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केटीपीएस के प्लांट प्रबंधक पर वादाखिलाफी का आरोप, विस्थापितों ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - KODERMA THERMAL POWER STATION

कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के विस्थापितों ने बैठक कर अपनी समस्याएं रखीं. उनका आरोप है कि डीवीसी पदाधिकारियों ने अपने वादे पूरे नहीं किए.

Koderma Thermal Power Station
केटीपीएस के विस्थापितों की बैठक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 8, 2025, 1:28 PM IST

कोडरमा: थर्मल पावर प्लांट के विस्थापितों ने प्रबंधन के द्वारा मूलभूत समस्याओं को नजरअंदाज किए जाने के विरोध में केटीपीएस के समीप एक बैठक की, जिसमें समस्याओं का समाधान नहीं होने की स्थिति में 16 जनवरी से प्लांट में तालाबंदी करने का निर्णय लिया गया.

बरकट्ठा विद्यायक अमित यादव के निर्देश पर आयोजित बैठक में कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन (केटीपीएस) की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए समिति के पदाधिकारियों ने अपनी बातें रखीं.

केटीपीएस के विस्थापितों की प्रबंधक के खिलाफी बैठक (Etv Bharat)

समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जिस समय इस प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, उस समय दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के पदाधिकारियों ने विस्थापितों से कई वादे किए थे, लेकिन बाद में सब के सब वादे झूठे निकले.

विस्थापितों ने कहा कि प्लांट निर्माण से पहले कहा गया था कि प्रभावित परिवारों को शत प्रतिशत नौकरी दी जाएगी, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सुविधा मुहैया कराई जाएंगी लेकिन आज भी विस्थापित इन सभी सुविधाओं से वंचित हैं.

विस्थापितों ने कहा कि पहले जब यहां केटीपीएस में 1 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था उसी से होने वाले प्रदूषण से हमलोग परेशान थे. अब ऐसे में 1600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने से समस्या और बढ़ जाएगी. विस्थापितों ने कहा कि अगर दामोदर घाटी निगम विस्थापित नीति के तहत विस्थापितों को सुविधा मुहैया नहीं कराती है और हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हमलोग 16 जनवरी से उग्र आंदोलन करेंगे.

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समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जिस समय इस प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, उस समय दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के पदाधिकारियों ने विस्थापितों से कई वादे किए थे, लेकिन बाद में सब के सब वादे झूठे निकले.

विस्थापितों ने कहा कि प्लांट निर्माण से पहले कहा गया था कि प्रभावित परिवारों को शत प्रतिशत नौकरी दी जाएगी, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सुविधा मुहैया कराई जाएंगी लेकिन आज भी विस्थापित इन सभी सुविधाओं से वंचित हैं.

विस्थापितों ने कहा कि पहले जब यहां केटीपीएस में 1 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था उसी से होने वाले प्रदूषण से हमलोग परेशान थे. अब ऐसे में 1600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने से समस्या और बढ़ जाएगी. विस्थापितों ने कहा कि अगर दामोदर घाटी निगम विस्थापित नीति के तहत विस्थापितों को सुविधा मुहैया नहीं कराती है और हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हमलोग 16 जनवरी से उग्र आंदोलन करेंगे.

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