पाकुड़: भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री सह प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन की मुश्किलें बढ़ गयी है. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अवैध भूमि और संपत्ति के एक दायर परिवाद के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पीई दर्ज करने की अनुमति दी है. जिस मामले में पीई दर्ज करने की अनुमति मुख्यमंत्री के स्तर से एसीबी को दी गयी है. वह पाकुड़ जिले के सदर प्रखंड के इलामी पंचायत की मुखिया रहते हुए अवैध रूप से मिस्फीका हसन पर संपत्ति अर्जित करने को लेकर दायर एक परिवाद से जुड़ा हुआ है.
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परिवाद में लगाये गए आरोप के मुताबिक, भाजपा नेत्री इलामी पंचायत की बतौर मुखिया रहते हुए वर्ष 2016 से 2018 के बीच कुल 8 स्थानों पर जमीन सहित अन्य संपत्ति अर्जित की थी. हालांकि, भाजपा नेत्री मिस्फीका हसन ने मुख्यमंत्री द्वारा अपने विरुद्ध एसीबी को पीई दर्ज करने के दी गयी अनुमति को पूरी तरह राजनीतिक करार देते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने और राज्य में लूट खसोट को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा मामले को पुरजोर तरीके से जनता के बीच रखने से बौखला कर ही सीएम ने राजनीतिक साजिश के तहत ऐसा फैसला लिया है.
मामले की गहनता से जांच की मांग: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री मिस्फीका हसन ने कहा कि हमने बतौर इलामी पंचायत की मुखिया रहते हुए ना तो अपने नाम से कोई अवैध अर्जित नहीं की है. उन्होंने कहा कि सरकार की यदि नीयत और भ्रष्ट्राचार के खिलाफ नीति निष्पक्ष और स्पष्ट है तो मामले की पूरी गहनता से जांच करायी जाए मामला खुद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.