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तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर धोखाधड़ी, विभागीय अधिकारियों ने ब्लैंक चेक पर कराए हस्ताक्षर

जल संरक्षण के तहत तालाब के जीर्णोद्धार के बाद लाभुक को भुगतान की राशि नहीं देने का मामला सामने आया है. लाभुक ने विभागीय अधिकारियों पर अवैध निकासी करने का आरोप लगाया है. फिलहाल मामला डीडीसी के संज्ञान में दिया गया है.

चेक दिखाते लाभुक
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Published : Aug 3, 2019, 1:03 PM IST

पाकुड़: सरकार जल संरक्षण के लिए धरातल पर योजनाओं को उतारकर ग्रामीणों को रोजगार देने की दिशा में कदम उठा रही है. तो वहीं योजना से लाभांवित होने वाले लोगों के साथ विभाग के ही अधिकारी और बिचौलिए धोखाधड़ी कर रहे हैं. ऐसा ही मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां तालाब जीर्णोद्धार कराने वाले लाभुक के खाते से भुगतान की राशि की अवैध निकासी कर ली गई.

देखें पूरी खबर

22 लाख रुपये से कराया तालाब का जीर्णोद्धार

मामला अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला पानी पंचायत में तालाब जीर्णोद्धार से जुड़ा हुआ है. भूमि संरक्षण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला में पानी पंचायत की लाभुक समिति बनवायी. लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू को बनाया गया. पाडेरकोला पानी पंचायत की लाभुक समिति के जरिए प्लॉट संख्या- 854 में तालाब जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी दी गयी. 22 लाख रुपये की राशि से तालाब का जीर्णोद्धार किया जाना था. तालाब का जीर्णोद्धार हुआ, लेकिन भूमि संरक्षण विभाग द्वारा भुगतान की गयी राशि की निकासी में विभाग के अधिकारियों ने धोखाधड़ी कर लिया.

लाभुक ने डीडीसी से लगाई न्याय की गुहार

पानी पंचायत लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी से धोखाधड़ी कर राशि की निकासी मामले में शामिल विभागीय अधिकारी, अभियंता और बिचौलिए के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, भुगतान की राशि भी वापस दिलाने की मांग की गई है. फिलहाल मामले में जांच जारी है.

ये भी पढ़ें-घाटशिलाः रफ्तार का कहर, ट्रक की चपेट में आने से 2 लोगों दर्दनाक मौत

भुगतान के लिए अधिकारियों ने लाभुक से ब्लैंक चेक पर करवाया हस्ताक्षर

सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी को दिए अपने शिकायत में भूमि संरक्षण पदाधिकारी, फिल्ड ऑफिसर, कनीय अभियंता और एक बिचौलिए पर धोखाधड़ी का सीधा आरोप लगाया है. सुस्मिता ने बताया कि तालाब जीर्णोद्धार के विरुद्ध भुगतान देने के नाम पर चार ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर कर ले लिया गया. वहीं, जब भुगतान के लिए कार्यालय पहुंची, तो यह बताया गया कि राशि बैंक में भेज दी गयी है. शिकायत में लाभुक समिति की अध्यक्ष ने उपेंद्र साहा नामक व्यक्ति के खाते में भुगतान की 19 लाख 95 हजार रूपए हस्तांतरित किए जाने का आरोप लगाया है.

वहीं, मामले में डीडीसी रामनिवास यादव ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है. भूमि संरक्षण पदाधिकारी दो दिन की छुट्टी पर है, उनके आते ही सारे दस्तावेज मंगाये जायेंगे और जांच करने के बाद कार्रवाई की जायेगी.

पाकुड़: सरकार जल संरक्षण के लिए धरातल पर योजनाओं को उतारकर ग्रामीणों को रोजगार देने की दिशा में कदम उठा रही है. तो वहीं योजना से लाभांवित होने वाले लोगों के साथ विभाग के ही अधिकारी और बिचौलिए धोखाधड़ी कर रहे हैं. ऐसा ही मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां तालाब जीर्णोद्धार कराने वाले लाभुक के खाते से भुगतान की राशि की अवैध निकासी कर ली गई.

देखें पूरी खबर

22 लाख रुपये से कराया तालाब का जीर्णोद्धार

मामला अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला पानी पंचायत में तालाब जीर्णोद्धार से जुड़ा हुआ है. भूमि संरक्षण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला में पानी पंचायत की लाभुक समिति बनवायी. लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू को बनाया गया. पाडेरकोला पानी पंचायत की लाभुक समिति के जरिए प्लॉट संख्या- 854 में तालाब जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी दी गयी. 22 लाख रुपये की राशि से तालाब का जीर्णोद्धार किया जाना था. तालाब का जीर्णोद्धार हुआ, लेकिन भूमि संरक्षण विभाग द्वारा भुगतान की गयी राशि की निकासी में विभाग के अधिकारियों ने धोखाधड़ी कर लिया.

लाभुक ने डीडीसी से लगाई न्याय की गुहार

पानी पंचायत लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी से धोखाधड़ी कर राशि की निकासी मामले में शामिल विभागीय अधिकारी, अभियंता और बिचौलिए के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, भुगतान की राशि भी वापस दिलाने की मांग की गई है. फिलहाल मामले में जांच जारी है.

ये भी पढ़ें-घाटशिलाः रफ्तार का कहर, ट्रक की चपेट में आने से 2 लोगों दर्दनाक मौत

भुगतान के लिए अधिकारियों ने लाभुक से ब्लैंक चेक पर करवाया हस्ताक्षर

सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी को दिए अपने शिकायत में भूमि संरक्षण पदाधिकारी, फिल्ड ऑफिसर, कनीय अभियंता और एक बिचौलिए पर धोखाधड़ी का सीधा आरोप लगाया है. सुस्मिता ने बताया कि तालाब जीर्णोद्धार के विरुद्ध भुगतान देने के नाम पर चार ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर कर ले लिया गया. वहीं, जब भुगतान के लिए कार्यालय पहुंची, तो यह बताया गया कि राशि बैंक में भेज दी गयी है. शिकायत में लाभुक समिति की अध्यक्ष ने उपेंद्र साहा नामक व्यक्ति के खाते में भुगतान की 19 लाख 95 हजार रूपए हस्तांतरित किए जाने का आरोप लगाया है.

वहीं, मामले में डीडीसी रामनिवास यादव ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है. भूमि संरक्षण पदाधिकारी दो दिन की छुट्टी पर है, उनके आते ही सारे दस्तावेज मंगाये जायेंगे और जांच करने के बाद कार्रवाई की जायेगी.

Intro:बाइट : रामलाल हांसदा, सभाध्यक्ष
बाइट : सुस्मिता मुर्मू, अध्यक्ष लाभुक समिति
बाइट : रामनिवास यादव, डीडीसी पाकुड़

पाकुड़: सरकार ने जल संरक्षण के लिए धरातल पर योजनाओ को उतारकर ग्रामीणो को रोजगार देने की दिशा में कदम उठा रही है तो दुसरी ओर न केवल सरकार बल्कि योजना से लाभांवित होने वाले लोगो के साथ विभाग से जुड़े अधिकारी और विचैलिए लाभुको का ही न केवल शोषण बल्कि उनके साथ धोखाधड़ी करने से बाज नही आ रहे।


Body:ऐसा ही एक मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। वह मामला है अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला पानी पंचायत में तालाब जिर्णोद्धार से जुड़ा हुआ। भुमि संरक्षण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला में पानी पंचायत की लाभुक समिति बनवायी। लाभुक समिति का अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू को बनाया गया। पाडेरकोला पानी पंचायत की लाभुक समिति के जरीये प्लाॅट संख्या 854 में तालाब जिर्णोद्धार की जिम्मेवारी दी गयी। 22 लाख रूपये की राशि से तालाब का जिर्णोद्धार किया जाना था। तालाब का जिर्णोद्धार हुआ परंतु भुमि संरक्षण विभाग द्वारा भुगतान की गयी राशि निकासी मामले में धोखाधड़ी कर ली गयी। पानी पंचायत लाभुक समिति की अध्यक्ष सुस्मिता मुर्मू ने धोखाधड़ी कर राशि की निकासी कर लिये जाने मामले में शामिल विभागीय अधिकारी, अभियंता एवं विचैलिया के खिलाफ कार्रवाई करने एवं निकासी की गयी राशि को वापस दिलाने की गुहार डीडीसी से लगायी है।  फिलवक्त मामला जांच के अधीन है पर ग्रामीणो में यह चर्चा जोरो पर है जब योजना का अनुश्रवण एवं निगरानी करने वाले विभागीय अधिकारी ही धोखाधड़ी करेंगे तो भोले भाले गांव के ग्रामीणो को न्याय कौन दिलायेगा।
सुस्मिता मुर्मू ने डीडीसी को दिए अपने शिकायत में सीधा लाखो रूपये की राशि निकासी मामले में भुमि संरक्षण पदाधिकारी, फिल्ड आॅफिसर, कनीय अभियंता एवं एक विचैलिए पर धोखाधड़ी का सीधा आरोप लगाया है। सुस्मिता ने बताया कि तालाब जिर्णोद्धार के विरूद्ध भुगतान देने के नाम पर चार ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर कर ले लिया गया। वह जब भुगतान के लिए कार्यालय पहुंची तो यह बताया गया कि राशि बैंक में भेज दी गयी है। शिकायत में लाभुक समिति की अध्यक्ष ने उपेंद्र साहा नामक व्यक्ति के खाते में भुगतान की गयी 19 लाख 95 हजार रूपये हस्तांतरित कर लिये जाने का आरोप लगाया है। सुस्मिता ने डीडीसी से मामले की जांच कराकर दोषियो के खिलाफ कार्रवाई करने एवं राशि वापस दिलाने की फरियाद लगायी है।


Conclusion:इस मामले में डीडीसी रामनिवास यादव ने कहा कि मामले की शिकायत मिली है। भुमि संरक्षण पदाधिकारी दो दिन की छुट्टी पर है उनके आते ही सारे दस्तावेज मंगाये जायेंगे और जांच करने के बाद कार्रवाई की जायेगी।
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