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प्रगतिशील किसानों के बीच असाढ़ी ने बना ली एक अलग पहचान, खेती के प्रशिक्षण के बाद बदली जिंदगी

पाकुड़ में प्रगतिशील किसान असाढ़ी ने खेती कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. असाढ़ी पहले दूसरे के खेतों में काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था. खेती के प्रशिक्षण के बाद असाढ़ी कई तरह के फलों और सब्जियों की खेती कर रहा है. वहीं, असाढ़ी शेख लखीपुर गांव में सब्जी की खेती के लिए दूसरे किसानों के बीच अलख जगाने का काम कर रहा है.

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Published : Jun 26, 2019, 12:11 PM IST

खेतों में लगे विभिन्न तरह के पौधों में एक भिंडी का पौधा

पाकुड़: महेशपुर प्रखंड के लखीपुर का रहने वाला किसान असाढ़ी शेख पहले, दूसरे की खेतों में खेती करता था. उसी से किसी तरह अपना और परिवार का भरण पोषण करता था. आज असाढ़ी शेख ने प्रगतिशील किसानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली है. असाढ़ी ने सब्जी और फलों की खेती कर न केवल अपने जीवन स्तर में बदलाव लाया बल्कि गांव के दूसरे किसानों की भी जिंदगी बदली. असाढ़ी ने सभी को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि खेती से भी जिंदगी बदल सकती है.

प्रगतिशील किसानों पर देखें हमारी स्पेशल रिपोर्ट

बता दें कि महेशपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर और निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से 8 किलोमीटर की दूरी पर लखीपुर गांव है. बांसलोई नदी के किनारे बसे इस गांव में रहने वाले किसान पहले एक फसलीय खेती करते थे. गांव के ही असाढ़ी शेख भी पहले धान की खेती किया करते थे. कृषि विभाग ने उसे खेती का प्रशिक्षण दिया और साग सब्जी उपजाने के लिए बीज मुहैया कराए. आज असाढ़ी शेख सैकड़ों बीघा खेतों में सब्जियां जैसे भिंडी,कद्दु, कच्चु, बैगन, खीरा, ओल, ककड़ी, करौंदा और फलों में आम, तरबुज, कटहल की जबरदस्त खेती कर रहा है. असाढ़ी के खेतों में उपजी सब्जियां न केवल महेशपुर प्रखंड मुख्यालय बल्कि बिहार राज्य के गया और पटना के सब्जी बाजारों में बिक रही है.

ये भी पढ़ें- पत्थलगड़ी मामले में बड़े आरोपियों पर कार्रवाई नहीं, मुख्यालय ने प्रभावित जिलों के एसपी से मांगी रिपोर्ट

किसानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले असाढ़ी का कहना है कि यदि सरकार सिंचाई की सुविधा मुहैया कराए तो सब्जी के मामले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. फिलहाल गर्मी के मौसम में बांसलोई नदी से पानी लाकर खेतों में पटवन किया जा रहा है. आज महेशपुर के किसानों के बीच ही नहीं बल्कि कृषि विभाग में भी बेहतर खेती को लेकर असाढ़ी शेख ने एक अलग पहचान बनायी है. राज्य और केंद्र सरकार जहां कम लागत में ज्यादा उपज के लिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के जरीए किसानों को प्रेरित करने का काम कर रही है.

सब्जी खेती को और कैसे बढ़ावा मिले इसे लेकर डीसी कुदीप चौधरी ने बताया कि खेती को सुदृढ़ करने के लिए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से सिंचाई सुविधा किसानों को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है.

पाकुड़: महेशपुर प्रखंड के लखीपुर का रहने वाला किसान असाढ़ी शेख पहले, दूसरे की खेतों में खेती करता था. उसी से किसी तरह अपना और परिवार का भरण पोषण करता था. आज असाढ़ी शेख ने प्रगतिशील किसानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली है. असाढ़ी ने सब्जी और फलों की खेती कर न केवल अपने जीवन स्तर में बदलाव लाया बल्कि गांव के दूसरे किसानों की भी जिंदगी बदली. असाढ़ी ने सभी को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि खेती से भी जिंदगी बदल सकती है.

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बता दें कि महेशपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर और निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से 8 किलोमीटर की दूरी पर लखीपुर गांव है. बांसलोई नदी के किनारे बसे इस गांव में रहने वाले किसान पहले एक फसलीय खेती करते थे. गांव के ही असाढ़ी शेख भी पहले धान की खेती किया करते थे. कृषि विभाग ने उसे खेती का प्रशिक्षण दिया और साग सब्जी उपजाने के लिए बीज मुहैया कराए. आज असाढ़ी शेख सैकड़ों बीघा खेतों में सब्जियां जैसे भिंडी,कद्दु, कच्चु, बैगन, खीरा, ओल, ककड़ी, करौंदा और फलों में आम, तरबुज, कटहल की जबरदस्त खेती कर रहा है. असाढ़ी के खेतों में उपजी सब्जियां न केवल महेशपुर प्रखंड मुख्यालय बल्कि बिहार राज्य के गया और पटना के सब्जी बाजारों में बिक रही है.

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किसानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले असाढ़ी का कहना है कि यदि सरकार सिंचाई की सुविधा मुहैया कराए तो सब्जी के मामले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. फिलहाल गर्मी के मौसम में बांसलोई नदी से पानी लाकर खेतों में पटवन किया जा रहा है. आज महेशपुर के किसानों के बीच ही नहीं बल्कि कृषि विभाग में भी बेहतर खेती को लेकर असाढ़ी शेख ने एक अलग पहचान बनायी है. राज्य और केंद्र सरकार जहां कम लागत में ज्यादा उपज के लिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के जरीए किसानों को प्रेरित करने का काम कर रही है.

सब्जी खेती को और कैसे बढ़ावा मिले इसे लेकर डीसी कुदीप चौधरी ने बताया कि खेती को सुदृढ़ करने के लिए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से सिंचाई सुविधा किसानों को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है.

Intro:बाइट : असाढ़ी शेख, किसान
बाइट : जियाउल शेख, किसान
बाइट : कुलदीप चौधरी, डीसी पाकुड़

पाकुड़ : दुसरे के खेतो में खेती कर अपना व परिवार का किसी तरह भरण पोषण करने वाला महेशपुर प्रखंड के लखीपुर का किसान असाढ़ी शेख आज प्रगतिशील किसानो के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अलग पहचान बनाने की वजह भी है क्योंकि असाढ़ी ने सब्जी एवं फलो की खेती कर न केवल अपने जीवन स्तर में बदलाव लाया है बल्कि गांव के दुसरे किसानो को भी यह सोचने और करने को मजबुर कर दिया है कि वे भी खेती कर अपनी जिंदगी में बदलाव ला सकते है। 



Body:महेशपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर एवं निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से 8 किलोमीटर की दुरी पर लखीपुर गांव है। बांसलोई नदी के किनारे बसे इस गांव में रहने वाले किसान पहले एक फसलीय खेती करते थे। गांव के ही असाढ़ी शेख भी पहले धान की खेती किया करता था। कृषि विभाग ने उसे खेती का प्रशिक्षण दिया और साग सब्जी उपजाने के लिए बीज मुहैया कराये। आज असाढ़ी शेख सैकड़ो बीघा खेतो में सब्जियो में भिंडी, कद्दु, कच्चु, बैगन, खीरा, ओल, ककड़ी, करौंदा एवं फलो में आम, तरबुज, कटहल की जबरदस्त खेती कर रहा है। असाढ़ी द्वारा खेतो में उपजायी गयी सब्जिया न केवल महेशपुर प्रखंड मुख्यालय बल्कि बिहार राज्य के गया और पटना के सब्जी बाजारो में बिक रही है। 

किसानो के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले असाढ़ी का कहना है कि यदि सरकार सिचाई की सुविधा मुकम्मल कर दे तो वह सब्जी के मामले में जिलो को आत्मनिर्भर बना सकता है। फिलवक्त वह गरमी के मौसम में बांसलोई नदी से पानी लाकर खेतो में पटवन कर रहा है। आज महेशपुर के किसानो के बीच ही नही बल्कि कृषि विभाग में भी बेहतर खेती को लेकर असाढ़ी शेख एक अलग पहचान बनायी है। राज्य एवं केंद्र सरकार जहां कम लागत में ज्यादा उपज के लिए किसानो को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री आशिर्वाद योजना के जरीये किसानो को प्रेरित करने का काम कर रही है वही असाढ़ी शेख लखीपुर गांव में सब्जी खेती के लिए दुसरे किसानो के बीच अलख जगाने का काम कर रहा है। 



Conclusion:सब्जी खेती को और कैसे बढ़ावा मिले इसको लेकर उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि खेती को सुदृढ़ करने के लिए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से सिचाई सुविधा किसानो को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। 
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