लोहरदगाः झारखंड किसानों का राज्य है. यहां की आधी से ज्यादा आबादी खेती करती है. लोहरदगा जिले में भी ज्यादातर लोग खेती की बदौलत ही अपना परिवार चलाते हैं. खेती में कई चुनौतियों और समस्याओं के बावजूद कुछ ऐसे भी किसान हैं, जिन्होंने खेती की परिभाषा ही बदल दी है. इन्ही में से एक हैं उमेश प्रसाद महतो. उमेश ने ऑर्गेनिक और मिश्रित खेती कर एक अलग मिसाल पेश की है.
दूसरों को भी दे रहे रोजगार
उमेश लगभग 3 एकड़ क्षेत्र में खेती करते हैं. इनके खेतों में फल और सब्जियां हैं जिनमें अमरूद, एप्पल बेर, पपीता, केला शामिल हैं. दिलचस्प बात ये है कि उमेश न सिर्फ इस खेती से खुद लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि कई अन्य लोगों को भी उन्होंने रोजगार दिया है. उनके खेतों में काम करने वाले मजदूर भी काफी खुश हैं.
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स्थानीय मजदूर मनदीप उरांव कहते हैं कि पहले रोजगार की तलाश में पलायन करना पड़ता था. अब तो यही खेतों में दिल लग जाता है. इस प्रकार की खेती करके काफी आनंद आता है. लोगों का साथ भी मिलता है. देखकर काफी अच्छा लगता है.
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कैसे हुई इसकी शुरूआत
उमेश कहते हैं कि उन्हें हृदय रोग है और इसी से उन्हें एहसास हुआ कि आज के समय में फल का सेवन कितना जरूरी है. उनका कहना है कि ऑर्गेनिक खेती से मिलने वाले फल और सब्जियां खाई जाए तो बीमारियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने इस खेती की शुरुआत की. उनका कहना है कि उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती सब कुछ खुद के दम पर किया है.
उमेश एक ही खेत में फल और सब्जी दोनों उत्पादित कर दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं. कई ऐसे फलों को भी उन्होंने यहां पर उत्पादित करके दिखाया है जो दूसरे किसानों के लिए एक सपना था.