पाकुड़: हेमंत सरकार (Hemant Government) के कार्यकाल में अधिकारी भी अब नेता की तरह बड़ी-बड़ी बातें बोलने लगे हैं. अधिकारियों की ओर से काम कम और बातें अधिक बनाने के कारण लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण झारखंड राज्य के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिले का नगर परिषद क्षेत्र है. पाकुड़ नगर परिषद (Pakur Municipal Council) क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पाइपलाइन (Pipe Line) के जरिए पीने का पानी पहुंचाने के लिए वर्षों पूर्व पेयजलापूर्ति योजना (Drinking Water Supply Scheme) बहाल की गई थी, जो बीते कई महीनों से अपनी सेवा देने में असमर्थ है.
इसे भी पढ़ें- नल-जल योजनाः जानिए, क्यों और किस बात पर मंत्री और विधायक आमने-सामने हैं?
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का दावा
पाइपलाइन (Pipe Line) के जरिए सैकड़ों उपभोक्ताओं को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. लेकिन अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि बारिश होने से जलस्तर बढ़ गया है और अब शहरी क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या (Water Problem) नहीं रह गई है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि शहरी क्षेत्र में 370 चापाकल पहले से हैं और हाल में एक-एक चापाकल सभी वार्डों में दिए गए हैं. कार्यपालक पदाधिकारी के मुताबिक चांदपुर जलापूर्ति योजना (Water Supply Scheme) से शहरी क्षेत्र के 848 उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं. इनका तो यह भी दावा है कि बारिश के कारण जलस्तर बढ़ जाने से अब पेयजल की समस्या नगर परिषद में रह ही नहीं गई है.
शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश
अधिकारी भले ही शहरी क्षेत्र में पेयजल समस्या नहीं होने का दावा कर रहे हो, लेकिन हकीकत यही है कि नगर परिषद क्षेत्र के राज हाई स्कूल रोड, बड़ी अलीगंज, बैंक कॉलोनी, तांतीपाड़ा, बिरसा चौक समेत कई मोहल्लों में पाइप लाइन के जरिए चांदपुर जलापूर्ति योजना (Water Supply Scheme) का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक बीते 3 माह से पाइप लाइन से उन्हें पीने का पानी नहीं मिल रहा है. शहरी क्षेत्र के सैकड़ों लोगों में नगर परिषद की ओर से पाइपलाइन विस्तारीकरण के तहत जलापूर्ति नहीं होने से शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है.