ETV Bharat / state

जानिए लोकसभा चुनाव के बारे में क्या कहते हैं बापू के अनुयायी, चुनाव के बारे में क्या है उनकी राय

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हजारों अनुयायी हैं. लोग इन्हें टाना भगत के नाम से जानते हैं. टाना भगत बाबू के बताए मार्गों पर चल रहे हैं. उनकी तरह ही ये लोग खादी का थैला, चरखा वाला झंडा और अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं. टाना भगत लोकसभा चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.

मांगें पूरी न होने से टाना भगत नाराज
author img

By

Published : Apr 11, 2019, 8:57 PM IST

लोहरदगा: झारखंड में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हजारों अनुयायी हैं. लोग इन्हें टाना भगत के नाम से जानते हैं. लोहरदगा जिले के सभी प्रखंडों में टाना भगत समुदाय के लोग निवास करते हैं. जिले में लगभग इनकी आबादी लगभग दो हजार है.

मांगें पूरी न होने से टाना भगत नाराज

टाना भगत बाबू के बताए मार्गों पर चल रहे हैं, ये लोग बापू की तरह ही खादी का वस्त्र और खादी की टोपी पहनते हैं. उनकी तरह ही ये लोग खादी का थैला, चरखा वाला झंडा और अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं. टाना भगत लोकसभा चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.
टाना भगत वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में भी लगातार ये लोग अपनी बातों को रख रहे हैं. टाना भगत संघ के सदस्यों का राजनीतिक पार्टियों से कई मांग हैं.

  • जमीन के लिए कानून लागू करने की सरकार से मांग
  • बच्चों को निशुल्क स्नातक तक शिक्षा
  • भू-लगान पूरी तरह से माफ करने की मांग
  • विशेष अधिकार की मांग

उनका कहना है कि जो राजनीतिक पार्टी इन सभी मुद्दों पर ध्यान देती है तो वह अपना वोट उसे जरूर डालेंगे, नहीं तो उन्होंने वोट बहिष्कार करने की बात कही है.

टाना भगत अहिंसात्मक रूप से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोहरदगा में समाहरणालय मैदान में हर गुरुवार को बैठक कर अपनी समस्याओं पर चर्चा करने वाले टाना भगत की समस्या का हल आज तक नहीं हो पाया है.

टाना भगतों ने अपनी समस्या से मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं और अलग-अलग सरकारों को भी अवगत कराया है, लेकिन आजतक ना तो सरकार और किसी नेताओं ने उनकी समस्याओं का समाधान किया है. टाना भगत आज भी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि बापू के देश में गांधीवादी आखिर किस वेश में.

लोहरदगा: झारखंड में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हजारों अनुयायी हैं. लोग इन्हें टाना भगत के नाम से जानते हैं. लोहरदगा जिले के सभी प्रखंडों में टाना भगत समुदाय के लोग निवास करते हैं. जिले में लगभग इनकी आबादी लगभग दो हजार है.

मांगें पूरी न होने से टाना भगत नाराज

टाना भगत बाबू के बताए मार्गों पर चल रहे हैं, ये लोग बापू की तरह ही खादी का वस्त्र और खादी की टोपी पहनते हैं. उनकी तरह ही ये लोग खादी का थैला, चरखा वाला झंडा और अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं. टाना भगत लोकसभा चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.
टाना भगत वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में भी लगातार ये लोग अपनी बातों को रख रहे हैं. टाना भगत संघ के सदस्यों का राजनीतिक पार्टियों से कई मांग हैं.

  • जमीन के लिए कानून लागू करने की सरकार से मांग
  • बच्चों को निशुल्क स्नातक तक शिक्षा
  • भू-लगान पूरी तरह से माफ करने की मांग
  • विशेष अधिकार की मांग

उनका कहना है कि जो राजनीतिक पार्टी इन सभी मुद्दों पर ध्यान देती है तो वह अपना वोट उसे जरूर डालेंगे, नहीं तो उन्होंने वोट बहिष्कार करने की बात कही है.

टाना भगत अहिंसात्मक रूप से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोहरदगा में समाहरणालय मैदान में हर गुरुवार को बैठक कर अपनी समस्याओं पर चर्चा करने वाले टाना भगत की समस्या का हल आज तक नहीं हो पाया है.

टाना भगतों ने अपनी समस्या से मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं और अलग-अलग सरकारों को भी अवगत कराया है, लेकिन आजतक ना तो सरकार और किसी नेताओं ने उनकी समस्याओं का समाधान किया है. टाना भगत आज भी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि बापू के देश में गांधीवादी आखिर किस वेश में.

Intro:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_CHUNAV ME TANA BHAGAT
स्टोरी- जानिए लोकसभा सभा चुनाव के बारे में क्या कहते हैं बापू के अनुयाई, चुनाव के बारे में क्या है उनकी राय
.... अपनी वर्षों पुरानी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे अहिंसा के पुजारी
बाइट- महादेव टाना भगत
बाइट- मदन टाना भगत
एंकर- झारखंड में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हजारों अनुयाई हैं. लोग इन्हें टाना भगत के नाम से जानते हैं. लोहरदगा जिले के सभी प्रखंडों में टाना भगत समुदाय के लोग निवास करते हैं. लोहरदगा जिले में लगभग इनकी आबादी 2000 है. टाना भगत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए मार्ग पर आजीवन रूप से चल रहे हैं. खादी का वस्त्र पहनना, खादी की टोपी, खादी का थैला, चरखा वाला झंडा और अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार मानने वाले टाना भगत लोकसभा चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे टाना भगत इस चुनाव में भी अपनी बातों को रख रहे हैं. टाना भगत संघ के सदस्यों का कहना है कि सरकार यदि टेनेंसी एक्ट 1947 को लागू करती है उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा देती है, भू लगान पूरी तरह से माफ करती है और उनके लिए विशेष अधिकार पर फैसला लेती है तो वह अपना वोट जरुर डालेंगे. नहीं तो वे मतदान नहीं करेंगे. टाना भगत अहिंसात्मक रूप से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोहरदगा में समाहरणालय मैदान में हर गुरुवार को बैठक कर अपनी समस्याओं पर चर्चा करने वाले टाना भगत की समस्या का हल आज तक नहीं हो पाया है. टाना भगतों ने अपनी समस्या से मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं और अलग-अलग सरकारों को भी अवगत कराया है. ना तो सरकार और नेता कभी उनकी बात को समझ पाए और ना ही उनकी समस्याओं का हल ही हो पाया है. टाना भगत आज भी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि बापू के देश में गांधीवादी आखिर किस वेश में.


Body:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_CHUNAV ME TANA BHAGAT
स्टोरी- जानिए लोकसभा सभा चुनाव के बारे में क्या कहते हैं बापू के अनुयाई, चुनाव के बारे में क्या है उनकी राय
.... अपनी वर्षों पुरानी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे अहिंसा के पुजारी


Conclusion:स्लग- JH_LOH_VIKRAM_CHUNAV ME TANA BHAGAT
स्टोरी- जानिए लोकसभा सभा चुनाव के बारे में क्या कहते हैं बापू के अनुयाई, चुनाव के बारे में क्या है उनकी राय
.... अपनी वर्षों पुरानी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे अहिंसा के पुजारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.