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पलामू में गर्मी का प्रकोपः तापमान 45 डिग्री सेल्सियस, आम जनजीवन बेहाल

पलामू में गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिला का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. पर्यावरणविद तापमान में बढ़ोतरी को खतने की घंटी बता रहे हैं.

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पलामू
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Published : Apr 18, 2022, 9:47 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 10:12 PM IST

पलामूः पूरा जिला गर्मी से तप रहा है. पूरे देश में अधिकतम तापमान पलामू के इलाके में ही लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है. पलामू में गर्मी का प्रकोप ऐसा है कि पिछले एक पखवाड़े से जिला का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. जो पूरे झारखंड में सबसे अधिक तापमान पलामू में रिकॉर्ड किया जा रहा है. जिससे यहां जनजीवन बेहाल हो गया है.

इसे भी पढ़ें- 12 अप्रैल को देश में सबसे गर्म शहर बना पलामू, भीषण गर्मी के कारण शिक्षकों ने की स्कूल के समय में परिवर्तन की मांग

पलामू का तापमान खतरे की घंटी है. पर्यावरणविद इसे जंगल घटने में कारण चट्टानों का गर्म होना बता रहे हैं. पलामू के जंगल 30 प्रतिशत तक कम हो गए है. पलामू में गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिला का पारा 45 के आसपास है जबकि एक सप्ताह पहले पलामू में पूरे देश भर में सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया था. इन सबके बीच पर्यावरणविदों की मानें तो पलामू में लगातार जंगल घट रहे हैं. आजादी के बाद से पलामू में 30 प्रतिशत तक जंगल काम हो गए हैं. पलामू में 1.72 लाख हेक्टेयर में जंगल बचे हुए है जबकि आजादी के वक्त इस इलाके में 2.20 लाख हेक्टेयर से भी अधिक में जंगल मौजूद था.

देखें पूरी खबर
पलामू से कर्क रेखा से गुजरती है. जिससे पूरा इलाका रेन शैडो एरिया में आता है. पर्यावरणविद सह वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल बताते हैं कि यह जिला शैडो एरिया में है जिस कारण यहां गर्मी अधिक पड़ती है. उन्होंने बताया कि पलामू में वन लगातार कम हो रहे हैं जिस कारण यहां का तापमान बढ़ता जा रहा है. पलामू के जंगल घट रहे हैं जिस कारण यहां के चट्टान और वातावरण गर्म हो रहा है. उन्होंने बताया कि पलामू में गर्मी और तापमान बढ़ने का सबसे बड़ा एक कारण है कि महुआ चुनने के लिए लोग जंगलों में आग लगाना भी शामिल है. इसके साथ पास के क्षेत्र में हुए माइनिंग का भी असर पलामू पर पड़ रहा है.

पलामूः पूरा जिला गर्मी से तप रहा है. पूरे देश में अधिकतम तापमान पलामू के इलाके में ही लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है. पलामू में गर्मी का प्रकोप ऐसा है कि पिछले एक पखवाड़े से जिला का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. जो पूरे झारखंड में सबसे अधिक तापमान पलामू में रिकॉर्ड किया जा रहा है. जिससे यहां जनजीवन बेहाल हो गया है.

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पलामू का तापमान खतरे की घंटी है. पर्यावरणविद इसे जंगल घटने में कारण चट्टानों का गर्म होना बता रहे हैं. पलामू के जंगल 30 प्रतिशत तक कम हो गए है. पलामू में गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिला का पारा 45 के आसपास है जबकि एक सप्ताह पहले पलामू में पूरे देश भर में सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया था. इन सबके बीच पर्यावरणविदों की मानें तो पलामू में लगातार जंगल घट रहे हैं. आजादी के बाद से पलामू में 30 प्रतिशत तक जंगल काम हो गए हैं. पलामू में 1.72 लाख हेक्टेयर में जंगल बचे हुए है जबकि आजादी के वक्त इस इलाके में 2.20 लाख हेक्टेयर से भी अधिक में जंगल मौजूद था.

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पलामू से कर्क रेखा से गुजरती है. जिससे पूरा इलाका रेन शैडो एरिया में आता है. पर्यावरणविद सह वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल बताते हैं कि यह जिला शैडो एरिया में है जिस कारण यहां गर्मी अधिक पड़ती है. उन्होंने बताया कि पलामू में वन लगातार कम हो रहे हैं जिस कारण यहां का तापमान बढ़ता जा रहा है. पलामू के जंगल घट रहे हैं जिस कारण यहां के चट्टान और वातावरण गर्म हो रहा है. उन्होंने बताया कि पलामू में गर्मी और तापमान बढ़ने का सबसे बड़ा एक कारण है कि महुआ चुनने के लिए लोग जंगलों में आग लगाना भी शामिल है. इसके साथ पास के क्षेत्र में हुए माइनिंग का भी असर पलामू पर पड़ रहा है.
Last Updated : Apr 18, 2022, 10:12 PM IST
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