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पलामू टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म को दिया जाएगा बढ़ावा, टूरिस्ट स्थल पर बढ़ाई जा रही सुविधा - Palamu news

पलामू टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म (Eco tourism in Palamu Tiger Reserve) को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके साथ ही टूरिस्ट स्थलों को विकसित करने के साथ साथ सुविधा बढ़ाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक पीटीआर पहुंच सके.

Palamu Tiger Reserve
पलामू टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म को दिया जाएगा बढ़ावा
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Published : Nov 16, 2022, 9:51 PM IST

पलामूः सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ पर्यटकों की गतिविधि बढ़ जाती है. साल के अंतिम महीने में लोग जश्न मनाने के लिए टूरिस्ट प्लेस पर पंहुचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है. पलामू टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म (Eco tourism in Palamu Tiger Reserve) को बढ़ावा दिया जा रहा है. पीटीआर टूरिस्ट प्लेस पर इको डेवलपमेंट कमिटी एक्टिव है. पीटीआर प्रशासन की योजना है कि नेतरहाट, केचकी, सुग्गाबांध समेत 14 स्थानों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित कर सुविधा बढ़ाई जाए.

यह भी पढ़ेंः बेतला नेशनल पार्क तीन माह बाद खुला, प्रबंधन ने किया पर्यटकों का स्वागत

पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि नेतरहाट में पीटीआर प्रबंधन द्वारा कॉटेज का निर्माण कराया जा रहा है. केचकी समेत कई पर्यटन केंद्रों पर गजीबो का निर्माण किया जा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क इलाके में प्रतिवर्ष 33 से 40 हजार पर्यटक पहुंचते हैं. वहीं, पलामू टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में यह आंकड़ा बढ़कर 60 हजार से अधिक हो जाता है. बेतला नेशनल पार्क के बाद पर्यटकों की सबसे अधिक भीड़ नेतरहाट के इलाके में पहुंचती है.

देखें पूरी खबर


इको टूरिज्म को बढ़ावा बेतला, केचकी, कमलदह, मंडल डैम, मिर्चाइया, कोयल ब्रिज गारू, सुगा बांध, लोध फॉल, अक्सी, रूद, कोयल व्यू प्वाइंट, लोअर घाघरी, मारोमार और लाभर नाका के इलाके में पर्यटन सुविधा को बढ़ाया जा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन इन पर्यटन केंद्रों को पूर्व में ही इको डेवलपमेंट कमिटी को देने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया था. कई इलाकों में इको डेवलपमेंट कमेटी ही पर्यटन गतिविधि का संचालन कर रही है. पीटीआर प्रबंधन पर्यटकों को स्थानीय गाइड के साथ-साथ सुरक्षा उपलब्ध करवाने की योजना पर भी काम कर रही है. बेतला नेशनल पार्क झारखंड की राजधानी रांची से करीब 170 किलोमीटर दूर है और नेतरहाट की दूरी 151 किलोमीटर है.

पलामूः सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ पर्यटकों की गतिविधि बढ़ जाती है. साल के अंतिम महीने में लोग जश्न मनाने के लिए टूरिस्ट प्लेस पर पंहुचते हैं. पलामू टाइगर रिजर्व पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है. पलामू टाइगर रिजर्व में इको टूरिज्म (Eco tourism in Palamu Tiger Reserve) को बढ़ावा दिया जा रहा है. पीटीआर टूरिस्ट प्लेस पर इको डेवलपमेंट कमिटी एक्टिव है. पीटीआर प्रशासन की योजना है कि नेतरहाट, केचकी, सुग्गाबांध समेत 14 स्थानों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित कर सुविधा बढ़ाई जाए.

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पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि नेतरहाट में पीटीआर प्रबंधन द्वारा कॉटेज का निर्माण कराया जा रहा है. केचकी समेत कई पर्यटन केंद्रों पर गजीबो का निर्माण किया जा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क इलाके में प्रतिवर्ष 33 से 40 हजार पर्यटक पहुंचते हैं. वहीं, पलामू टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में यह आंकड़ा बढ़कर 60 हजार से अधिक हो जाता है. बेतला नेशनल पार्क के बाद पर्यटकों की सबसे अधिक भीड़ नेतरहाट के इलाके में पहुंचती है.

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इको टूरिज्म को बढ़ावा बेतला, केचकी, कमलदह, मंडल डैम, मिर्चाइया, कोयल ब्रिज गारू, सुगा बांध, लोध फॉल, अक्सी, रूद, कोयल व्यू प्वाइंट, लोअर घाघरी, मारोमार और लाभर नाका के इलाके में पर्यटन सुविधा को बढ़ाया जा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन इन पर्यटन केंद्रों को पूर्व में ही इको डेवलपमेंट कमिटी को देने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया था. कई इलाकों में इको डेवलपमेंट कमेटी ही पर्यटन गतिविधि का संचालन कर रही है. पीटीआर प्रबंधन पर्यटकों को स्थानीय गाइड के साथ-साथ सुरक्षा उपलब्ध करवाने की योजना पर भी काम कर रही है. बेतला नेशनल पार्क झारखंड की राजधानी रांची से करीब 170 किलोमीटर दूर है और नेतरहाट की दूरी 151 किलोमीटर है.

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