लोहरदगा: छोटानागपुर की नागपुरी बोली, यहां की संस्कृति, यहां का पहनावा और यहां के गांव-घर ही यहां की पहचान है. लोहरदगा पुलिस झारखंड की संस्कृति और यहां की भाषा को बढ़ावा देने के लिए अपने स्तर से योगदान दे रही है. पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से आम लोगों के लिए जो संदेश प्रचारित-प्रसारित किया जाता है, उस संदेश को नागपुरी और सादरी में प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है. पुलिस की यह पहल युवाओं को खूब भा रही है. नई पीढ़ी के लिए अपनी भाषा और संस्कृति को जानने का एक बेहतर अवसर मिल रहा है.
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बीजेपी ने की सराहना
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी पुलिस प्रशासन के नागपुरी और सादरी भाषा में संदेशों को प्रचारित किए जाने की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि इससे झारखंड की संस्कृति और सभ्यता को एक पहचान मिलेगी, यहां की बोली को उसकी पहचान देने का काम पुलिस कर रही है, सादरी और नागपुरी में संदेश पोस्ट किए जाने से नई पीढ़ी के मन में अपनी भाषा को लेकर एक रुचि जगी है, आज जब सभी राज्य अपने भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं, ऐसे में झारखंड पुलिस की पहल भी एक नई दिशा देती नजर आ रही है, पुलिस प्रशासन की इस पहल से नागपुरी और सादरी भाषा के राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की उम्मीद भी जगी है.
पुलिस चला रही अभियान
लोहरदगा पुलिस नागपुरी और सादरी को बढ़ावा देने को लेकर अपने संदेशों के माध्यम से एक अभियान चला रही है. पुलिस-प्रशासन की ओर से आम लोगों के लिए जारी किए जाने वाले संदेशों को नागपुरी और सादरी भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है. ट्विटर, फेसबुक सहित अन्य माध्यमों में लोहरदगा पुलिस नागपुरी और सादरी में संदेशों को प्रचारित और प्रसारित कर रही है.