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करोड़ों की लागत से हो रहा तालाब का नव निर्माण, DC ने औचक निरीक्षण कर दिए आवश्यक निर्देश - उपायुक्त आकांक्षा रंजन

लोहरदगा का ऐतिहासिक बड़ा तालाब के नव निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंची उपायुक्त आकांक्षा रंजन, उपायुक्त ने प्रशासनिक अधिकारियों को दिेए कई दिशा निर्देश

निरीक्षण करती उपायुक्त आकांक्षा रंजन
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Published : Jun 7, 2019, 9:05 PM IST

लोहरदगा: शहर के बीचों बीच स्थित ऐतिहासिक बड़ा तालाब के नव निर्माण कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शुक्रवार को उपायुक्त आकांक्षा रंजन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अचानक निरीक्षण करने पहुंची.


बड़ा तालाब के नव निर्माण का कार्य लंबे इंतजार के बाद शुरू हो चुका है. लेकिन इसके शुरू होते ही काम मे लापरवाही की खबरें आम होने लगी. लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम के साथ डीसी ने इसका औचक निरीक्षण किया.

निरीक्षण करती उपायुक्त आकांक्षा रंजन


इस दौरान डीसी तालाब के गहरीकरण को लेकर असंतुष्ट दिखाई दी. इसके अलावा जमीन के अतिक्रमण की मिल रही शिकायतों को लेकर मामले में अधिकारियों को तथ्य स्पष्ट करने को कहा है. डीसी ने खुदाई को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. उन्होंने कहा, कि इस योजना में प्राक्कलन और नियमों का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


इस तालाब का निर्माण कार्य अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 18 वीं सदी में कैदियों द्वारा किया गया था. अंग्रेजों ने सजा के तौर पर कैदियों से तालाब खुदवाने का काम कराया था. यह तालाब अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है.

लोहरदगा: शहर के बीचों बीच स्थित ऐतिहासिक बड़ा तालाब के नव निर्माण कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शुक्रवार को उपायुक्त आकांक्षा रंजन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अचानक निरीक्षण करने पहुंची.


बड़ा तालाब के नव निर्माण का कार्य लंबे इंतजार के बाद शुरू हो चुका है. लेकिन इसके शुरू होते ही काम मे लापरवाही की खबरें आम होने लगी. लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम के साथ डीसी ने इसका औचक निरीक्षण किया.

निरीक्षण करती उपायुक्त आकांक्षा रंजन


इस दौरान डीसी तालाब के गहरीकरण को लेकर असंतुष्ट दिखाई दी. इसके अलावा जमीन के अतिक्रमण की मिल रही शिकायतों को लेकर मामले में अधिकारियों को तथ्य स्पष्ट करने को कहा है. डीसी ने खुदाई को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. उन्होंने कहा, कि इस योजना में प्राक्कलन और नियमों का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


इस तालाब का निर्माण कार्य अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 18 वीं सदी में कैदियों द्वारा किया गया था. अंग्रेजों ने सजा के तौर पर कैदियों से तालाब खुदवाने का काम कराया था. यह तालाब अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है.

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स्टोरी- तालाब जीर्णोद्धार में मिल रही शिकायतों पर ऑन स्पॉट पहुंची, डीसी जांच कर दिए कड़े निर्देश
बाइट- आकांक्षा रंजन, डीसी, लोहरदगा
बाइट- जबारुल अंसारी, संवेदक
एंकर- शहर के मध्य में स्थित ऐतिहासिक बड़ा तालाब के जीर्णोद्धार कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शुक्रवार को उपायुक्त आकांक्षा रंजन ऑन स्पॉट पहुंच गई. प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ डीसी ने मौके पर पहुंचकर पूरी योजना की जानकारी ली.तालाब के गहरीकरण को लेकर डीसी संतुष्ट दिखाई नहीं दी. साथ ही तालाब की भूमि के अतिक्रमण की मिल रही शिकायतों को लेकर मामले में अधिकारियों को तथ्य स्पष्ट करने को कहा है. डीसी ने गहरीकरण को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि योजना ने प्राक्कलन और नियमों का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए. इसमें कोई भी शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह तालाब लोहरदगा शहर की पहचान है. लंबे इंतजार के बाद लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत से तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. ऐसे में तालाब के जीर्णोद्धार में कोई भी उदासीनता, लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. तकनीकी अधिकारी पूरी योजना कार्य की निगरानी करें. डीसी ने नक्शा की सहायता से पूरी योजना कार्य को समझा. साथ ही आवश्यक निर्देश भी दिए हैं. बता दें कि बड़ा तालाब का निर्माण कार्य अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 18 वीं सदी में कैदियों द्वारा किया गया था. अंग्रेजों ने सजा के तौर पर कैदियों से तालाब खुदवाने का काम किया था. यह तालाब अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है.Body:JH_LOH_VIKRAM_TALAB KI JANCH_VISUAL_JH10011Conclusion:JH_LOH_VIKRAM_TALAB KI JANCH_VISUAL_JH10011
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