लोहरदगा: शहर में रहने वाले लोगों को पीने के पानी की समस्या नहीं हो. इसको लेकर वर्ष 1981 में ही जलापूर्ति व्यवस्था के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (Water Treatment Plant) और जलमीनार स्थापित कर घर-घर पानी पहुंचाया गया. लेकिन, वर्ष 1983 में जिला बनने के बाद जलापूर्ति व्यवस्था ध्वस्त होती चली गई. स्थिति यह हो गई कि लोगों को रोजना पीने के पानी की समस्या होने लगी और इधर-उधर भटकने को मजबूर होने लगे. हालांकि, अब इस समस्या का स्थाई समाधान निकाला गया है, ताकि लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़े.
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पीएचइडी की ओर से स्थापित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जर्जर हो गया था, जिसे दुरुस्त करना भी संभव नहीं था. इसको लेकर लोहरदगा नगर परिषद ने नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया और पुराने जलमीनार से कनेक्ट किया. इस नई व्यवस्था से अपर बाजार, मिशन चौक, समाहरणालय, प्रखंड कार्यालय और शांति नगर आदि इलाकों में निर्बाध रूप से पीने के पानी की सप्लाई की जाएगी.
तीन जलमीनार से पानी की सप्लाई
शहर में पानी की सप्लाई को लेकर तीन जलमीनार हैं. तीनों जलमीनार को नये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से कनेक्ट कर दिया गया है. इससे इन तीनों जलमीनारों से आपूर्ति क्षेत्र में सुबह-शाम निर्बाध पानी पहुंचेगा. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि बरवाटोली स्थित जलमीनार को भरने में 11 घंटे का समय लगता था, लेकिन नई व्यवस्था में सिर्फ 5 घंटे लगेंगे. उन्होंने कहा कि ट्रायल भी सफल हो गया है और एक-दो दिनों में लोगों के घर-घर पीने का पानी पहुंचने लगेगा.
शहरी फीडर से बिजली कनेक्शन देने की तैयारी
शंख नदी पर बनाए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को ग्रामीण फीडर से हटाकर शहरी फीडर से जोड़ने की योजना बनाई गई, जो वर्ष 2007-8 में ही पूरा हो जाना चाहिए था. लेकिन, अब तक योजना लंबित है. हालांकि, इस योजना को भी अगले एक माह में पूरा किया जाएगा. इससे हरमू तट पर लगाया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बाढ़ में डूबने के बावजूद चालू रहेगा.