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सैंकड़ों ग्रामीणों ने डीसी के पास पहुंचकर लगाई गुहार, जन वितरण प्रणाली के तहत नहीं मिल रहा समय पर अनाज

लोहरदगा में जन वितरण प्रणाली व्यवस्था में कई तरह की खामियां उभर कर सामने आ रही हैं. उपभोक्ताओं को सही से उनका हक नहीं मिल रहा है. व्यवस्था से नाराज ग्रामीण अब खुलकर शिकायत करने के लिए सामने आ रहे हैं. सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने डीसी कार्यालय पहुंचकर प्रशासन को जन वितरण प्रणाली की वास्तविक स्थिति स्वागत कराया है. People complained to DC about PDS

सैंकड़ों ग्रामीणों ने डीसी के पास पहुंचकर लगाई गुहार
People complained to DC about PDS
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 17, 2023, 5:26 PM IST

सैंकड़ों ग्रामीणों ने डीसी के पास पहुंचकर लगाई गुहार

लोहरदगा: जन वितरण प्रणाली की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने का दावा सरकार के स्तर से तो खूब किया जाता है, लेकिन जमीन पर हकीकत बिल्कुल अलग है. लोहरदगा जिले के विधायक झारखंड सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हैं. वह लगातार विभाग की समीक्षा भी करते हैं. इसके बावजूद जन वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही. उपभोक्ता दुकानदारों से परेशान हैं. इस तरह का मामला सामने आने के बाद उपभोक्ता परेशान होकर डीसी के पास पहुंचे.

ये भी पढ़ें: नगाड़ा के साथ ग्रामीण पहुंचे प्रखंड मुख्यालय, कहा- अगस्त का अनाज कम दे रहा है डीलर, सितम्बर में अवैध वसूली

लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती कैरो प्रखंड के गितिलगढ़ गांव के सैकड़ों ग्रामीण लोहरदगा जिला मुख्यालय पहुंचकर डीसी से मिले. ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश था कि सरिता महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित जन वितरण प्रणाली की दुकान से उन्हें समय पर और सही माप तौल में अनाज नहीं मिलता है. ग्रामीणों का कहना है कि समूह द्वारा पिछले दो महीने का राशन देने की बात कह कर मशीन में अंगूठा तो लगवा लिया गया, परंतु एक महीने का ही खाद्यान्न दिया गया है.

यही नहीं लोगों का आरोप है कि डिजिटल तौल मशीन की जगह ईंट-पत्थर से पुराने तराजू पर खाद्यान्न तौल कर वितरित किया जा रहा है. वर्ष 2022 अक्टूबर माह का राशन कई उपभोक्ताओं को नहीं मिला है. इस बात को लेकर उन्होंने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी शिकायत की थी. इसके बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. दुकानदार उनसे कहता है कि जहां शिकायत करना है कर लो, उसे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. जिसके बाद ग्रामीणों ने सैंकड़ों की संख्या में डीसी कार्यालय पहुंचकर मांग पत्र सौंपा और डीसी को अपनी मांगों से अवगत कराया है.

डीसी ने ग्रामीणों को भरोसा है कि शायद अब जिला प्रशासन की पहल के बाद उन्हें उनका हक मिल सके. ग्रामीण कहते हैं कि उन्हें किसी भी दुकान के साथ मर्ज कर दिया जाए, वह वहां से राशन ले लेंगे, परंतु इस दुकान में उनका हक मारा जा रहा है.

सैंकड़ों ग्रामीणों ने डीसी के पास पहुंचकर लगाई गुहार

लोहरदगा: जन वितरण प्रणाली की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने का दावा सरकार के स्तर से तो खूब किया जाता है, लेकिन जमीन पर हकीकत बिल्कुल अलग है. लोहरदगा जिले के विधायक झारखंड सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हैं. वह लगातार विभाग की समीक्षा भी करते हैं. इसके बावजूद जन वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही. उपभोक्ता दुकानदारों से परेशान हैं. इस तरह का मामला सामने आने के बाद उपभोक्ता परेशान होकर डीसी के पास पहुंचे.

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लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती कैरो प्रखंड के गितिलगढ़ गांव के सैकड़ों ग्रामीण लोहरदगा जिला मुख्यालय पहुंचकर डीसी से मिले. ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश था कि सरिता महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित जन वितरण प्रणाली की दुकान से उन्हें समय पर और सही माप तौल में अनाज नहीं मिलता है. ग्रामीणों का कहना है कि समूह द्वारा पिछले दो महीने का राशन देने की बात कह कर मशीन में अंगूठा तो लगवा लिया गया, परंतु एक महीने का ही खाद्यान्न दिया गया है.

यही नहीं लोगों का आरोप है कि डिजिटल तौल मशीन की जगह ईंट-पत्थर से पुराने तराजू पर खाद्यान्न तौल कर वितरित किया जा रहा है. वर्ष 2022 अक्टूबर माह का राशन कई उपभोक्ताओं को नहीं मिला है. इस बात को लेकर उन्होंने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी शिकायत की थी. इसके बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. दुकानदार उनसे कहता है कि जहां शिकायत करना है कर लो, उसे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. जिसके बाद ग्रामीणों ने सैंकड़ों की संख्या में डीसी कार्यालय पहुंचकर मांग पत्र सौंपा और डीसी को अपनी मांगों से अवगत कराया है.

डीसी ने ग्रामीणों को भरोसा है कि शायद अब जिला प्रशासन की पहल के बाद उन्हें उनका हक मिल सके. ग्रामीण कहते हैं कि उन्हें किसी भी दुकान के साथ मर्ज कर दिया जाए, वह वहां से राशन ले लेंगे, परंतु इस दुकान में उनका हक मारा जा रहा है.

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