पलामू: कोरोना काल मे कई लोगों के रोजगार पर संकट के बादल छाए हैं. कई क्षेत्रों में मंदी है. वहीं, कोरोना काल मे पलामू सेंट्रेल जेल में मास्क और दूसरे उत्पादों को तैयार करके कैदियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. पलामू सेंट्रल जेल में तैयार मास्क को गढ़वा, लातेहार समेत राज्य की कई जेलों में भेजा गया है. सेंट्रल जेल में 150 से 200 मास्क तैयार किए जा रहे हैं. सेंट्रल जेल में साबुन भी तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रिंटिंग मशीन भी लगाई गई है. साबुन और प्रिंटिंग हुए कागजातों को जेल में ही इस्तेमाल किया जा रहा है.
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जेल में 3 तरह की मजदूरी का है प्रावधान
जेलों में बंद कैदियो के लिए 3 तरह की मजदूरी का प्रावधान है. नौसिखिए 91, आधे जानकर 113 और कुशल को 144 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी का भुगतान किया जाता है. पलामू सेंट्रेल जेल से पुलिस को 500 से अधिक मास्क उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि गढ़वा और लातेहार जेल को एक-एक हजार के आस-पास मास्क दिए गए हैं.
पलामू सेंट्रल जेल में कोरोना से बचाव के लिए खास कदम उठाए गए
पलामू सेंट्रल जेल मे कोरोना से बचाव के लिए खास कदम उठाए गए हैं. बाहर से आने वाले कैदी और बंदियों के लिए जेल के मेन गेट पर एक मशीन लगाई गई है. मशीन के जरिए सभी को सेनेटाइज किया जाता है. अंदर जाने वाले सभी कैदी और बंदियों को मास्क और सेनेटाइजर दिया जाता है. जेल के अंदर ही मास्क और सेनेटाइजर तैयार किया जाता है. मास्क को सभी कैदी और बंदी के बीच वितरित किया गया. पलामू सेंट्रेल जेल में बाहर से आने वाले कैदियो और बंदियों को 14 दिन क्वॉरंटाइन में रखा जाता है. इससे पहले सभी की कोरोना जांच होती है. पलामू सेंट्रल जेल में 1,024 विचाराधीन कैदी और बंदी बंद हैं, जिसमें करीब 250 सजायाफ्ता हैं. एक दर्जन से अधिक महिलाएं भी बंद है. पलामू सेंट्रेल जेल में कई टॉप नक्सली और अपराधी भी बंद हैं