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लोहदगा में बच्चों की जान के साथ खिलवाड़, लॉकडाउन के दौरान बुलाया स्कूल - कोरोना वायरस

कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए आज पूरा विश्व अलर्ट है. प्रयास किया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए एक दूसरे से दूरी बनाई जाए. इससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके. वहीं, इसके विपरीत लोहरदगा जिले में मासूम बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है.

School called for giving rice during the lockdown in Lohadaga
बच्चों को चावल देने के लिए बुलाया स्कूल
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Published : Mar 28, 2020, 7:12 PM IST

लोहरदगा: शहर के मध्य विद्यालय लोहरदगा में सैकड़ों बच्चों को महज इसलिए स्कूल बुलाया गया कि उन्हें एमडीएम का चावल दिया जाना था. ढाई किलो चावल देने के लिए बच्चों को स्कूल बुलाया गया था. सैकड़ों बच्चे सूचना मिलने पर स्कूल पहुंच गए. इस दौरान पूरे देश में लॉकडाउन का पालन भी नहीं किया गया. बच्चों की भीड़ जमा होने से कहीं ना कहीं संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. इससे मासूमों की जान पर आ सकती है.

देखेंं पूरी खबर

बावजूद इसके मध्य विद्यालय लोहरदगा में बड़ी संख्या में बच्चों को बुलाकर चावल वितरण का प्रयास किया गया. हालांकि समय रहते मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को हो गई और पुलिस ने तत्काल विद्यालय पहुंचकर सभी बच्चों को स्कूल से घर भेज दिया. इस मामले में स्कूल प्रबंधन का हर सदस्य अपना पीछा छुड़ा रहा है. शिक्षक कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. जबकि हर कोई खुद को बेगुनाह बता रहा है.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में छात्रों के लिए वरदान बना 'रेडियो खांची', घर बैठे मिल रही जानकारी

जिला शिक्षा अधिकारी रतन कुमार महावर से जब फोन पर बात की गई तो उनका कहना है कि यह महज कन्फ्यूजन में हुआ है. चावल घर-घर जाकर शिक्षकों को बांटने को कहा गया था. जबकि गलती से बच्चों को स्कूल बुला लिया गया. जानकारी होते ही तत्काल बच्चों को वापस घर भेज दिया गया है. इस मामले में अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने भी गंभीरता दिखाई है. अजय राय ने कहा है कि वे शिक्षा मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि इस मामले में जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

लोहरदगा: शहर के मध्य विद्यालय लोहरदगा में सैकड़ों बच्चों को महज इसलिए स्कूल बुलाया गया कि उन्हें एमडीएम का चावल दिया जाना था. ढाई किलो चावल देने के लिए बच्चों को स्कूल बुलाया गया था. सैकड़ों बच्चे सूचना मिलने पर स्कूल पहुंच गए. इस दौरान पूरे देश में लॉकडाउन का पालन भी नहीं किया गया. बच्चों की भीड़ जमा होने से कहीं ना कहीं संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. इससे मासूमों की जान पर आ सकती है.

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बावजूद इसके मध्य विद्यालय लोहरदगा में बड़ी संख्या में बच्चों को बुलाकर चावल वितरण का प्रयास किया गया. हालांकि समय रहते मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को हो गई और पुलिस ने तत्काल विद्यालय पहुंचकर सभी बच्चों को स्कूल से घर भेज दिया. इस मामले में स्कूल प्रबंधन का हर सदस्य अपना पीछा छुड़ा रहा है. शिक्षक कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. जबकि हर कोई खुद को बेगुनाह बता रहा है.

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जिला शिक्षा अधिकारी रतन कुमार महावर से जब फोन पर बात की गई तो उनका कहना है कि यह महज कन्फ्यूजन में हुआ है. चावल घर-घर जाकर शिक्षकों को बांटने को कहा गया था. जबकि गलती से बच्चों को स्कूल बुला लिया गया. जानकारी होते ही तत्काल बच्चों को वापस घर भेज दिया गया है. इस मामले में अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने भी गंभीरता दिखाई है. अजय राय ने कहा है कि वे शिक्षा मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि इस मामले में जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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