पलामू: सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है कि पलामू में सिर्फ ग्रीन पटाखों की बिक्री होगी, जबकि रात आठ बजे से 10 बजे तक ही पटाखों को छोड़ा जा सकता है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सितंबर 2019 में पलामू का सर्वे किया था, जिसमें हवा को कम मात्रा में प्रदूषित पाया था. उसी सर्वे के आधार पर गाइडलाइन जारी किया गया है.
पलामू में दिवाली के दौरान डेढ़ से दो करोड़ रुपये का पटाखों का कारोबार होता है. दिवाली से एक दिन पहले से 40 से 50 प्रतिशत पटाखों की बिक्री होती है. पलामू में खास जगहों को पटाखों की बिक्री के लिए चिन्हित किया गया है. पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के शिवाजी मैदान में दिवाली और छठ के दौरान पटाखों की दुकान लगती है. यंहा से पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में पटाखे जाती हैं.
इस बार बाजार सुनी है, पटाखों की बिक्री नहीं हो रही है. दुकानदारों ने ईटीवी भारत को बताया कि बाजार सुनी है. ग्राहक नहीं आ रहे हैं. अभी तक 10 प्रतिशत पटाखों की बिक्री नहीं हुई है. कोरोना का असर इस बार बाजार पर पड़ा है. लोग खरीदारी के लिए नहीं निकल रहे, जो व्यक्ति दो हजार का पटाखा खरीदता था वह दो सौ का भी नहीं खरीद रहा है.
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पलामू में तीन वर्षों से बिक रहे हैं सिर्फ ग्रीन पटाखे
पलामू में पिछले तीन वर्षों से सिर्फ ग्रीन पटाखे बिक रहे हैं. दुकानदारों ने बताया कि ग्रीन पटाखे वो है, जिसमें तेज आवाज नहीं होती, जबकि धुंआ बेहद कम होता है. उन्होंने बताया कि पलामू में पटाखे नहीं बिक रहे हैं.