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पांडेय गिरोह गैंगवार: कुख्यात डॉन विकास तिवारी समेत 10 के खिलाफ एफआईआर, पलामू पुलिस ने बनाया एसआईटी - PANDEY GANG WAR

पांडेय गिरोह के अपराधियों की हत्या मामले में कुल 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.

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कुख्यात डॉन और घटनास्थल के बाहर पुलिस टीम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 7, 2025, 11:08 AM IST

पलामू: पांडेय गिरोह गैंगवार मामले में कोयलांचल के डॉन विकास तिवारी और गिरोह से जुड़े 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. गैंगवार में मारे गए भरत पांडेय के पिता के आवेदन के आधार पर सभी के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा किया गया है. रविवार की रात पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा में हुई गैंगवार में अपराधियों ने भरत पांडेय एवं दीपक साव की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों कोयलांचल में आपराधिक गिरोह का संचालन करते थे और रामगढ़ के पतरातू के रहने वाले थे.

एसआईटी का गठन

गैंगवार के मामले में पलामू पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का भी गठन किया है. एसआईटी का नेतृत्व सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद कर रहे हैं. एसआईटी में सदर और शहर अंचल के इंस्पेक्टर, सतबरवा, रामगढ़, सदर, मनातू, हैदरनगर के थाना प्रभारी शामिल है.

मामले में एसआईटी का गठन किया गया है और विभिन्न इलाकों में छापेमारी की जा रही है. मामले में चैनपुर थाना में 10 से 11 आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है. पुलिस इलाकों में छापेमारी भी कर रही है. इधर, फॉरेंसिक की टीम ने भी घटनास्थल का जायजा लिया. फॉरेंसिक जांच के बाद दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा. घटनास्थल से पुलिस ने 20 से अधिक खोखा एवं गोली बरामद किया है - रीष्मा रमेशन, पलामू एसपी

वर्चस्व की लड़ाई में मारे गए भरत और दीपक

कोयलांचल के इलाके में भरत, पांडेय गिरोह का सदस्य हुआ करता था. 2021-22 में भरत पांडेय गिरोह से अलग हो गया था और अमन साव गिरोह से जुड़े दीपक साव उर्फ दुल्ला के साथ मिलकर अलग गिरोह बनाया था. भरत और दीपक के अन्य गिरोहों के साथ वर्चस्व की लड़ाई थी. रामगढ़ जिले में भरत पर 10 जबकि दीपक पर आधा दर्जन से भी अधिक अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप था. भरत दीपक के साथ पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा स्थित अपने मौसी के घर में पिछले 31 दिसंबर से रह रहा था.

कोयलांचल के शूटरों ने दिया घटना को अंजाम

घटना के बाद पुलिस की जांच में कई बातों का खुलासा हुआ है. भरत और दीपक को गोली मारने वाले शूटरों को पुख्ता जानकारी थी कि दोनों किस घर में रुके हैं और घर के कौन से कमरे में सोए हुए हैं. अपराधी घर के अंदर सीधे भरत और दीपक के कमरे में ही दाखिल हुए थे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी कुछ दूर तक पैदल भागे थे, उसके बाद वाहन का इस्तेमाल किया था. पुलिस का स्निफर डॉग द्वारा घर से मुख्य सड़क तक छानबीन हुई.

ये भी पढ़ें: पांडेय गिरोह गैंगवार: शूटरों को भरत और दीपक के बारे में थी सटीक सूचना! गोलियों से थर्राया घनी आबादी वाला इलाका

ये भी पढ़ें: कोयलांचल का बदला पलामू में! पांडेय गिरोह के दो कुख्यात अपराधियों की हत्या, घर में घुसकर मारी गोली

पलामू: पांडेय गिरोह गैंगवार मामले में कोयलांचल के डॉन विकास तिवारी और गिरोह से जुड़े 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. गैंगवार में मारे गए भरत पांडेय के पिता के आवेदन के आधार पर सभी के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा किया गया है. रविवार की रात पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा में हुई गैंगवार में अपराधियों ने भरत पांडेय एवं दीपक साव की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों कोयलांचल में आपराधिक गिरोह का संचालन करते थे और रामगढ़ के पतरातू के रहने वाले थे.

एसआईटी का गठन

गैंगवार के मामले में पलामू पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का भी गठन किया है. एसआईटी का नेतृत्व सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद कर रहे हैं. एसआईटी में सदर और शहर अंचल के इंस्पेक्टर, सतबरवा, रामगढ़, सदर, मनातू, हैदरनगर के थाना प्रभारी शामिल है.

मामले में एसआईटी का गठन किया गया है और विभिन्न इलाकों में छापेमारी की जा रही है. मामले में चैनपुर थाना में 10 से 11 आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है. पुलिस इलाकों में छापेमारी भी कर रही है. इधर, फॉरेंसिक की टीम ने भी घटनास्थल का जायजा लिया. फॉरेंसिक जांच के बाद दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा. घटनास्थल से पुलिस ने 20 से अधिक खोखा एवं गोली बरामद किया है - रीष्मा रमेशन, पलामू एसपी

वर्चस्व की लड़ाई में मारे गए भरत और दीपक

कोयलांचल के इलाके में भरत, पांडेय गिरोह का सदस्य हुआ करता था. 2021-22 में भरत पांडेय गिरोह से अलग हो गया था और अमन साव गिरोह से जुड़े दीपक साव उर्फ दुल्ला के साथ मिलकर अलग गिरोह बनाया था. भरत और दीपक के अन्य गिरोहों के साथ वर्चस्व की लड़ाई थी. रामगढ़ जिले में भरत पर 10 जबकि दीपक पर आधा दर्जन से भी अधिक अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप था. भरत दीपक के साथ पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा स्थित अपने मौसी के घर में पिछले 31 दिसंबर से रह रहा था.

कोयलांचल के शूटरों ने दिया घटना को अंजाम

घटना के बाद पुलिस की जांच में कई बातों का खुलासा हुआ है. भरत और दीपक को गोली मारने वाले शूटरों को पुख्ता जानकारी थी कि दोनों किस घर में रुके हैं और घर के कौन से कमरे में सोए हुए हैं. अपराधी घर के अंदर सीधे भरत और दीपक के कमरे में ही दाखिल हुए थे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी कुछ दूर तक पैदल भागे थे, उसके बाद वाहन का इस्तेमाल किया था. पुलिस का स्निफर डॉग द्वारा घर से मुख्य सड़क तक छानबीन हुई.

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