पाकुड़: सरकार जल संरक्षण के लिए धरातल पर योजनाओं को उतारकर ग्रामीणों को रोजगार देने की दिशा में कदम उठा रही है. तो वहीं योजना से लाभांवित होने वाले लोगों के साथ विभाग के ही अधिकारी और बिचौलिए धोखाधड़ी कर रहे हैं. ऐसा ही मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां तालाब जीर्णोद्धार कराने वाले लाभुक के खाते से भुगतान की राशि की अवैध निकासी कर ली गई.
22 लाख रुपये से कराया तालाब का जीर्णोद्धार
मामला अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला पानी पंचायत में तालाब जीर्णोद्धार से जुड़ा हुआ है. भूमि संरक्षण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला में पानी पंचायत की लाभुक समिति बनवायी. लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू को बनाया गया. पाडेरकोला पानी पंचायत की लाभुक समिति के जरिए प्लॉट संख्या- 854 में तालाब जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी दी गयी. 22 लाख रुपये की राशि से तालाब का जीर्णोद्धार किया जाना था. तालाब का जीर्णोद्धार हुआ, लेकिन भूमि संरक्षण विभाग द्वारा भुगतान की गयी राशि की निकासी में विभाग के अधिकारियों ने धोखाधड़ी कर लिया.
लाभुक ने डीडीसी से लगाई न्याय की गुहार
पानी पंचायत लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी से धोखाधड़ी कर राशि की निकासी मामले में शामिल विभागीय अधिकारी, अभियंता और बिचौलिए के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, भुगतान की राशि भी वापस दिलाने की मांग की गई है. फिलहाल मामले में जांच जारी है.
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भुगतान के लिए अधिकारियों ने लाभुक से ब्लैंक चेक पर करवाया हस्ताक्षर
सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी को दिए अपने शिकायत में भूमि संरक्षण पदाधिकारी, फिल्ड ऑफिसर, कनीय अभियंता और एक बिचौलिए पर धोखाधड़ी का सीधा आरोप लगाया है. सुस्मिता ने बताया कि तालाब जीर्णोद्धार के विरुद्ध भुगतान देने के नाम पर चार ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर कर ले लिया गया. वहीं, जब भुगतान के लिए कार्यालय पहुंची, तो यह बताया गया कि राशि बैंक में भेज दी गयी है. शिकायत में लाभुक समिति की अध्यक्ष ने उपेंद्र साहा नामक व्यक्ति के खाते में भुगतान की 19 लाख 95 हजार रूपए हस्तांतरित किए जाने का आरोप लगाया है.
वहीं, मामले में डीडीसी रामनिवास यादव ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है. भूमि संरक्षण पदाधिकारी दो दिन की छुट्टी पर है, उनके आते ही सारे दस्तावेज मंगाये जायेंगे और जांच करने के बाद कार्रवाई की जायेगी.