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निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ चल रही मनमर्जी, स्वास्थ्य विभाग ने किया पड़ताल

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Published : Jul 10, 2019, 5:48 PM IST

लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया. इस दौरान मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली गई. इसके अलावा अस्पताल में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया गया.

निजी अस्पतालों का निरीक्षण करते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

लोहरदगाः स्वास्थ्य विभाग को निजी अस्पतालों के बारे में लगातार ये शिकायत मिल रही थी कि वहां मरीजों के साथ हो रही मनमानी होती है. जिसपर विभाग ने संज्ञान लिया और शहर के अलग-अलग अस्पतालों की जांच करते हुए आवश्यक बिंदुओं पर पड़ताल की है.

देखें पूरी खबर

इस क्रम में लोहरदगा शहरी क्षेत्र में स्थित साईं नर्सिंग होम, गौतम नर्सिंग होम, इंद्राणी फार्मा सहित कई निजी अस्पतालों की जांच की गई. यहां स्वास्थ्य विभाग ने जब आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं की जांच की तो इस दौरान कई त्रुटियां सामने आई. जिसे लेकर अस्पताल प्रबंधन को कड़े निर्देश दिए गए.

जांच के क्रम में मात्र एक अस्पताल में ही चिकित्सक मिले. जबकि 2 अस्पतालों में डॉक्टरों का कोई अता-पता नहीं था. इस बात को लेकर टीम के सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया है. वहीं, मरीजों को दी जा रही सुविधाओं को लेकर भी टीम के सदस्य संतुष्ट नजर नहीं आए. कुल मिलाकर स्थिति यह थी कि जैसे-तैसे मरीजों का इलाज किया जा रहा था.

ये भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पेशल ड्राइव डे, झारखंड में 6 ठिकानों पर CBI के छापे

वहीं, कई अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत होने वाले खर्च की सीमा, उनसे वसूली गई राशि, दी जाने वाली सुविधाओं की कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी. ऐसे हालात में अस्पतालों के संचालन को लेकर कड़े निर्देश भी दिए गए हैं. टीम की जांच से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है.

लोहरदगाः स्वास्थ्य विभाग को निजी अस्पतालों के बारे में लगातार ये शिकायत मिल रही थी कि वहां मरीजों के साथ हो रही मनमानी होती है. जिसपर विभाग ने संज्ञान लिया और शहर के अलग-अलग अस्पतालों की जांच करते हुए आवश्यक बिंदुओं पर पड़ताल की है.

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इस क्रम में लोहरदगा शहरी क्षेत्र में स्थित साईं नर्सिंग होम, गौतम नर्सिंग होम, इंद्राणी फार्मा सहित कई निजी अस्पतालों की जांच की गई. यहां स्वास्थ्य विभाग ने जब आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं की जांच की तो इस दौरान कई त्रुटियां सामने आई. जिसे लेकर अस्पताल प्रबंधन को कड़े निर्देश दिए गए.

जांच के क्रम में मात्र एक अस्पताल में ही चिकित्सक मिले. जबकि 2 अस्पतालों में डॉक्टरों का कोई अता-पता नहीं था. इस बात को लेकर टीम के सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया है. वहीं, मरीजों को दी जा रही सुविधाओं को लेकर भी टीम के सदस्य संतुष्ट नजर नहीं आए. कुल मिलाकर स्थिति यह थी कि जैसे-तैसे मरीजों का इलाज किया जा रहा था.

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वहीं, कई अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत होने वाले खर्च की सीमा, उनसे वसूली गई राशि, दी जाने वाली सुविधाओं की कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी. ऐसे हालात में अस्पतालों के संचालन को लेकर कड़े निर्देश भी दिए गए हैं. टीम की जांच से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है.

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स्टोरी- निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ चल रही थी मनमर्जी, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की पड़ताल
बाइट- राहुल कुमार सिंह, राज्य परामर्शी, क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट
एंकर- निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ चल रही मनमानी को लेकर मिल रही लगातार शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम आप सक्रिय हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों की जांच करते हुए आवश्यक बिंदुओं पर पड़ताल की है. लोहरदगा शहरी क्षेत्र के कई अस्पतालों में जांच कर वहां पर चल रही योजनाओं, मरीजों को दी जा रही सुविधाओं और आयुष्मान भारत योजना की पड़ताल की है. इस दौरान कई त्रुटियां भी सामने आई है. जिसे लेकर अस्पताल प्रबंधन को कड़े निर्देश दिए गए हैं.

इंट्रो- क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के राज्य परामर्शी राहुल कुमार सिंह, सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सुदामा, सदर अस्पताल के डाटा प्रबंधक जाहिद और संजीव रंजन की टीम ने शहर के अलग-अलग अस्पतालों में जांच की है. इस क्रम में लोहरदगा शहरी क्षेत्र में स्थित साईं नर्सिंग होम, गौतम नर्सिंग होम, इंद्राणी फार्मा सहित कई निजी अस्पतालों की जांच की गई. जांच के क्रम में मात्र एक अस्पताल में ही चिकित्सक मिले. जबकि 2 अस्पताल में चिकित्सकों का कोई अता-पता नहीं था. इस बात को लेकर टीम के सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया है. साथ ही मरीजों को दी जा रही सुविधाओं को लेकर भी टीम के सदस्य संतुष्ट नजर नहीं आए. कुल मिलाकर स्थिति यह थी कि जैसे-तैसे मरीजों का इलाज किया जा रहा था. मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत होने वाले खर्च की सीमा, उनसे वसूली गई राशि, दी जाने वाली सुविधाओं की कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही थी. ऐसे हालात में अस्पतालों के संचालन को लेकर कड़े निर्देश भी दिए गए हैं. टीम की जांच से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है.


Body:इंट्रो- क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के राज्य परामर्शी राहुल कुमार सिंह, सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सुदामा, सदर अस्पताल के डाटा प्रबंधक जाहिद और संजीव रंजन की टीम ने शहर के अलग-अलग अस्पतालों में जांच की है. इस क्रम में लोहरदगा शहरी क्षेत्र में स्थित साईं नर्सिंग होम, गौतम नर्सिंग होम, इंद्राणी फार्मा सहित कई निजी अस्पतालों की जांच की गई. जांच के क्रम में मात्र एक अस्पताल में ही चिकित्सक मिले. जबकि 2 अस्पताल में चिकित्सकों का कोई अता-पता नहीं था. इस बात को लेकर टीम के सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया है. साथ ही मरीजों को दी जा रही सुविधाओं को लेकर भी टीम के सदस्य संतुष्ट नजर नहीं आए. कुल मिलाकर स्थिति यह थी कि जैसे-तैसे मरीजों का इलाज किया जा रहा था. मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत होने वाले खर्च की सीमा, उनसे वसूली गई राशि, दी जाने वाली सुविधाओं की कोई जानकारी भी नहीं दी जा रही थी. ऐसे हालात में अस्पतालों के संचालन को लेकर कड़े निर्देश भी दिए गए हैं. टीम की जांच से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है.


Conclusion:स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा निजी अस्पतालों की जांच से कई कमियां उजागर हुई है. अब तक निजी अस्पताल मरीजों के साथ अपनी मर्जी कर रहे थे. इस जांच से हड़कंप मच गया है.
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