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विधानसभा चुनाव 2019: लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

आगामी विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर लोहरदगा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है. आम लोगों ने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बाल विकास परियोजना, जनसंख्या नियोजन आदि को लेकर कदम उठाने की मांग की है.

लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो
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Published : Sep 20, 2019, 1:16 PM IST


लोहरदगा: विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर लोहरदगा विधानसभा सीट की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. आम लोगों ने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बाल विकास परियोजना, जनसंख्या नियोजन आदि को लेकर कदम उठाने की मांग की है. इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से जो समस्याएं हो रही हैं उसे देखते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद की है. लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की जनता ने रोजगार और बिजली को लेकर भी ध्यान देने की बात कही है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

जनता का मेनिफेस्टो:

⦁ हॉस्पिटल का निर्माण
⦁ रोजगार की व्यवस्था
⦁ जनसंख्या नियंत्रण कानून
⦁ बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था

⦁ मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता
⦁ सड़कों का निर्माण
⦁ बेहतर शिक्षा की व्यवस्था

⦁ अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति
⦁ समुचित पेयजल व्यवस्था
⦁ स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: बोकारो विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

ईटीवी भारत से आम लोगों ने अपना मेनिफेस्टो बताते हुए कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने और सालों से जड़वत समस्याओं को दूर करने की जरूरत है. लोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे अधिक सुधार की जरूरत बताई है. इसके साथ ही उच्च शिक्षा की बदहाली तो है ही माध्यमिक शिक्षा की बदहाल स्थिति ने भी लोगों को चिंतित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों की जान जा रही है.
सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज रेफरल की भूमिका में रह गए हैं. बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. जिले में एकमात्र कॉलेज की स्थिति भी बदहाल है. जनसंख्या नियोजन जैसे मुद्दों को लेकर कोई गंभीरता नहीं है. यहां पर बॉक्साइट आय का मुख्य जरिया होने के बावजूद लोगों के पास रोजगार नहीं है.


लोहरदगा: विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर लोहरदगा विधानसभा सीट की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. आम लोगों ने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बाल विकास परियोजना, जनसंख्या नियोजन आदि को लेकर कदम उठाने की मांग की है. इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से जो समस्याएं हो रही हैं उसे देखते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद की है. लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की जनता ने रोजगार और बिजली को लेकर भी ध्यान देने की बात कही है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

जनता का मेनिफेस्टो:

⦁ हॉस्पिटल का निर्माण
⦁ रोजगार की व्यवस्था
⦁ जनसंख्या नियंत्रण कानून
⦁ बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था

⦁ मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता
⦁ सड़कों का निर्माण
⦁ बेहतर शिक्षा की व्यवस्था

⦁ अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति
⦁ समुचित पेयजल व्यवस्था
⦁ स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: बोकारो विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

ईटीवी भारत से आम लोगों ने अपना मेनिफेस्टो बताते हुए कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने और सालों से जड़वत समस्याओं को दूर करने की जरूरत है. लोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे अधिक सुधार की जरूरत बताई है. इसके साथ ही उच्च शिक्षा की बदहाली तो है ही माध्यमिक शिक्षा की बदहाल स्थिति ने भी लोगों को चिंतित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों की जान जा रही है.
सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज रेफरल की भूमिका में रह गए हैं. बाइपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. जिले में एकमात्र कॉलेज की स्थिति भी बदहाल है. जनसंख्या नियोजन जैसे मुद्दों को लेकर कोई गंभीरता नहीं है. यहां पर बॉक्साइट आय का मुख्य जरिया होने के बावजूद लोगों के पास रोजगार नहीं है.

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स्टोरी- विधानसभा चुनाव 2019: लोहरदगा की जनता का मेनिफेस्टो
एंकर- विधानसभा 2019 को लेकर लोहरदगा विधानसभा सीट की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत के साथ साझा किया है. आम लोगों ने क्षेत्र में शिक्षा स्वास्थ्य, सड़क, बाल विकास परियोजना, जनसंख्या नियोजन आदि को लेकर कदम उठाने की मांग की है. सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से जो समस्याएं हो रही है उसे देखते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद की है. लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की जनता नहीं रोजगार और बिजली को लेकर भी ध्यान देने की बात कही है.

इंट्रो- लोहरदगा जिला अपनी प्राकृतिक वादियों, बॉक्साइट की खदानों, जंगलों और पहाड़ों के रूप में अपनी पहचान रखता है. विधानसभा 2019 को लेकर लोहरदगा विधानसभा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. ईटीवी भारत से आम लोगों ने अपना मेनिफेस्टो बताते हुए कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने और वर्षों से जड़वत समस्याओं को दूर करने की जरूरत है. लोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे अधिक सुधार की जरूरत बताई है. उच्च शिक्षा की बदहाली तो है ही माध्यमिक शिक्षा की बदहाल स्थिति ने भी लोगों को चिंतित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों की जान जा रही है. सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज रेफरल की भूमिका में रह गए हैं. बाईपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. एकमात्र कॉलेज की स्थिति बदहाल है. जनसंख्या नियोजन जैसे मुद्दों को लेकर कोई गंभीरता नहीं है. यहां पर बॉक्साइट आय का मुख्य जरिया होने के बावजूद लोगों के पास रोजगार नहीं है. लोहरदगा झारखंड के पिछड़े जिलों में गिना जाता है. ऐतिहासिक महत्व रखने के बावजूद लोहरदगा जिले का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है. आईने अकबरी में लोहरदगा का जिक्र होने और यहां पर इतिहास के अवशेषों के मौजूद होने के बावजूद इसे कोई ऐतिहासिक पहचान नहीं मिल पाई है. लोहरदगा के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर जब रेल सेवा की शुरुआत हुई तब उस समय देश के गिने-चुने शहरों में ही रेल सेवा शुरू हो पाई थी. वर्ष 1911 से लोहरदगा रेल लाइन से जुड़ा हुआ है. साल 2011 के जनगणना के मुताबिक लोहरदगा जिले की आबादी 461790 है. लोहरदगा जिले में 68 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं. आदिवासी और आदिम जनजाति समुदाय के लोग यहां पर रहते आ रहे हैं. यहां कृषि और पशुपालन मुख्य व्यवसाय है. लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति प्रारंभ से ही काफी प्रभाव रखती आई है. झारखंड गठन से पहले से लेकर उसके बाद भी लोहरदगा विधानसभा का क्षेत्र भाजपा और कांग्रेस का ही गढ़ माना जाता है. हालांकि साल 2009 के विधानसभा चुनाव के बाद आज सुनने भी यहां की राजनीति में दखल दी है. झारखंड गठन से पहले और उसके बाद भाजपा के सधनु भगत विधायक रहे. साल 2005 के चुनाव में प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आए कांग्रेस के सुखदेव भगत ने भाजपा से यह सीट छीन ली. साल 2009 के विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी के कमल किशोर भगत ने सुखदेव भगत को हरा दिया था. साल 2014 के चुनाव में भी कमल किशोर भगत ने सुखदेव भगत को चुनाव में हराया. इसके बाद डॉक्टर से रंगदारी मांगने के मामले में सजा होने के बाद जब कमल किशोर भगत की विधायकी गई तो 2015 में विधानसभा का उपचुनाव हुआ. तब सुखदेव भगत ने कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत को हराकर वापस लोहरदगा की सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी.

जनता का मेनिफेस्टो
1- सड़क की हालत में सुधार
2- स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार
3- प्राथमिक, मध्य और उच्च शिक्षा में सुधार की जरूरत
4- पेयजल व्यवस्था का प्रयास
5- जनसंख्या नियोजन को प्राथमिकता
6- बाईपास सड़क का निर्माण
7- प्राथमिकता के आधार पर बिजली व्यवस्था में सुधार
8- बेरोजगारी दूर करने को ले रोजगार को प्राथमिकता
9- महिला रोजगार की व्यवस्था


Body:लोहरदगा जिला अपनी प्राकृतिक वादियों, बॉक्साइट की खदानों, जंगलों और पहाड़ों के रूप में अपनी पहचान रखता है. विधानसभा 2019 को लेकर लोहरदगा विधानसभा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. ईटीवी भारत से आम लोगों ने अपना मेनिफेस्टो बताते हुए कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने और वर्षों से जड़वत समस्याओं को दूर करने की जरूरत है. लोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे अधिक सुधार की जरूरत बताई है. उच्च शिक्षा की बदहाली तो है ही माध्यमिक शिक्षा की बदहाल स्थिति ने भी लोगों को चिंतित कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों की जान जा रही है. सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज रेफरल की भूमिका में रह गए हैं. बाईपास सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. एकमात्र कॉलेज की स्थिति बदहाल है. जनसंख्या नियोजन जैसे मुद्दों को लेकर कोई गंभीरता नहीं है. यहां पर बॉक्साइट आय का मुख्य जरिया होने के बावजूद लोगों के पास रोजगार नहीं है. लोहरदगा झारखंड के पिछड़े जिलों में गिना जाता है. ऐतिहासिक महत्व रखने के बावजूद लोहरदगा जिले का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है. आईने अकबरी में लोहरदगा का जिक्र होने और यहां पर इतिहास के अवशेषों के मौजूद होने के बावजूद इसे कोई ऐतिहासिक पहचान नहीं मिल पाई है. लोहरदगा के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर जब रेल सेवा की शुरुआत हुई तब उस समय देश के गिने-चुने शहरों में ही रेल सेवा शुरू हो पाई थी. वर्ष 1911 से लोहरदगा रेल लाइन से जुड़ा हुआ है. साल 2011 के जनगणना के मुताबिक लोहरदगा जिले की आबादी 461790 है. लोहरदगा जिले में 68 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं. आदिवासी और आदिम जनजाति समुदाय के लोग यहां पर रहते आ रहे हैं. यहां कृषि और पशुपालन मुख्य व्यवसाय है. लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति प्रारंभ से ही काफी प्रभाव रखती आई है. झारखंड गठन से पहले से लेकर उसके बाद भी लोहरदगा विधानसभा का क्षेत्र भाजपा और कांग्रेस का ही गढ़ माना जाता है. हालांकि साल 2009 के विधानसभा चुनाव के बाद आज सुनने भी यहां की राजनीति में दखल दी है. झारखंड गठन से पहले और उसके बाद भाजपा के सधनु भगत विधायक रहे. साल 2005 के चुनाव में प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आए कांग्रेस के सुखदेव भगत ने भाजपा से यह सीट छीन ली. साल 2009 के विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी के कमल किशोर भगत ने सुखदेव भगत को हरा दिया था. साल 2014 के चुनाव में भी कमल किशोर भगत ने सुखदेव भगत को चुनाव में हराया. इसके बाद डॉक्टर से रंगदारी मांगने के मामले में सजा होने के बाद जब कमल किशोर भगत की विधायकी गई तो 2015 में विधानसभा का उपचुनाव हुआ. तब सुखदेव भगत ने कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत को हराकर वापस लोहरदगा की सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी.


Conclusion:जनता का मेनिफेस्टो
1- सड़क की हालत में सुधार
2- स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार
3- प्राथमिक, मध्य और उच्च शिक्षा में सुधार की जरूरत
4- पेयजल व्यवस्था का प्रयास
5- जनसंख्या नियोजन को प्राथमिकता
6- बाईपास सड़क का निर्माण
7- प्राथमिकता के आधार पर बिजली व्यवस्था में सुधार
8- बेरोजगारी दूर करने को ले रोजगार को प्राथमिकता
9- महिला रोजगार की व्यवस्था
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