पलामूः ठेकेदारों से लेवी वसूलने के मामले में नक्सली जोनल कमांडर लालू यादव उर्फ रौशन को कोर्ट ने पांच वर्ष की कारावास की सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. लालू पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के केकरगढ़ का रहने वाला है.
2016 में हुई थी गिरफ्तारीः दरअसल 2016 में पांकी के तत्कालीन थाना प्रभारी ललित कुमार को सूचना मिली थी कि झारखंड प्रस्तुति कमेटी (जेपीसी) के नक्सली बीड़ी पत्ता ठेकेदार से लेवी वसूली के लिए आए हुए हैं. झारखंड प्रस्तुति कमेटी के सदस्य पार्टी के पथराकला गांव की ओर जमे हैं. इसी सूचना के आलोक में पुलिस ने छापेमारी की और जेपीसी के कमांडर लालू यादव को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार नक्सली कमांडर के पास से हथियार और लेवी के पैसे बरामद किए गए थे. पूरे मामले में पांकी थाना में आईपीसी की धारा 384, 385, 307, 353, 34 , 25 (1-ए), 26, 27, 35 आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई.
सात साल बाद कोर्ट ने दी सजाः शुक्रवार को मामले में जिला एवं सत्र न्यायधीश -02 की अदालत ने नक्सली कमांडर लालू यादव को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है. एफआईआर के बाद मामले का अनुसंधान सब इंस्पेक्टर महेंद्र हेंब्रम और नागेंद्र प्रसाद सिन्हा ने किया था. एक लंबे अरसे के बाद पलामू में किसी नक्सली को कोर्ट से सजा हुई है. जोनल कमांडर रैंक के किसी नक्सली को सजा दिलवाने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पलामू पुलिस लगातार नक्सली एवं अन्य घटनाओं के आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए अभियान चला रही है.
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