लोहरदगा: झारखंड में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हजारों अनुयायी हैं. लोग इन्हें टाना भगत के नाम से जानते हैं. लोहरदगा जिले के सभी प्रखंडों में टाना भगत समुदाय के लोग निवास करते हैं. जिले में लगभग इनकी आबादी लगभग दो हजार है.
टाना भगत बाबू के बताए मार्गों पर चल रहे हैं, ये लोग बापू की तरह ही खादी का वस्त्र और खादी की टोपी पहनते हैं. उनकी तरह ही ये लोग खादी का थैला, चरखा वाला झंडा और अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं. टाना भगत लोकसभा चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.
टाना भगत वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में भी लगातार ये लोग अपनी बातों को रख रहे हैं. टाना भगत संघ के सदस्यों का राजनीतिक पार्टियों से कई मांग हैं.
- जमीन के लिए कानून लागू करने की सरकार से मांग
- बच्चों को निशुल्क स्नातक तक शिक्षा
- भू-लगान पूरी तरह से माफ करने की मांग
- विशेष अधिकार की मांग
उनका कहना है कि जो राजनीतिक पार्टी इन सभी मुद्दों पर ध्यान देती है तो वह अपना वोट उसे जरूर डालेंगे, नहीं तो उन्होंने वोट बहिष्कार करने की बात कही है.
टाना भगत अहिंसात्मक रूप से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोहरदगा में समाहरणालय मैदान में हर गुरुवार को बैठक कर अपनी समस्याओं पर चर्चा करने वाले टाना भगत की समस्या का हल आज तक नहीं हो पाया है.
टाना भगतों ने अपनी समस्या से मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं और अलग-अलग सरकारों को भी अवगत कराया है, लेकिन आजतक ना तो सरकार और किसी नेताओं ने उनकी समस्याओं का समाधान किया है. टाना भगत आज भी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि बापू के देश में गांधीवादी आखिर किस वेश में.