पलामूः सिंचाई विभाग के भरोसे 300 से अधिक से अधिक छात्रों का भविष्य अधर डूब रहा है. बात कुछ अटपटा है लेकिन इसमें सच्चाई है. हम बात कर रहे है पलामू के मोहम्मदगंज में संचालित उत्तर कोयल परियोजना हाई स्कूल की. अविभाजित बिहार में 1986 में रोहतास इंद्रपुरी, नेपाल सीमा से सटे बाल्मिकीनगर और पलामू के मोहम्मद गंज में सिंचाई विभाग ने तीन परियोजना हाई स्कूल की शुरुआत की थी. आलम ऐसा है कि सिंचाई विभाग द्वारा संचालित इस के 300 छात्र-छात्राओं का भविष्य दो शिक्षकों पर है.
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बिहार सरकार ने इंद्रपुरी और बाल्मीकिनगर परियोजना हाई स्कूल को अधिग्रहित कर लिया. लेकिन पलामू के मोहम्मदगंज में संचालित परियोजना हाई स्कूल का अधिग्रहण आज तक नहीं हो पाया है. झारखंड बिहार बंटवारे के बाद भी 2008 तक इस स्कूल का संचालन बिहार के सिंचाई विभाग कर रहा था. इसके बाद में इसका अधिग्रहण झारखंड सिंचाई विभाग ने किया. आज भी स्कूल का संचालन झारखंड का सिंचाई विभाग करता है जबकि इसकी मॉनिटरिंग सिर्फ शिक्षा विभाग करती है. इस स्कूल की अधिकांश संपत्ति पर बिहार सरकार का अधिकार है.
मोहम्मदगंज और उंटारी रोड के छात्र इस हाई स्कूल में पढ़ाई करते हैं. स्कूल के प्रिंसिपल ईश्वरी प्रसाद सिंह ने बताया कि स्कूल का गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन आज स्कूल उपेक्षित है. कई बार शिक्षा विभाग को अधिग्रहित करने के लिए पत्राचार किया गया लेकिन आज तक स्कूल का अधिग्रहण नहीं हो पाया है. स्कूल के शिक्षक शिक्षक चंद्रबहादुर सिंह ने बताया कि उपेक्षित रवैया के कारण इस स्कूल का शिक्षा विभाग द्वारा अधिग्रहण नहीं हो पाया है उनका वेतन सिंचाई विभाग द्वारा दिया जाता है. वेतन निर्धारण का मामला भी हाई कोर्ट में चल रहा है.
तैनात होंगे अतिरिक्त शिक्षक- डीसीः उत्तर कोयल परियोजना हाई स्कूल के बारे में बोलते हुए पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि स्कूल के भविष्य को संवारने ने के लिए पहल की जाएगी. पूरे मामले में शिक्षा विभाग से आग्रह कर स्कूल में शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. जिला प्रशासन छात्रों के भविष्य के लिए चिंतित है उसे संवारने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी. स्कूल के अधिग्रहण के दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे जल्द ही मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होगी.