पलामू: चर्चित बकोरिया मुठभेड़ एक बार फिर से देश भर में चर्चा का केंद्र बन गया है. सीबीआई ने मामले में 700 पेज से अधिक की क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की है. रांची के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में यह क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है. क्लोजर रिपोर्ट के बारे में बकोरिया मुठभेड़ मामले में शिकायतकर्ता को जानकारी दे दी गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट ने पुलिस और सुरक्षाबलों को क्लीन चिट दे दी है. कहा गया है कि टॉप माओवादी आरके उर्फ अनुराग समेत 12 अन्य की जान मुठभेड़ में गई है.
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एफएसएल की रिपोर्ट को बनाया आधार: मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने पूरे मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट को बड़ा आधार बनाया है. दरसअल सीबीआई कि फोरेंसिक टीम ने 2019-20 में घटनास्थल का जायजा लिया था. इस दौरान मौके से मिट्टी आदि के नमूने भी लिए लिए थे. इसके बाद गोली, कपड़े आदि का भी सैंपल लिया था. मुठभेड़ के बाद अभियान में शामिल जवानों ने शवों का फोटो लिया था. उस फोटो को भी एफएसएल की टीम ने रिकवर किया था. एफएसएल की टीम ने कुछ महीने पहले सीबीआई की जांच टीम को अपनी रिपोर्ट दी थी. इसी रिपोर्ट में कहा गया कि सभी की मुठभेड़ में जान गई है. एफएसएल की रिपोर्ट को सीबीआई ने एक मजबूत आधार मानते हुए सभी को क्लीनचिट दिया है. क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत किया है. क्लोजर रिपोर्ट में मुठभेड़ को सही बताया गया है.
हाइकोर्ट की निगरानी में हो रही थी जांच: 08 जून 2015 को पलामू के सतबरवा के भलवही घाटी में सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ टॉप माओवादी आरके यादव उर्फ अनुराग, उसका बेटा, भतीजा, मनिका के पारा शिक्षक उदय यादव, उसके रिश्तेदार नीरज यादव समेत 12 की जान गई थी. मुकेश सर पुलिस ने हथियार और भारी मात्रा में गोली बरामद की थी. पारा शिक्षक उदय यादव के पिता ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही थी. दिसंबर 2018 से पूरे मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की थी. जिसके बाद एफएसएल की टीम में घटनास्थल का जायजा लिया. मामले में जांच के लिए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर भी मौके पर पहुंचे थे.