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पलामू की रेखा देवी दूसरी महिलाओं के लिए बनीं मिसाल, लाइवलीहुड सोसाइटी से जुड़ने के बाद बदली किस्मत

कभी लाल आतंक के लिए जाना जाने वाला इलाका अब महिलाओं की उन्नति के कारण अपनी पहचान बना रहा है. यहां की रेखा देवी ने अपने दम पर कारोबारी के रूप में अपनी एक खास पहचान बनाई. ये ना सिर्फ आत्मनिर्भर हुईं हैं बल्कि इन्होंने कई लोगों को रोजगार भी दिया है.

Palamu Rekha Devi
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Published : Jul 11, 2023, 6:33 PM IST

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पलामू: जहां कभी लाल आतंक फलता फूलता था उस धरती पर रेखा देवी नाम की महिला ने अपनी जिंदगी की सफलता की दास्तान दिख दी. झारखंड की राजधानी रांची से करीब 250 किलोमीटर दूर पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के जसपुर की रहने वाली रेखा देवी महिला स्वालंबन का एक बड़ा उदाहरण बनी हैं. कुछ वर्षों पहले तक रेखा देवी एक साधारण महिला थीं. लेकिन आज वह लखपति कारोबारी बन गईं हैं. इनके पास आज अपना टेंट हाउस, दो ट्रैक्टर, दुकान का कारोबार है.

ये भी पढ़ें: Pakur News: बांस की कलाकारी ने बदली महिलाओं की जिंदगी, आत्मनिर्भर भारत की रख रही बुनियाद

रेखा देवी में 2019-20 में सरकारी अनुदान पर दो लाख रुपये का ऋण लिया था, ऋण लेने के बाद रेखा देवी ने टेंट हाउस का कारोबार शुरू किया. मात्र दो वर्ष में रेखा देवी ने ऋण को चुकता कर दिया और टेंट हाउस से हुई आमदनी से दो ट्रैक्टर खरीद लिए. ट्रैक्टर से रेखा देवी खेती करवा रहीं हैं. रेखा देवी ने अपनी आमदनी से पति के लिए दुकान भी खुलवा दी है.

खेती से रेखा देवी ने कारोबारी तक किया सफर: रेखा देवी का परिवार पहले खेती करता था. इसी दौरान रेखा देवी झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ीं. ग्रुप से जुड़ने के बाद वह छोटा-मोटा कारोबार करने लगीं. इसी दौरान उन्होंने एक रिस्क लिया और जेएसएलपीएस के सहयोग से दो लाख का ऋण लिया. रेखा देवी बताती हैं कि ऋण लेने के बाद उन्हें टेंट का कारोबार शुरू किया था, टेंट के कारोबार शुरू होने के बाद ट्रैक्टर खरीदी है. उनके साथ एक दर्जन गरीब लोग जुड़े हैं, जिन्हें वह रोजगार दे रहीं हैं. शादी के सीजन में टेंट के कारोबार से 15 से 20 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है, जबकि ट्रैक्टर का इस्तेमाल स्थानीय लोग खेती के लिए करते है. उन्होंने बताया कि आमदनी बढ़ने के बाद पति ने भी ग्राहक सेवा केंद्र खोला है. रेखा कुमारी शिव आजीविका मिशन सखी मंडल नामक ग्रुप का भी संचालन कर रही है और अन्य महिलाओं को भी कारोबार से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

पलामू में 100 से भी अधिक महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य: पलामू झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी में 100 से भी अधिक महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है. रेखा देवी पलामू की पहली लखपति सखी दीदी हैं. पलामू के उपविकास आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि सरकार का लक्ष्य की महिलाओं को 'दीदी कारोबारी' या किसान के रूप में जोड़ कर उनकी आय में वृद्धि करने का है. इसी कड़ी मनातू के दीदी की सफलता भरी कहानी है.

मनातू का इलाका नक्सल हिंसा के लिए रहा है चर्चित: पलामू का मनातू का इलाका नक्सल हिंसा के लिए चर्चित रहा है. यह इलाका बिहार के गया से सटा हुआ है. रेखा देवी जिस गांव जसपुर की रहने वाली हैं, वह गांव कभी नक्सलियों का ठिकाना हुआ करता था. लेकिन अब यहां का माहौल बदल रहा है. नक्सल संगठनों के कमजोर होने के बाद इलाके में तेजी से विकास हो रहा है.

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पलामू: जहां कभी लाल आतंक फलता फूलता था उस धरती पर रेखा देवी नाम की महिला ने अपनी जिंदगी की सफलता की दास्तान दिख दी. झारखंड की राजधानी रांची से करीब 250 किलोमीटर दूर पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के जसपुर की रहने वाली रेखा देवी महिला स्वालंबन का एक बड़ा उदाहरण बनी हैं. कुछ वर्षों पहले तक रेखा देवी एक साधारण महिला थीं. लेकिन आज वह लखपति कारोबारी बन गईं हैं. इनके पास आज अपना टेंट हाउस, दो ट्रैक्टर, दुकान का कारोबार है.

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रेखा देवी में 2019-20 में सरकारी अनुदान पर दो लाख रुपये का ऋण लिया था, ऋण लेने के बाद रेखा देवी ने टेंट हाउस का कारोबार शुरू किया. मात्र दो वर्ष में रेखा देवी ने ऋण को चुकता कर दिया और टेंट हाउस से हुई आमदनी से दो ट्रैक्टर खरीद लिए. ट्रैक्टर से रेखा देवी खेती करवा रहीं हैं. रेखा देवी ने अपनी आमदनी से पति के लिए दुकान भी खुलवा दी है.

खेती से रेखा देवी ने कारोबारी तक किया सफर: रेखा देवी का परिवार पहले खेती करता था. इसी दौरान रेखा देवी झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ीं. ग्रुप से जुड़ने के बाद वह छोटा-मोटा कारोबार करने लगीं. इसी दौरान उन्होंने एक रिस्क लिया और जेएसएलपीएस के सहयोग से दो लाख का ऋण लिया. रेखा देवी बताती हैं कि ऋण लेने के बाद उन्हें टेंट का कारोबार शुरू किया था, टेंट के कारोबार शुरू होने के बाद ट्रैक्टर खरीदी है. उनके साथ एक दर्जन गरीब लोग जुड़े हैं, जिन्हें वह रोजगार दे रहीं हैं. शादी के सीजन में टेंट के कारोबार से 15 से 20 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है, जबकि ट्रैक्टर का इस्तेमाल स्थानीय लोग खेती के लिए करते है. उन्होंने बताया कि आमदनी बढ़ने के बाद पति ने भी ग्राहक सेवा केंद्र खोला है. रेखा कुमारी शिव आजीविका मिशन सखी मंडल नामक ग्रुप का भी संचालन कर रही है और अन्य महिलाओं को भी कारोबार से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

पलामू में 100 से भी अधिक महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य: पलामू झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी में 100 से भी अधिक महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है. रेखा देवी पलामू की पहली लखपति सखी दीदी हैं. पलामू के उपविकास आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि सरकार का लक्ष्य की महिलाओं को 'दीदी कारोबारी' या किसान के रूप में जोड़ कर उनकी आय में वृद्धि करने का है. इसी कड़ी मनातू के दीदी की सफलता भरी कहानी है.

मनातू का इलाका नक्सल हिंसा के लिए रहा है चर्चित: पलामू का मनातू का इलाका नक्सल हिंसा के लिए चर्चित रहा है. यह इलाका बिहार के गया से सटा हुआ है. रेखा देवी जिस गांव जसपुर की रहने वाली हैं, वह गांव कभी नक्सलियों का ठिकाना हुआ करता था. लेकिन अब यहां का माहौल बदल रहा है. नक्सल संगठनों के कमजोर होने के बाद इलाके में तेजी से विकास हो रहा है.

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