भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत हो गई है. उद्घाटन समारोह में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री प्रतिभा मार्गरीटा और रक्षा निखिल खडसे शामिल हुए और दीप प्रज्वलित किया.
इस कार्यक्रम में दुनिया भर से 3,000 से ज्यादा एनआरआई (प्रवासी भारतीय) भाग ले रहे हैं, जो भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन विकास में अपने योगदान पर चर्चा करेंगे, जिसमें विकसित भारत के विजन भी शामिल होगा.
बुधवार को उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें गोपीचंद हिंदुजा, सत्य नडेला और बिभु महापात्रा जैसे दिग्गज शामिल थे. साथ ही राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का जिक्र किया. जयशंकर ने कहा, "ओडिशा की संस्कृति और इतिहास अनूठा है, और खेल, एल्युमीनियम उत्पादन और बुनियादी ढांचे में इसका योगदान अनुकरणीय है."
अडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने संबोधन में राज्य में विकास का हवाला देते हुए इसे संस्कृति, पुरातत्व और पर्यटन में अवसरों का केंद्र बताया. उन्होंने कहा, "ओडिशा, जो कभी 1999 के चक्रवात का खामियाजा भुगता था, ने तेजी से प्रगति की है और अब उस स्तर पर पहुंच गया है जहां इसे दुनिया भर में पहचाना जा रहा है."
भुवनेश्वर अब अपार अवसरों वाला जीवंत शहर
1999 के विनाशकारी चक्रवात की अपनी यादों को ताजा करते हुए, दुबई में रहने वाले घुटने की सर्जरी के विशेषज्ञ डॉ. आजम खान ने कहा कि ओडिशा की प्रगति आज दिखाई दे रही है. मूल रूप से बिहार के रहने वाले खान ने कहा, "ओडिशा में बहुत बड़ा बदलाव आया है. भुवनेश्वर, जो कभी बुनियादी ढांचे से जूझ रहा था, अब अपार अवसरों वाला जीवंत शहर बन गया है."
उन्होंने स्वास्थ्य सेवा में भारत की प्रगति की सराहना की और कहा कि रोबोटिक घुटने के प्रतिस्थापन जैसे अत्याधुनिक उपचार अब देश में उपलब्ध हैं.
प्रवासी समुदाय को मातृभूमि से जोड़ने के प्रयासों की प्रशंसा
लंदन स्थित चिकित्सक डॉ. उधेश्वर कुमार सिंह ने भी प्रवासी समुदाय को मातृभूमि से जोड़ने के प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "इस तरह के कार्यक्रम अंतर को पाटने और सहयोग के प्रयासों को सक्षम बनाने में मदद करते हैं. ओडिशा का समृद्ध इतिहास और कोणार्क मंदिर जैसी जगहें इसकी जीवंत संस्कृति के प्रतीक हैं."
सिंह ने क्षेत्रीय समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए वापस लौटने वाले युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने के महत्व पर भी बात की हालांकि, दोनों डॉक्टरों ने 2047 तक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया.
18वें प्रवासी भारतीय दिवस 8-10 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान प्रवासी भारतीय सम्मेलन में प्रतिनिधि चर्चाओं में भाग लेंगे और अपनी साझा विरासत का जश्न मनाते हुए भारत की प्रगति में योगदान देने के अवसरों की खोज करेंगे.
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