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लोहरदगा में ग्रामीण की टुकड़ों में मिली लाश, तीन दिन से चल रहा बचाव कार्य नाकाम

शुक्रवार को लोहरदगा में एक हादसे में कुएं में फंसे ग्रामीण प्रताप बारला को नहीं बचाया जा सका. लगातार तीन दिन चलाए गए रेस्क्यू अभियान के बावजूद रविवार को उसका शव टुकड़ों में कुएं से निकाला गया, शव मिलने के बाद परिवार में मातम पसर गया है.

death by well collapse
कुआं धंसने से एक की मौत
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Published : Jun 6, 2021, 8:24 PM IST

लोहरदगा: जोबांग थाना क्षेत्र के तलसा खड़िया गांव में तीन दिन पहले कुएं में गिरे ग्रामीण प्रताप बारला को नहीं बचाया जा सका. शुक्रवार से चल रहा रेस्क्यू अभियान उस समय समाप्त हो गया जब उसका शव कुएं से टुकड़ों में बरामद किया गया. शव मिलने के बाद राहतकर्मी जहां निराश हैं. वहीं परिवार में मातम पसर गया है.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा: कुएं की सफाई के दौरान दबा मजदूर
कैसे हुआ हादसा?
जिले के सुदूरवर्ती जोबांग थाना क्षेत्र के तलसा खड़िया गांव में शुक्रवार को ग्रामीण प्रताप बारला कूप सफाई कर रहा था. इसी दौरान हुई बारिश के दौरान कुआं धंस गया. कुएं की मिट्टी और पत्थर के मलबे में प्रताप दब गए. उनको बचाने के लिए शुक्रवार से लगातार राहत अभियान चलाया जा रहा था. रविवार को उसका शव कुएं से टुकड़ों में बरामद की गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से जेसीबी मशीन उपलब्ध होने में देरी हुई, जिस वजह से उनको बचाया नहीं जा सका.

टूट गई उम्मीद

परिजनों के मुताबिक वे तीन दिनों से उनके जिंदा होने की उम्मीद रखे हुए थे. लेकिन रविवार को शव बरामद होने के बाद सारी उम्मीद टूट गई है. घटना के बाद से जहां परिवार में मातम पसर गया है वहीं राहत और बचाव कार्य में लगे लोग निराश हो गए हैं.

लोहरदगा: जोबांग थाना क्षेत्र के तलसा खड़िया गांव में तीन दिन पहले कुएं में गिरे ग्रामीण प्रताप बारला को नहीं बचाया जा सका. शुक्रवार से चल रहा रेस्क्यू अभियान उस समय समाप्त हो गया जब उसका शव कुएं से टुकड़ों में बरामद किया गया. शव मिलने के बाद राहतकर्मी जहां निराश हैं. वहीं परिवार में मातम पसर गया है.

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कैसे हुआ हादसा?
जिले के सुदूरवर्ती जोबांग थाना क्षेत्र के तलसा खड़िया गांव में शुक्रवार को ग्रामीण प्रताप बारला कूप सफाई कर रहा था. इसी दौरान हुई बारिश के दौरान कुआं धंस गया. कुएं की मिट्टी और पत्थर के मलबे में प्रताप दब गए. उनको बचाने के लिए शुक्रवार से लगातार राहत अभियान चलाया जा रहा था. रविवार को उसका शव कुएं से टुकड़ों में बरामद की गई. स्थानीय लोगों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से जेसीबी मशीन उपलब्ध होने में देरी हुई, जिस वजह से उनको बचाया नहीं जा सका.

टूट गई उम्मीद

परिजनों के मुताबिक वे तीन दिनों से उनके जिंदा होने की उम्मीद रखे हुए थे. लेकिन रविवार को शव बरामद होने के बाद सारी उम्मीद टूट गई है. घटना के बाद से जहां परिवार में मातम पसर गया है वहीं राहत और बचाव कार्य में लगे लोग निराश हो गए हैं.

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