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International Day of Older Person: लोहरदगा में बुजुर्गों के सहारा दे रही वृद्ध आश्रम, खाना के साथ उनके सेहत का भी रखा जा रहा ख्याल

उम्र के आखिरी पड़ाव में अपनों का साथ सबसे जरूरी होता है. लोहरदगा में कई ऐसे बदनसीब हैं, जो अपनों के ठुकराये हुए हैं. इन्हें होप संस्था का सहारा मिल रहा है. संस्था बिना किसी सरकारी मदद के वृद्धाश्रम का संचालन करती है. सेल्फ सपोर्ट से वृद्धाश्रम का संचालन किया जा रहा है. old age home in Lohardaga

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लोगरदगा के मनहों गांव में स्थित है ये वृद्धाश्रम
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 1, 2023, 11:28 AM IST

Updated : Oct 1, 2023, 12:02 PM IST

लोहरदगा के मनहों वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्ग

लोहरदगा: जब अपनों का साथ छूट जाता है, तब लगता है जैसे जिंदगी की सारी कमाई चली गई. एक बुजुर्ग के अंतिम दिनों में उसका परिवार ही उसकी जमा पूंजी और सहारा होता है. कुछ ऐसे भी बदनसीब होते हैं, जिन्हें उम्र के इस पड़ाव में अपनों का साथ नहीं मिल पाता. जब अपने साथ छोड़ जाते हैं, तब गैरों का सहारा मिलता है. लोहरदगा के वृद्ध आश्रम में ऐसे ही छह वृद्ध रह रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: मदर्स डे पर विशेष: वृद्ध आश्रम में रह रही माताएं मातृ दिवस पर भी बच्चों से रहीं दूर, परिवार को याद कर आंखें हो जाती हैं नम

अप्रैल 2023 में इस वृद्धा आश्रम का शुभारंभ हुआ: लोहरदगा जिले के सदर प्रखंड के मनहों गांव में होप संस्था बिना किसी सरकारी मदद के वृद्ध आश्रम चला रही है. अप्रैल 2023 में इस वृद्ध आश्रम का शुभारंभ हुआ. जिसमें वर्तमान में कुल छह वृद्ध रह रहे हैं. इसमें कुल पांच पुरुष और एक महिला शामिल हैं. जबकि उनकी देखभाल के लिए एक युवक और एक महिला यहां पर कार्यरत हैं. इसके अलावा समय-समय पर होप संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी मनोरमा एक्का और सदस्य अरविंद वर्मा भी यहां आकर वृद्ध की सेवा करते हैं. उनके साथ समय गुजारते हैं. सभी अपनों के सताए हुए हैं, अपनों ने इनका साथ छोड़ दिया है. जिसके बाद इन्हें होप संस्था का सहारा मिला है.

वृद्ध आश्रम की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 21 वृद्ध आ चुके हैं: जब से वृद्ध आश्रम की शुरुआत हुई, उस समय से लेकर आज तक यहां पर कुल 21 वृद्ध आए. जिनमें से छह लोगों को छोड़कर शेष लोगों को काउंसलिंग करते हुए वापस घर भेज दिया गया. उनके परिवार के सदस्य और वृद्ध को समझाया गया कि वो परिस्थितियों को सुधार कर मिलजुल कर साथ रह सकते हैं. जिन छह लोगों को सहारा नहीं मिला, उन्हें वृद्ध आश्रम में रख लिया गया.

लोहरदगा के मनहों वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्ग

लोहरदगा: जब अपनों का साथ छूट जाता है, तब लगता है जैसे जिंदगी की सारी कमाई चली गई. एक बुजुर्ग के अंतिम दिनों में उसका परिवार ही उसकी जमा पूंजी और सहारा होता है. कुछ ऐसे भी बदनसीब होते हैं, जिन्हें उम्र के इस पड़ाव में अपनों का साथ नहीं मिल पाता. जब अपने साथ छोड़ जाते हैं, तब गैरों का सहारा मिलता है. लोहरदगा के वृद्ध आश्रम में ऐसे ही छह वृद्ध रह रहे हैं.

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अप्रैल 2023 में इस वृद्धा आश्रम का शुभारंभ हुआ: लोहरदगा जिले के सदर प्रखंड के मनहों गांव में होप संस्था बिना किसी सरकारी मदद के वृद्ध आश्रम चला रही है. अप्रैल 2023 में इस वृद्ध आश्रम का शुभारंभ हुआ. जिसमें वर्तमान में कुल छह वृद्ध रह रहे हैं. इसमें कुल पांच पुरुष और एक महिला शामिल हैं. जबकि उनकी देखभाल के लिए एक युवक और एक महिला यहां पर कार्यरत हैं. इसके अलावा समय-समय पर होप संस्था की मैनेजिंग ट्रस्टी मनोरमा एक्का और सदस्य अरविंद वर्मा भी यहां आकर वृद्ध की सेवा करते हैं. उनके साथ समय गुजारते हैं. सभी अपनों के सताए हुए हैं, अपनों ने इनका साथ छोड़ दिया है. जिसके बाद इन्हें होप संस्था का सहारा मिला है.

वृद्ध आश्रम की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 21 वृद्ध आ चुके हैं: जब से वृद्ध आश्रम की शुरुआत हुई, उस समय से लेकर आज तक यहां पर कुल 21 वृद्ध आए. जिनमें से छह लोगों को छोड़कर शेष लोगों को काउंसलिंग करते हुए वापस घर भेज दिया गया. उनके परिवार के सदस्य और वृद्ध को समझाया गया कि वो परिस्थितियों को सुधार कर मिलजुल कर साथ रह सकते हैं. जिन छह लोगों को सहारा नहीं मिला, उन्हें वृद्ध आश्रम में रख लिया गया.

Last Updated : Oct 1, 2023, 12:02 PM IST
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