लोहरदगा: जिले में अगलगी की घटनाएं लगातार हो रही हैं. जिसमें कई लोगों का आशियाना जलकर खाक हो चुका है. राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में हुई घटनाओं से भी लोग सहमे हुए हैं. लोगों को जान-माल का नुकसान होने का डर सता रहा है. ऐसे में लोहरदगा जिला प्रशासन आग से बचाव को लेकर अलर्ट हो चुका है. प्रशासन की ओर से इसके लिए पहल शुरू कर दी गई है.
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विशेष टीम का किया गया है गठन: लोहरदगा जिले में आग लगने की घटनाओं और राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में अगलगी की घटना में कई लोगों की जान जाने के बाद लोहरदगा जिला प्रशासन अब अलर्ट हो चुका है. उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण के निर्देश पर लोहरदगा जिले में विशेष टीम का गठन किया गया है. इस टीम में 10 सदस्य शामिल हैं. आपदा प्रबंधन पदाधिकारी विभाकर कुमार के नेतृत्व में शहर के अलग-अलग होटल, मैरेज हॉल, धर्मशाला सहित अन्य बड़े प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी ऑडिट प्रारंभ कर दिया गया है. टीम के सदस्य प्रतिष्ठानों में पहुंचकर वहां पर आग से बचाव को लेकर सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही आग से बचाव को लेकर जरूरी निर्देश भी दिए जा रहे हैं.
जिले के प्रमुख प्रतिष्ठानों के संचालकों को नोटिस कर मांगा गया एनओसीः इसके अलावा नगर परिषद की ओर से सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया है. जिसमें उन्हें अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र और एक शपथ पत्र जमा करने को कहा गया है. जिसके आधार पर यह तय हो सकेगा कि प्रतिष्ठान में आग से सुरक्षा को लेकर किस प्रकार के उपाय किए गए हैं. जिले में आग से सुरक्षा को लेकर किए जा रहे उपायों की समीक्षा अब गंभीरता पूर्वक की जा रही है. महत्वपूर्ण रूप से टीम के सदस्य खुद प्रतिष्ठान में पहुंचकर एक-एक बिंदु की जांच कर रहे हैं. यह देखा जा रहा है कि कहीं आग से बचाव को लेकर किसी प्रकार की खानापूर्ति तो नहीं की जा रही है. जिला प्रशासन के सतर्क होने के बाद अब प्रतिष्ठान के संचालक भी आग से सुरक्षा को लेकर जरूरी उपाय करने में लगे हुए हैं. नगर परिषद की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि यदि आवश्यक उपाय नजर नहीं आते हैं, तो ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
फायर सेफ्टी के इंतजाम में खानापूर्ति पर होगी कार्रवाईः अगलगी की घटनाओं में जान-माल के नुकसान को लेकर प्रशासन की टीम अब जमीनी स्तर पर पड़ताल में जुटी हुई है. जिसमें बड़े प्रतिष्ठानों विशेष तौर पर भीड़ वाले इलाकों में जांच कर रही है. फायर ऑडिट के माध्यम से जमीनी स्तर पर पड़ताल हो रही है. सभी बड़े प्रतिष्ठान के संचालकों को शपथ पत्र और अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि कहीं पर खानापूर्ति मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.