनाने का निर्णय लिया है. जिन 12 भाषाओं को शामिल किया है उनमें भोजपुरी और मगही नहीं है. पलामू और गढ़वा की अधिकांश आबादी भोजपुरी और मगही बोलती है.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Niyojan Niti News: गांव-गांव में अंग्रेजी बोली जा रही है तो क्या उसे क्षेत्रीय भाषा घोषित कर दें: रामेश्वर उरांव

कैबिनेट के फैसले के खिलाफ गढ़वा के भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही ने ट्वीट करते हुए लिखा-"पलामू, गढ़वा, चतरा और लातेहार के लाइकेन के साथ खिलवाड़ बंद करो नहीं तो हम उनके बिहार यूपी से साट द". विधायक भानु प्रताप शाही का यह ट्वीट पलामू में बोले जाने वाले स्थानीय भाषा में है. हेमंत सोरेन के कैबिनेट के फैसले पर बोलते सरकार को समर्थन दे रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कमलेश सिंह ने भी पलामू के इलाके के छात्रों के हितों का सरकार को ध्यान रखना चाहिए. हिंदी को स्थानीय भाषा का दर्जा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मामले में सरकार से भी बात करेंगे.

कमलेश सिंह, एनसीपी विधायक

युवाओं ने दी आंदोलन की चेतावनी, विधानसभा समिति से की मुलाकात

कैबिनेट के फैसले के खिलाफ पलामू के युवा फिर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे है. रघुवर सरकार की दोहरी नियोजन नीति के खिलाफ भी पलामू से ही आंदोलन शुरू हुआ था. कैबिनेट के फैसले के खिलाफ युवाओं ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है. पलामू के युवाओं ने कैबिनेट के फैसले के खिलाफ विधानसभा की समिति को एक ज्ञापन भी दिया. ज्ञापन में भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा मे शामिल करने का आग्रह किया.

हेमंत कैबिनेट के फैसले को लेकर युवाओं से बात की संवाददाता नीरज कुमार ने.

पलामू के युवा राहुल दुबे, सन्नी शुक्ला, अभिषेक मिश्रा और मणिकांत सिंह ने बताया कि पलामू के युवाओं के साथ राज्य सरकार शुरू से छल करती रही है. कैबिनेट के फैसले के बाद पलामू की युवाओं को समान अवसर नहीं मिल पाएगा. कैबिनेट को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए और भोजपुरी, मगही को दर्जा देने की जरूरत है. युवाओं ने बताया कि राज्य सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है या दोनों भाषाओं को शामिल नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

Protest against the decision of Hemant cabinet in Palamu
भाजपा विधायक का ट्वीट.

पलामू: हेमंत कैबिनेट के फैसले के खिलाफ पलामू में आवाज उठने लगी है. कैबिनेट ने झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में 12 स्थानीय भाषाओं में एक को जानना आवश्यक बताया है और इन भाषाओं में प्राप्त अंक के आधार पर मेघा सूची बनाने का निर्णय लिया है. जिन 12 भाषाओं को शामिल किया है उनमें भोजपुरी और मगही नहीं है. पलामू और गढ़वा की अधिकांश आबादी भोजपुरी और मगही बोलती है.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Niyojan Niti News: गांव-गांव में अंग्रेजी बोली जा रही है तो क्या उसे क्षेत्रीय भाषा घोषित कर दें: रामेश्वर उरांव

कैबिनेट के फैसले के खिलाफ गढ़वा के भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही ने ट्वीट करते हुए लिखा-"पलामू, गढ़वा, चतरा और लातेहार के लाइकेन के साथ खिलवाड़ बंद करो नहीं तो हम उनके बिहार यूपी से साट द". विधायक भानु प्रताप शाही का यह ट्वीट पलामू में बोले जाने वाले स्थानीय भाषा में है. हेमंत सोरेन के कैबिनेट के फैसले पर बोलते सरकार को समर्थन दे रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कमलेश सिंह ने भी पलामू के इलाके के छात्रों के हितों का सरकार को ध्यान रखना चाहिए. हिंदी को स्थानीय भाषा का दर्जा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मामले में सरकार से भी बात करेंगे.

कमलेश सिंह, एनसीपी विधायक

युवाओं ने दी आंदोलन की चेतावनी, विधानसभा समिति से की मुलाकात

कैबिनेट के फैसले के खिलाफ पलामू के युवा फिर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे है. रघुवर सरकार की दोहरी नियोजन नीति के खिलाफ भी पलामू से ही आंदोलन शुरू हुआ था. कैबिनेट के फैसले के खिलाफ युवाओं ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है. पलामू के युवाओं ने कैबिनेट के फैसले के खिलाफ विधानसभा की समिति को एक ज्ञापन भी दिया. ज्ञापन में भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा मे शामिल करने का आग्रह किया.

हेमंत कैबिनेट के फैसले को लेकर युवाओं से बात की संवाददाता नीरज कुमार ने.

पलामू के युवा राहुल दुबे, सन्नी शुक्ला, अभिषेक मिश्रा और मणिकांत सिंह ने बताया कि पलामू के युवाओं के साथ राज्य सरकार शुरू से छल करती रही है. कैबिनेट के फैसले के बाद पलामू की युवाओं को समान अवसर नहीं मिल पाएगा. कैबिनेट को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए और भोजपुरी, मगही को दर्जा देने की जरूरत है. युवाओं ने बताया कि राज्य सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है या दोनों भाषाओं को शामिल नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

Protest against the decision of Hemant cabinet in Palamu
भाजपा विधायक का ट्वीट.
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