पलामूः पांकी में दो पक्षों में आपसी विवाद के बाद इंटरनेट सेवा बंद करने का प्रस्ताव दिया गया है. जिला प्रशासन ने इस संबंध में गृह विभाग को प्रस्ताव सौंपा है. पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 45 किलोमीटर दूर पांकी में बुधवार को महाशिवरात्रि के तोरण द्वार लगाने के विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे. इस घटना में आधा दर्जन के करीब दुकानों को नुकसान पहुंचा है. जबकि दो घर जल गए हैं. इस घटना में लेस्लीगंज एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए एक दर्जन से भी अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है. पलामू जोन के आईजी राजकुमार लाकड़ा, पलामू डीसी ए दोड्डे, एसपी चंदन कुमार सिन्हा समेत कई टॉप पुलिस अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं.
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सोशल मीडिया पर बढ़ाई गई निगरानी, डीसी-एसपी ने की शांति बरतने की अपीलः पलामू के पांकी की घटना के बाद सोशल मीडिया पर पलामू जिला प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है. डीसी ए दोड्डे ने ईटीवी भारत को बताया कि इलाके में प्रशासन की कड़ी नजर है और उपद्रव फैलाने वाले खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही. डीसी ने कहा कि सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई गई है और आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने आम लोगों से शांति बरतने की अपील की है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है और पुलिस हर स्थिति पर नजर बनाए हुए.
500 से अधिक पुलिस जवान किए गए तैनात, छावनी में तब्दील हुआ इलाकाः घटना के बाद पांकी के इलाके में 500 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है. इलाके में जैप, आईआरबी समेत कई बलों की तैनाती की गई है. घटना में जख्मी पुलिस जवानों को इलाज के लिए पांकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया है. पांकी के इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है.
कैसे बढ़ा तनाव, इलाके में जारी है सर्च अभियानः दरसल पांकी मस्जिद चौक के पास महाशिवरात्रि को लेकर तोरण द्वार बनाया जा रहा था. इसी क्रम में एक पक्ष ने हस्तक्षेप किया था. बाद में दोनों पक्षो को थाना बुलाया गया था. बुधवार की सुबह एक पक्ष तोरण द्वार लगाने गया था, इसी क्रम में दोनों पक्ष में विवाद हो गया और जमकर हिंसा हुई.