पाकुड़: महेशपुर प्रखंड के लखीपुर का रहने वाला किसान असाढ़ी शेख पहले, दूसरे की खेतों में खेती करता था. उसी से किसी तरह अपना और परिवार का भरण पोषण करता था. आज असाढ़ी शेख ने प्रगतिशील किसानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली है. असाढ़ी ने सब्जी और फलों की खेती कर न केवल अपने जीवन स्तर में बदलाव लाया बल्कि गांव के दूसरे किसानों की भी जिंदगी बदली. असाढ़ी ने सभी को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि खेती से भी जिंदगी बदल सकती है.
बता दें कि महेशपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर और निकटवर्ती पश्चिम बंगाल से 8 किलोमीटर की दूरी पर लखीपुर गांव है. बांसलोई नदी के किनारे बसे इस गांव में रहने वाले किसान पहले एक फसलीय खेती करते थे. गांव के ही असाढ़ी शेख भी पहले धान की खेती किया करते थे. कृषि विभाग ने उसे खेती का प्रशिक्षण दिया और साग सब्जी उपजाने के लिए बीज मुहैया कराए. आज असाढ़ी शेख सैकड़ों बीघा खेतों में सब्जियां जैसे भिंडी,कद्दु, कच्चु, बैगन, खीरा, ओल, ककड़ी, करौंदा और फलों में आम, तरबुज, कटहल की जबरदस्त खेती कर रहा है. असाढ़ी के खेतों में उपजी सब्जियां न केवल महेशपुर प्रखंड मुख्यालय बल्कि बिहार राज्य के गया और पटना के सब्जी बाजारों में बिक रही है.
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किसानों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले असाढ़ी का कहना है कि यदि सरकार सिंचाई की सुविधा मुहैया कराए तो सब्जी के मामले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. फिलहाल गर्मी के मौसम में बांसलोई नदी से पानी लाकर खेतों में पटवन किया जा रहा है. आज महेशपुर के किसानों के बीच ही नहीं बल्कि कृषि विभाग में भी बेहतर खेती को लेकर असाढ़ी शेख ने एक अलग पहचान बनायी है. राज्य और केंद्र सरकार जहां कम लागत में ज्यादा उपज के लिए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के जरीए किसानों को प्रेरित करने का काम कर रही है.
सब्जी खेती को और कैसे बढ़ावा मिले इसे लेकर डीसी कुदीप चौधरी ने बताया कि खेती को सुदृढ़ करने के लिए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से सिंचाई सुविधा किसानों को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है.