लोहरदगा: राज्य में सरकार बदलते ही व्यवस्था के साथ-साथ योजनाएं भी बदल जाती है. भले ही उन योजनाओं का उद्देश्य जन सरोकार से हों. राजनीति में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है. लोहरदगा में भी स्वास्थ्य व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण इकाई राजनीति की भेंट चढ़ गया. साल 2019 के अगस्त में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल क्लीनिक (Atal Clinic) की शुरुआत की थी, लेकिन यह क्लीनिक खुलने के साथ ही बंद पड़ गया. लोगों को इसका लाभ भी नहीं मिल पाया.
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उद्घाटन के साथ ही बंद हो गया क्लीनिक
जिले के शहरी क्षेत्र के नावाड़ीपाड़ा में लाइवलीहुड सेंटर के भवन में अटल क्लीनिक (मोहल्ला क्लीनिक) की शुरुआत की गई थी. क्लीनिक में दो-चार दिन डॉक्टर भी बैठे और मरीजों का इलाज भी हुआ, लेकिन अचानक क्लीनिक बंद हो गया. मरीज क्लीनिक आकर वापस लौटने लगे. देखते ही देखते कुछ दिनों में क्लीनिक से बोर्ड, सूचनाएं सभी गायब हो गया. अब क्लीनिक में ताला लटका हुा है.
दोबारा खुलेगा अटल क्लीनिक
इलाके में अटल क्लीनिक खुलने से लोगों की उम्मीदें जगी थी कि अब उन्हें इलाज कराने दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन उनके उम्मीदों पर पानी फिर गया. अब उन्हें इलाज कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टरों का ही सहारा लेना पड़ता है. हालांकि सिविल सर्जन डॉ संजय कुमार सुबोध का कहना है कि जल्द ही फिर से अटल क्लीनिक दोबारा खोला जाएगा. इसके लिए प्रयास हो रहे हैं.
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रघुवर दास सरकार ने की थी शुरुआत
तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के मौके पर अटल क्लीनिक योजना की शुरुआत की थी. पूरे राज्य में 35 अटल क्लीनिक का शुभारंभ किया गया था. साथ ही रघुवर दास ने घोषणा की थी कि राज्य में और एक सौ क्लीनिक खोले जाएंगे. जबकि रांची नगर निगम के सभी वार्डों में इस क्लीनिक को खोला जाना था. क्लीनिक में फर्स्ट एड के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य जांच, दवा वितरण, एंटी रेबीज वैक्सीन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध थी, लेकिन योजना खटाई में पड़ गई. सरकार बदलने के साथ ही परिस्थितियां बदल गई और अटल क्लीनिक बंद हो गया.