पलामू: पांच दशक के नक्सल इतिहास में पुलिस ने माओवादियों के अब तक के सबसे बड़े कमांडर प्रशांत बोस (Prashant Bose) को गिरफ्तार किया है. टॉप माओवादी कमांडर प्रशांत बोस उर्फ किशन ने जनवरी फरवरी 2020 में बिहार झारखंड सीमा के छकरबंधा में कैंप किया था. गिरफ्तार प्रशांत बोस ने सुरक्षा एजेंसियां को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है. प्रशांत बोस ने बिहार झारखंड सीमा पर चाल्हो जोन (गया और उतरी बिहार) के एक्टिव करने का निर्देश दिया था. इसी बैठक में बूढ़ापहाड के इलाके का नया कमांडर मिथिलेश मेहता उर्फ बनबिहारी को बनाया गया था.
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मिसिर बेसरा को बनाया जा सकता है ईआरबी नया कमांडर
प्रशांत बोस ने सुरक्षा अधिकारियों को कई बड़ी जानकारी दी है. उसने सुरक्षा अधिकारी को बताया है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद मिसिर बेसरा (Misir Besra) को ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (Eastern Regional Bureau) का नया चीफ बनाया जा सकता है. मिसिर बेसरा पर एक करोड़ रुपये का इनाम है. प्रशांत बोस ने सुरक्षा अधिकारी को बताया है कि माओवादियों को सबसे अधिक लेवी कोयल शंख जोन से मिलता है. जबकि पारसनाथ के इलाके में माओवादियों को लेवी मिलना बंद हो गया है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादी कमजोर स्थिति में हैं.
प्रशांत बोस ने सुरक्षा अधिकारी को बताया कि झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद छकरबंधा के इलाके में माओवादियों की एक बड़ी कंपनी सक्रिय है. इस इलाके में बिहार का सबसे बड़ा दस्ता सक्रिय है. कुछ पुराने कैडर एक्टिव हुए हैं. माओवादी उम्मीद से अधिक कमजोर हो गए हैं.
12 नवंबर को झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल हुई थी. भाकपा माओवादियों के शीर्ष पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रशांत बोस (Prashant Bose) उर्फ किशन दा, उनकी पत्नी शीला मरांडी समेत चार माओवादियों को झारखंड पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था. प्रशांत बोस उसकी पत्नी और उसके दो बॉडीगार्ड्स को सरायकेला पुलिस ने एक स्कॉर्पियो से गिरिडीह से सरायकेला जाते समय गिरफ्तार किया है. प्रशांत बोस झारखंड-बिहार (Jharkhand-Bihar) में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर है.