पलामू: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के बहादुर जवानों के पराक्रम को सम्मानित करने के लिए शुक्रवार को मेडल का ऐलान किया. सरकार ने झारखंड के 12 बहादुर पुलिसकर्मियों को पुलिस मेडल ऑफ गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. इसमें से 6 मेडल पलामू पुलिस को मिले हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से घोषित सम्मानों में पलामू पुलिस का दबदबा है. पलामू के छतरपुर एसडीपीओ शंभू कुमार सिंह, डीएसपी विमलेश त्रिपाठी को गैलेंट्री अवॉर्ड मिला है. वहीं चार अन्य जवानों को पीएमजी (पुलिस मेडल ऑफ गैलेंट्री अवॉर्ड) की घोषणा की गई है. सभी को ये अवॉर्ड 28 मई 2018 में हुए छतरपुर के डूंडूर के हेसाग पहाड़ी पर हुए मुठभेड़ के लिए मिला है. इस मुठभेड़ में टीएसपीसी के तीन टॉप कमांडर मारे गए थे. विमलेश त्रिपाठी फिलहाल चाईबासा में तैनात हैं, वे पलामू में 2017 से 2018 के अंतिम महीने तक पलामू में तैनात थे.
शंभू कुमार सिंह कई मुठभेड़ में रहे हैं शामिल
पलामू में 6 गैलेंट्री अवॉर्ड पाने वाले पुलिसकर्मियों में सभी छतरपुर पुलिस अनुमंडल में तैनात अधिकारी और जवान हैं. छतरपुर एसडीपीओ शंभु कुमार सिंह के अलावा जुरेंद्र सोय, शशि रंजन पांडेय, राजेश कुमार साहू, तसादुक अंसारी छतरपुर में ही तैनात हैं. शंभु कुमार सिंह 2017 से छतरपुर अनुमंडल में तैनात हैं और नक्सल अभियान में उन्हें कई सफलता मिली है. 2018 में छतरपुर के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ तीन बड़ी मुठभेड़ में शंभू कुमार सिंह शामिल थे. माओवादी राकेश भूइयां और उसके दस्ते के सफाये में शंभू कुमार सिंह और विमलेश त्रिपाठी की अहम भूमिका थी.
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डूंडूर मुठभेड़ में मारे गए थे टीपीसी के तीन टॉप कमांडर
28 मई 2018 को छतरपुर थाना क्षेत्र के हिसाब पहाड़ी के डूंडूर में सुरक्षाबलों टीएसपीसी के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में टीएसपीसी के 3 टॉप कमांडर मारे गए थे जबकि पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक हथियार बरामद किए थे. मुठभेड़ का नेतृत्व एसडीपीओ छतरपुर शंभू कुमार सिंह और डीएसपी विमलेश त्रिपाठी कर रहे थे. पुलिस को सूचना दी कि टीएसपीसी का बड़ा दस्ता डूंडूर में रूका हुआ है. इसी सूचना के आलोक में दोनों अधिकारियों ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर अभियान शुरू किया था. अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में टीपीसी के कमांडर अमरजीत पासवान, पवन शर्मा और चंदन यादव मारे गए थे. इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से 600 राउंड से भी अधिक गोलियां चली थी.