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पाकुड़: इस गरम कुंड में स्नान करने पर मिलती है पाप से मुक्ति! - पाकुड़ का सीतपुर गरम कुंड

पाकुड़ के सीतपुर गरम कुंड में स्नान और पूजा अर्चना करने से ना केवल सुख समृद्धि मिलती है, बल्कि दुख दूर होने के साथ चर्म रोग से भी मुक्ति मिलती है. प्रशासन की ओर से मेला स्थल पर ना केवल सुरक्षा के इंतजाम किए गए बल्कि पेयजल सुविधा सहित मेला में भाग लेने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की गई.

People took bath in Sitpur Garam Kund of Pakur
इस गरम कुंड में स्नान करने से मिलती है पाप से मुक्ति
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Published : Jan 14, 2021, 6:59 PM IST

Updated : Jan 14, 2021, 7:29 PM IST

पाकुड़: जिला में मकर संक्रांति का त्योहार भक्तिपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास से मनाया गया. बांसलोई, परगला नदी और पाकुड़िया प्रखंड के सीतपुर गरम कुंड में लोगों ने स्नान किया और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना पारंपरिक रीति रिवाज से की.

देखें पूरी खबर
पाकुड़िया प्रखंड के सीतपुर गरम कुंड में हजारों की संख्या में खासकर सफाहोड़ आदिवासी स्नान, पूजा-अर्चना और दानपुण्य करने पहुंचे. पाकुड़ के साथ-साथ दुमका, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से भी आदिवासी श्रद्धालु अपने परिवार के साथ बस, 4 पहिया वाहनों से पहुंचे और गरम कुंड में स्नान किया. गरम कुंड के निकट स्थित भगवान शिव-पार्वती, सीता-राम की पूजा अर्चना, सफाहोड़ आदिवासियों के अलावा अन्य श्रद्धालुओं ने किया.

यह भी पढ़ें: बाबूलाल मरांडी के दलबदल का मामला, HC में 19 जनवरी को होगी अगली सुनवाई


श्रद्धालुओं में मान्यता है कि गरम कुंड में स्नान और पूजा अर्चना करने से ना केवल सुख समृद्धि मिलती है, बल्कि दुख दूर होने के साथ चर्म रोग से भी मुक्ति मिलती है. प्रशासन की ओर से मेला स्थल पर ना केवल सुरक्षा के इंतजाम किए गए बल्कि पेयजल सुविधा सहित मेला में भाग लेने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की गई.

पाकुड़: जिला में मकर संक्रांति का त्योहार भक्तिपूर्ण माहौल में हर्षोल्लास से मनाया गया. बांसलोई, परगला नदी और पाकुड़िया प्रखंड के सीतपुर गरम कुंड में लोगों ने स्नान किया और देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना पारंपरिक रीति रिवाज से की.

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पाकुड़िया प्रखंड के सीतपुर गरम कुंड में हजारों की संख्या में खासकर सफाहोड़ आदिवासी स्नान, पूजा-अर्चना और दानपुण्य करने पहुंचे. पाकुड़ के साथ-साथ दुमका, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से भी आदिवासी श्रद्धालु अपने परिवार के साथ बस, 4 पहिया वाहनों से पहुंचे और गरम कुंड में स्नान किया. गरम कुंड के निकट स्थित भगवान शिव-पार्वती, सीता-राम की पूजा अर्चना, सफाहोड़ आदिवासियों के अलावा अन्य श्रद्धालुओं ने किया.

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श्रद्धालुओं में मान्यता है कि गरम कुंड में स्नान और पूजा अर्चना करने से ना केवल सुख समृद्धि मिलती है, बल्कि दुख दूर होने के साथ चर्म रोग से भी मुक्ति मिलती है. प्रशासन की ओर से मेला स्थल पर ना केवल सुरक्षा के इंतजाम किए गए बल्कि पेयजल सुविधा सहित मेला में भाग लेने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की गई.

Last Updated : Jan 14, 2021, 7:29 PM IST
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