पाकुड़: वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से शनिवार को पुलिस केंद्र में 73वां वन महोत्सव का आयोजन किया गया. वन महोत्सव का उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्री (Rural Development Minister) आलमगीर आलम ने किया. इस अवसर पर मंत्री ने पुलिस केंद्र (Police Line) में वृक्षारोपन किया. उन्होंने कहा कि वन की रक्षा नहीं करेंगे तो पर्यावरण का विनाश होगा.
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ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में वनों की अंधाधुन कटाई हो रही है. इससे पर्यावरण और जलवायु असंतुलित हो गया है, जिसका खतरा लोगों की जिंदगी पर मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि हम खुद पौधा लगाएं और दूसरों को भी पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने कहा कि प्रकृति को बचाए रखने के लिए पौधारोपण को लेकर जन आंदोलन शुरू करना होगा.
मंत्री ने कहा कि अवैध खनन और कारोबार को किसी भी स्तर पर संरक्षण नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि संवाद की कमी के कारण वैध खनन और क्रशर प्लांट को कुछ समस्या हुई है. इसे जल्द समाधान किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि पत्थर व्यवसायियों द्वारा कारोबार बंद किये जाने की सूचना मिली. इसके बाद डीसी को निर्देश दिया है कि पत्थर व्यवसायियों के साथ वार्ता कर उनकी समस्याओं को निदान करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जिले में जो भी अवैध खनन और कारोबार चल रहा था, उसे बंद करा दिया गया. उन्होंने कहा कि नियमानुसार खनन और क्रशर प्लांट संचालित करना होगा.
डीसी वरुण रंजन ने कहा कि पौधारोपण रोजगार का जरिया बने. इस दिशा में जिला प्रशासन काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सखी दीदियों के जरिए फलदार पौधों का रोपण कराया जाएगा. वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि जिले में 1 लाख 50 हजार पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि नहर के किनारे भी पौधारोपण किया जाएगा. इस अवसर पर एसपी एचपी जनार्धन और डीडीसी शाहीद अख्तर ने अपने विचार व्यक्त किये.
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने अवैध पत्थर खदानों के साथ साथ परिवहन के खिलाफ अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान कई क्रशर प्लांटों को तोड़ा गया और दर्जनों क्रशर प्लांटों को सील किया गया. इसके साथ ही वैध रूप से संचालित पत्थर खदानों की नापी कराई गई. इस नापी में ज्यादा पत्थरों का खनन पाया गया, उन्हें माइनिंग चलान देते हुए बंद कराया गया. इसके बाद पत्थर व्यवसायी संगठन ने अधिकारियों पर मनमानी करने, वैध कारोबारियों को बेवजह परेशान करने, माइनिंग चलान के खिलाफ 12 अगस्त से पाकुड़, महेशपुर, पाकुड़िया, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा में चल रहे पत्थर खदानों और क्रशरों को बंद किया गया है.