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लातेहार के चर्च में परम प्रसाद संस्कार समारोह का आयोजन, 135 बच्चों को मिला प्रसाद - लातेहार न्यूज

लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड स्थित चर्च में परम प्रसाद संस्कार कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें बच्चों को परम प्रसाद दिया गया. समारोह के दौरान बड़ी संख्या में ईसाई धर्मावलंबी चर्च में उपस्थित थे.

Param Prasad ceremony organized in Latehar church
Param Prasad ceremony organized in Latehar church
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Published : Jun 5, 2023, 12:01 PM IST

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लातेहारः धर्म और अध्यात्म हमेशा लोगों को संस्कारी बनने की शिक्षा देता है. जिले के महुआडांड़ प्रखंड स्थित माता चर्च में बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए परम प्रसाद संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें 135 बच्चों को परम प्रसाद प्रदान किया गया.

ये भी पढ़ेंः Latehar News: जब मन करता पानी दे देता, नहीं तो प्यास से तरसते रहते मरुप गांव के लोग, जानिए क्या है माजरा

दरअसल महुआडांड़ के माता चर्च में आयोजित परम प्रसाद संस्कार समारोह में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. यहां मसीही समुदाय के 135 बच्चों को परम प्रसाद का संस्कार दिया गया. सभी बच्चे सफेद वस्त्र धारण कर हाथ में मोमबत्ती लेकर जुलूस के रूप में चर्च पहुंचे. जहां फादर सुरेश किडो के द्वारा विशेष मिस्सा पूजा कराई गई. इसके बाद फादर के द्वारा उपस्थित सभी बच्चों को परम प्रसाद प्रदान किया गया. मौके पर उपस्थित बच्चों को ईश्वर का संदेश सुनाते हुए फादर ने कहा कि परम प्रसाद ग्रहण करने के बाद जीवन में अच्छे संस्कार मिलते हैं और हमेशा अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि मनुष्य के हृदय में ही ईश्वर का वास होता है, इसलिए अपने हृदय को हमेशा साफ रखना चाहिए और मानवता की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि माता पिता अपने बच्चे को जैसा संस्कार देंगे उनके बच्चे भविष्य में वैसा ही बनेंगे. इसलिए माता-पिता का भी पहला कर्तव्य है कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें.

बच्चों को बताए अध्यात्म और नैतिक ज्ञानः मौके पर फादर आनंद टोप्पो के द्वारा उपस्थित सभी बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ नैतिक ज्ञान की भी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का एकमात्र उपदेश था कि दीन दुखियों पर दया करें. ईश्वर उसी व्यक्ति पर खुश रहता है जो दीन दुखियों की सेवा करता है और हमेशा समाज के कल्याण की बात करता है. उन्होंने उपस्थित सभी बच्चों को परम प्रसाद ग्रहण करने पर बधाई दी और कहा कि परम प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही आपके शरीर में ईश्वर का वास हो गया है.

रंगारंग कार्यक्रम का भी हुआ आयोजनः इस मौके पर कोयल दल के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रभु यीशु के जीवन से आधारित गीत गाए गए. साथ ही गीत के माध्यम से लोगों को अच्छे संस्कार ग्रहण करने के प्रति प्रेरित किया गया.

क्या होता है परम प्रसादः दरअसल ईसाई धर्मावलंबियों के लिए परम प्रसाद पहला संस्कार होता है. परम प्रसाद संस्कार ग्रहण करने के बाद ही ईसाई धर्मावलंबी चर्च में मिलने वाला परम प्रसाद ग्रहण कर सकता है. इस संस्कार को ग्रहण किए बिना परम प्रसाद पाने का अधिकार नहीं होता है. परम प्रसाद संस्कार समारोह के दौरान बड़ी संख्या में ईसाई धर्मावलंबी चर्च में उपस्थित थे.

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लातेहारः धर्म और अध्यात्म हमेशा लोगों को संस्कारी बनने की शिक्षा देता है. जिले के महुआडांड़ प्रखंड स्थित माता चर्च में बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए परम प्रसाद संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें 135 बच्चों को परम प्रसाद प्रदान किया गया.

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दरअसल महुआडांड़ के माता चर्च में आयोजित परम प्रसाद संस्कार समारोह में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. यहां मसीही समुदाय के 135 बच्चों को परम प्रसाद का संस्कार दिया गया. सभी बच्चे सफेद वस्त्र धारण कर हाथ में मोमबत्ती लेकर जुलूस के रूप में चर्च पहुंचे. जहां फादर सुरेश किडो के द्वारा विशेष मिस्सा पूजा कराई गई. इसके बाद फादर के द्वारा उपस्थित सभी बच्चों को परम प्रसाद प्रदान किया गया. मौके पर उपस्थित बच्चों को ईश्वर का संदेश सुनाते हुए फादर ने कहा कि परम प्रसाद ग्रहण करने के बाद जीवन में अच्छे संस्कार मिलते हैं और हमेशा अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि मनुष्य के हृदय में ही ईश्वर का वास होता है, इसलिए अपने हृदय को हमेशा साफ रखना चाहिए और मानवता की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि माता पिता अपने बच्चे को जैसा संस्कार देंगे उनके बच्चे भविष्य में वैसा ही बनेंगे. इसलिए माता-पिता का भी पहला कर्तव्य है कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें.

बच्चों को बताए अध्यात्म और नैतिक ज्ञानः मौके पर फादर आनंद टोप्पो के द्वारा उपस्थित सभी बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ नैतिक ज्ञान की भी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का एकमात्र उपदेश था कि दीन दुखियों पर दया करें. ईश्वर उसी व्यक्ति पर खुश रहता है जो दीन दुखियों की सेवा करता है और हमेशा समाज के कल्याण की बात करता है. उन्होंने उपस्थित सभी बच्चों को परम प्रसाद ग्रहण करने पर बधाई दी और कहा कि परम प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही आपके शरीर में ईश्वर का वास हो गया है.

रंगारंग कार्यक्रम का भी हुआ आयोजनः इस मौके पर कोयल दल के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रभु यीशु के जीवन से आधारित गीत गाए गए. साथ ही गीत के माध्यम से लोगों को अच्छे संस्कार ग्रहण करने के प्रति प्रेरित किया गया.

क्या होता है परम प्रसादः दरअसल ईसाई धर्मावलंबियों के लिए परम प्रसाद पहला संस्कार होता है. परम प्रसाद संस्कार ग्रहण करने के बाद ही ईसाई धर्मावलंबी चर्च में मिलने वाला परम प्रसाद ग्रहण कर सकता है. इस संस्कार को ग्रहण किए बिना परम प्रसाद पाने का अधिकार नहीं होता है. परम प्रसाद संस्कार समारोह के दौरान बड़ी संख्या में ईसाई धर्मावलंबी चर्च में उपस्थित थे.

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