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Crime News Palamu: पलामू में बिहार के दो राइस मिल संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, झारखंड से धान लेने के बाद 17 हजार क्विंटल चावल वापस नहीं किया

पलामू में बिहार के दो राइस मिलरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. दोनों राइस मिल संचालकों ने झारखंड से धान लेने के बाद सही समय पर चावल नहीं उपलब्ध कराया है. दोनों राइस मिल संचालकों ने 17 हजार क्विंटल चावल वापस नहीं किया है.

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FIR On Bihar Rice Millers In Palamu
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2023, 7:22 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 7:57 PM IST

पलामू: झारखंड से धान लेने के बाद चावल वापस नहीं करने वाले दो राइस मिलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों राइस मिल बिहार में मौजूद हैं. दोनों पर करीब 17 हजार क्विंटल चावल वापस नहीं करने का आरोप है. पूरे मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह राज्य खाद्य निगम के पलामू प्रबंधक प्रीति किस्कू ने मेदिनीनगर टाउन थाना में बिहार के रोहतास के हरनाथपुर के रामचंद्र सिंह, जय बजरंग एग्रो फॉर्म प्राइवेट लिमिटेड और बिहार के रोहतास के सासाराम के रहने वाले राजेश प्रसाद मेसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड में खिलाफ एफआईआर के लिए आवेदन दिया है.

ये भी पढ़ें-सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न होने के बाद पलामू जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी, डीसी ने अधिकारियों को दिए कई निर्देश

17 हजार क्विंटल चावल वापस नहीं कियाः जय बजरंग एग्रो प्राइवेट फर्म लिमिटेड ने झारखंड के पलामू से 42181 क्विंटल धान का उठाव किया था. जिसमें से मात्र 18237 क्विंटल चावल वापस किया था. जबकि मेसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड ने पलामू से 60618 क्विंटल धान का उठाव किया था, जिसमें से 34424 क्विंटल चावल ही वापस किया है. जय बजरंग एग्रो के पास 10445, जबकि सिंघानिया एग्रो के पास 6932 क्विंटल चावल का बकाया है.

खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में पलामू में झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के पैक सिलेबस के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की गई थी. धान खरीद के बाद मिलर के साथ इकरारनामा किया गया था. इस इकरारना में धान के एवज में 68 प्रतिशत सीएमआर (चावल) को भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा किया जाना था. भारत सरकार की तरफ से चार बार मिलों का अवधि विस्तार किया गया, बावजूद भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल को जमा नहीं किया गया.

भारतीय खाद्य निगम भेजना है चावलः दरअसल, धान खरीद को लेकर राज्य सरकार ने मिलरों के साथ अनुबंध किया था और चावल को भारतीय खाद्य निगम को दिया जाना था. इस चावल को धान के उठाव के 15 दिनों के अंदर जमा किया जाना था. राज्य खाद्य निगम के तरफ से चौथी बार दो फरवरी को अवधि विस्तार दिया गया था और 26 जुलाई 2023 तक धान के एवज में राशि जमा करने को कहा गया था. जय बजरंग फॉर्म एग्रो प्राइवेट को 33061431 रुपए, जबकि मेसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड को 2190606 रुपए जमा करना था.

मेदिनीनगर टाउन थाना में एफआईआर के लिए आवेदनः इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह राज्य खाद्य निगम के पलामू जिला प्रबंधक प्रीति किस्कू ने बताया कि पूरे मामले में मेदिनीनगर टाउन थाना को एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया है. चार बार अवधि विस्तार के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है. मेदिनीनगर टाउन थाना प्रभारी अभय कुमार सिन्हा ने बताया कि पूरे मामले में आवेदन मिलने के बाद फिर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

पलामू: झारखंड से धान लेने के बाद चावल वापस नहीं करने वाले दो राइस मिलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों राइस मिल बिहार में मौजूद हैं. दोनों पर करीब 17 हजार क्विंटल चावल वापस नहीं करने का आरोप है. पूरे मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह राज्य खाद्य निगम के पलामू प्रबंधक प्रीति किस्कू ने मेदिनीनगर टाउन थाना में बिहार के रोहतास के हरनाथपुर के रामचंद्र सिंह, जय बजरंग एग्रो फॉर्म प्राइवेट लिमिटेड और बिहार के रोहतास के सासाराम के रहने वाले राजेश प्रसाद मेसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड में खिलाफ एफआईआर के लिए आवेदन दिया है.

ये भी पढ़ें-सुखाड़ जैसे हालात उत्पन्न होने के बाद पलामू जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी, डीसी ने अधिकारियों को दिए कई निर्देश

17 हजार क्विंटल चावल वापस नहीं कियाः जय बजरंग एग्रो प्राइवेट फर्म लिमिटेड ने झारखंड के पलामू से 42181 क्विंटल धान का उठाव किया था. जिसमें से मात्र 18237 क्विंटल चावल वापस किया था. जबकि मेसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड ने पलामू से 60618 क्विंटल धान का उठाव किया था, जिसमें से 34424 क्विंटल चावल ही वापस किया है. जय बजरंग एग्रो के पास 10445, जबकि सिंघानिया एग्रो के पास 6932 क्विंटल चावल का बकाया है.

खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में पलामू में झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के पैक सिलेबस के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की गई थी. धान खरीद के बाद मिलर के साथ इकरारनामा किया गया था. इस इकरारना में धान के एवज में 68 प्रतिशत सीएमआर (चावल) को भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा किया जाना था. भारत सरकार की तरफ से चार बार मिलों का अवधि विस्तार किया गया, बावजूद भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल को जमा नहीं किया गया.

भारतीय खाद्य निगम भेजना है चावलः दरअसल, धान खरीद को लेकर राज्य सरकार ने मिलरों के साथ अनुबंध किया था और चावल को भारतीय खाद्य निगम को दिया जाना था. इस चावल को धान के उठाव के 15 दिनों के अंदर जमा किया जाना था. राज्य खाद्य निगम के तरफ से चौथी बार दो फरवरी को अवधि विस्तार दिया गया था और 26 जुलाई 2023 तक धान के एवज में राशि जमा करने को कहा गया था. जय बजरंग फॉर्म एग्रो प्राइवेट को 33061431 रुपए, जबकि मेसर्स सिंघानिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड को 2190606 रुपए जमा करना था.

मेदिनीनगर टाउन थाना में एफआईआर के लिए आवेदनः इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह राज्य खाद्य निगम के पलामू जिला प्रबंधक प्रीति किस्कू ने बताया कि पूरे मामले में मेदिनीनगर टाउन थाना को एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया है. चार बार अवधि विस्तार के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है. मेदिनीनगर टाउन थाना प्रभारी अभय कुमार सिन्हा ने बताया कि पूरे मामले में आवेदन मिलने के बाद फिर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

Last Updated : Aug 25, 2023, 7:57 PM IST
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