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बकोरिया मुठभेड़ में CBI जांच शुरू, पुलिस अधिकारियों के ड्राइवर और बॉडीगार्ड से हुई पूछताछ

9 जून 2015 को पलामू के सतबरवा के भलवही घाटी में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुए कथित मुठभेड़ मामले में जांच शुरू कर दी गई है. सीबीआई की टीम ने इस मामले में पूछताछ शुरू कर दी है.

CBI investigation started in Bakoria encounter in palamu
कथित बकोरिया मुठभेड़ में CBI जांच शुरू
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Published : Feb 18, 2020, 1:18 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 2:47 PM IST

पलामू: बकोरिया मुठभेड़ मामले में सीबीआई की दो टीम ने जिले में जांच शुरू कर दी है. सोमवार को सीबीआई ने तत्कालीन अभियान एसपी कन्हैया सिंह, डीएसपी प्रभात रंजन बरवार, ओपी प्रभारी मोहम्मद रुस्तम के बॉडीगार्ड और ड्राइवर और थाना के मुंशी से पूछताछ की है, जिसमें सीबीआई को कई अहम जानकारी मिली है.

जानकारी देते संवाददाता

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस अधिकारियों के ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने मुठभेड़ की घटना से इनकार किया है. इस मामले में सीबीआई सभी को नोटिस जारी करेगी. सीबीआई ने जुलाई 2019 में बकोरिया में हुए मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था.

इसे भी पढ़ें:- जेल से छूटते ही टॉप कमांडर की मिली जिम्मेदारी, बिहार के रहने वाले हैं सभी माओवादी

बकोरिया मुठभेड़ की प्राथमिकी दर्ज करने वाले दारोगा मोहम्मद रुस्तम ने पहले ही बयान बदल दिया है. मोहम्मद रुस्तम अब सीबीआई के सरकारी गवाह बन चुके हैं. बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े दारोगा हरीश पाठक और गुलाम रब्बानी पहले ही बागी हो चुके हैं. ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने सीबीआई को अलग अलग बयान दिया है.

इस मामले में सीबीआई की एक टीम मृतक के परिजनों से पूछताछ के लिए गई है. 9 जून 2015 को पलामू के सतबरवा के भलवही घाटी में सुरक्षाबलों और माओवादियो के बीच कथित मुठभेड़ हुई थी, इसमें 12 माओवादी मारे गए थे. मारे गए माओवादियों में कुख्यात माओवादी कमांडर अनुराग उर्फ डॉक्टर था. इस मुठभेड़ में चार नाबालिग, पारा शिक्षक के साथ साथ अनुराग का बेटा और भतीजा भी मारा गया था.

पलामू: बकोरिया मुठभेड़ मामले में सीबीआई की दो टीम ने जिले में जांच शुरू कर दी है. सोमवार को सीबीआई ने तत्कालीन अभियान एसपी कन्हैया सिंह, डीएसपी प्रभात रंजन बरवार, ओपी प्रभारी मोहम्मद रुस्तम के बॉडीगार्ड और ड्राइवर और थाना के मुंशी से पूछताछ की है, जिसमें सीबीआई को कई अहम जानकारी मिली है.

जानकारी देते संवाददाता

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस अधिकारियों के ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने मुठभेड़ की घटना से इनकार किया है. इस मामले में सीबीआई सभी को नोटिस जारी करेगी. सीबीआई ने जुलाई 2019 में बकोरिया में हुए मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था.

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बकोरिया मुठभेड़ की प्राथमिकी दर्ज करने वाले दारोगा मोहम्मद रुस्तम ने पहले ही बयान बदल दिया है. मोहम्मद रुस्तम अब सीबीआई के सरकारी गवाह बन चुके हैं. बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े दारोगा हरीश पाठक और गुलाम रब्बानी पहले ही बागी हो चुके हैं. ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने सीबीआई को अलग अलग बयान दिया है.

इस मामले में सीबीआई की एक टीम मृतक के परिजनों से पूछताछ के लिए गई है. 9 जून 2015 को पलामू के सतबरवा के भलवही घाटी में सुरक्षाबलों और माओवादियो के बीच कथित मुठभेड़ हुई थी, इसमें 12 माओवादी मारे गए थे. मारे गए माओवादियों में कुख्यात माओवादी कमांडर अनुराग उर्फ डॉक्टर था. इस मुठभेड़ में चार नाबालिग, पारा शिक्षक के साथ साथ अनुराग का बेटा और भतीजा भी मारा गया था.

Last Updated : Feb 18, 2020, 2:47 PM IST
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