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Land Dispute In Palamu: जमीन खरीद बिक्री के नाम पर हो रहा फर्जीवाड़ा, हर महीने दर्ज हो रहे दर्जनों मामले

पलामू में जमीन खरीद बिक्री के नाम फर्जीवाड़ा हो रहा है. इससे संबंधित दर्जनों मामले हर महीने थाने में दर्ज किए जा रहे हैं. इसकी जांच पुलिस के लिए सिर दर्द साबित हो रही है.

Increasing cases of dispute in land purchase In palamu
palamu mednininagar police station
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Published : Mar 10, 2023, 6:28 PM IST

Updated : Mar 10, 2023, 8:11 PM IST

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पलामू: जमीन विवाद के कारण नक्सलवाद का जन्म हुआ और इसके कारण कई बड़े नरसंहार भी हुए हैं. हालांकि वक्त के साथ नक्सल कमजोर हुए और हिंसक वारदात भी कम हुए. लेकिन जमीन विवाद की समस्या हर बार स्वरूप को बदल रही है और प्रशासनिक तंत्र के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. पिछले कुछ महीनों में जमीन की खरीद बिक्री से संबंधित फर्जीवाड़े के मामले काफी बढ़ गए. हर महीने जमीन खरीद बिक्री में हुए फर्जीवाड़े के मामले में कई एफआईआर दर्ज की जा रही है.

ये भी पढ़ें: Palamu News: डीएफओ हत्याकांड से जुड़े नक्सली की जिंदगी फिल्मी स्टोरी जैसी, आत्मसमर्पण के पैसे लेकर भाग गई पत्नी

मार्च के पहले सप्ताह में पलामू प्रमंडल यह मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन थाना में 11 एफआईआर दर्ज किया गया है. पलामू के विभिन्न थानों में फरवरी में 35 से अधिक एफआईआर दर्ज किए गए हैं. कई मामलों में आरोपी और पीड़ित बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जमीनी विवाद में फर्जीवाड़ा से संबंधित दर्ज होने वाले एफआईआर में 90 प्रतिशत से अधिक कोर्ट कंप्लेन हैं.

केस स्टडी 01: बिहार के सासाराम के रहने वाले संतोष नाम के व्यक्ति ने पलामू के एक व्यक्ति से जमीन खरीदी थी. जमीन खरीद बिक्री का सौदा 20 लाख रुपय में तय हुआ था. बाद में विक्रेता ने कोई और जमीन को संतोष कुमार नाम के व्यक्ति को बेच दिया. संतोष कुमार जब जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचे तो जिस जमीन को उसे बेचा गया है उसका स्थान अलग निकला. मामले में पीड़ित संतोष ने विक्रेता से शिकायत की जिसके बाद विक्रेता मामले टालमटोली कर रहा है. जिसके बाद पीड़ित संतोष ने एफआईआर दर्ज करवाया है.

केस स्टडी 02: पालमू के छतरपुर के रहने वाले कृष्णा राम ने 1992 में 20 हजार रुपये में अपनी जमीन को गिरवी रखा था. बाद में उनकी मौत हो गई, मौत के बाद जमीन को गिरवी लेने वाले व्यक्ति ने फर्जी तरीके से जमीन को अपने नाम करवा लिया. जमीन के पूरे कागजात में रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति और गवाहों के नाम भी फर्जी हैं. रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति और गवाहों के नाम कृष्णा राम के परिजनों से मिलता-जुलता है. यह पूरी जमीन नेशनल हाईवे 98 के बगल में है और लाखों रुपए मूल्य का है. पूरे मामले में मेदनीनगर टाउन थाना में एफआईआर दर्ज की गयी है.

पहले समझौता की करते हैं कोशिश, बाद में करते हैं कोर्ट कंप्लेन: दरअसल जमीन के फर्जीवाड़ा के मामले में पीड़ित पक्ष आरोपी के साथ समझौता करने की कोशिश करता है. कई मामलों में समझौता हो जाता है, जबकि कई मामले में समझौता नहीं होने पर पीड़ित कोर्ट कंप्लेन का सहारा लेते हैं. पलामू पुलिस के पास कोर्ट कंप्लेंट से संबंधित दर्जनों मामले पहुंच रहे हैं. जमीन से संबंधित मामले में पैसे लेकर जमीन की रजिस्ट्री नहीं, फर्जी प्लॉट की रजिस्ट्री संबंधित शिकायत अधिक दर्ज किए जा रहे हैं. कई मामलों में नौकरी पेशा व्यक्ति फर्जीवाड़ा के शिकार हो रहे हैं. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि इलाके में जमीन विवाद अधिक है आपसी सहमति नहीं बनने पर कोर्ट में शिकायत की जा रही है, जिस पर पुलिस नियमानुसार कार्रवाई कर रही है. इस तरह के एफआईआर की संख्या बढ़ती जा रही है. पुलिस मामले में अनुसंधान कर रही है.

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पलामू: जमीन विवाद के कारण नक्सलवाद का जन्म हुआ और इसके कारण कई बड़े नरसंहार भी हुए हैं. हालांकि वक्त के साथ नक्सल कमजोर हुए और हिंसक वारदात भी कम हुए. लेकिन जमीन विवाद की समस्या हर बार स्वरूप को बदल रही है और प्रशासनिक तंत्र के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है. पिछले कुछ महीनों में जमीन की खरीद बिक्री से संबंधित फर्जीवाड़े के मामले काफी बढ़ गए. हर महीने जमीन खरीद बिक्री में हुए फर्जीवाड़े के मामले में कई एफआईआर दर्ज की जा रही है.

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मार्च के पहले सप्ताह में पलामू प्रमंडल यह मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन थाना में 11 एफआईआर दर्ज किया गया है. पलामू के विभिन्न थानों में फरवरी में 35 से अधिक एफआईआर दर्ज किए गए हैं. कई मामलों में आरोपी और पीड़ित बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जमीनी विवाद में फर्जीवाड़ा से संबंधित दर्ज होने वाले एफआईआर में 90 प्रतिशत से अधिक कोर्ट कंप्लेन हैं.

केस स्टडी 01: बिहार के सासाराम के रहने वाले संतोष नाम के व्यक्ति ने पलामू के एक व्यक्ति से जमीन खरीदी थी. जमीन खरीद बिक्री का सौदा 20 लाख रुपय में तय हुआ था. बाद में विक्रेता ने कोई और जमीन को संतोष कुमार नाम के व्यक्ति को बेच दिया. संतोष कुमार जब जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचे तो जिस जमीन को उसे बेचा गया है उसका स्थान अलग निकला. मामले में पीड़ित संतोष ने विक्रेता से शिकायत की जिसके बाद विक्रेता मामले टालमटोली कर रहा है. जिसके बाद पीड़ित संतोष ने एफआईआर दर्ज करवाया है.

केस स्टडी 02: पालमू के छतरपुर के रहने वाले कृष्णा राम ने 1992 में 20 हजार रुपये में अपनी जमीन को गिरवी रखा था. बाद में उनकी मौत हो गई, मौत के बाद जमीन को गिरवी लेने वाले व्यक्ति ने फर्जी तरीके से जमीन को अपने नाम करवा लिया. जमीन के पूरे कागजात में रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति और गवाहों के नाम भी फर्जी हैं. रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति और गवाहों के नाम कृष्णा राम के परिजनों से मिलता-जुलता है. यह पूरी जमीन नेशनल हाईवे 98 के बगल में है और लाखों रुपए मूल्य का है. पूरे मामले में मेदनीनगर टाउन थाना में एफआईआर दर्ज की गयी है.

पहले समझौता की करते हैं कोशिश, बाद में करते हैं कोर्ट कंप्लेन: दरअसल जमीन के फर्जीवाड़ा के मामले में पीड़ित पक्ष आरोपी के साथ समझौता करने की कोशिश करता है. कई मामलों में समझौता हो जाता है, जबकि कई मामले में समझौता नहीं होने पर पीड़ित कोर्ट कंप्लेन का सहारा लेते हैं. पलामू पुलिस के पास कोर्ट कंप्लेंट से संबंधित दर्जनों मामले पहुंच रहे हैं. जमीन से संबंधित मामले में पैसे लेकर जमीन की रजिस्ट्री नहीं, फर्जी प्लॉट की रजिस्ट्री संबंधित शिकायत अधिक दर्ज किए जा रहे हैं. कई मामलों में नौकरी पेशा व्यक्ति फर्जीवाड़ा के शिकार हो रहे हैं. पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि इलाके में जमीन विवाद अधिक है आपसी सहमति नहीं बनने पर कोर्ट में शिकायत की जा रही है, जिस पर पुलिस नियमानुसार कार्रवाई कर रही है. इस तरह के एफआईआर की संख्या बढ़ती जा रही है. पुलिस मामले में अनुसंधान कर रही है.

Last Updated : Mar 10, 2023, 8:11 PM IST
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