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ETV BHARAT IMPACT: वन विभाग ने की छापेमारी, पलामू टाइगर रिजर्व से भारी मात्रा में बीड़ी पत्ता जब्त - Crime News Latehar

पलामू टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में बीड़ी पत्ते की तस्करी की सूचना पर वन विभाग ने छापेमारी कर भारी मात्रा में बीड़ी पत्ता जब्त किया है. हालांकि मौके से किसी बीड़ी पत्ता तस्कर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

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Forest Department Raid Against Beedi Leaf
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Published : Jun 9, 2023, 2:17 PM IST

लातेहार: जिले में तस्करों के द्वारा बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ते की तस्करी की जा रही है. इस संबंध में ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद वन विभाग रेस हो गया है. विभाग के द्वारा वन क्षेत्रों में छापेमारी तेज कर दी गई है. शुक्रवार को पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके से बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ता जब्त किया गया. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व का एरिया पूरी तरह सुरक्षित वन क्षेत्र में आता है. यहां बीड़ी पत्ता तोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित है. इसके बावजूद बीड़ी पत्ता तस्कर पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों को अपना निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर यहां से बीड़ी पत्ता की तस्करी करते हैं. ईटीवी भारत पर इस संबंध में बुधवार को खबर चलाई गई थी. इसके बाद वन विभाग रेस हो गया है.

ये भी पढ़ें-लातेहार में अवैध बीड़ी पत्ते का फल फूल रहा कारोबार, प्रतिबंधित जंगलों में सक्रिय हैं तस्कर

टीम ने हेहेगड़ा में छापेमारी कर भारी मात्रा में बीड़ी पत्ता किया जब्तः वन विभाग की टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व के हेहेगड़ा सुरक्षित वन क्षेत्र में छापेमारी कर भारी मात्रा में बीड़ी पत्ता जब्त किया है. तस्करों के द्वारा बीड़ी पत्ता को बोरी में बंद कर बाहर भेजने की तैयारी की जा रही थी. इसी दौरान रेंजर नंद कुमार मेहता के नेतृत्व में वन विभाग की टीम वहां पहुंची और बीड़ी पत्ता को जब्त कर लिया. ज्ञात हो कि गुरुवार को भी वन विभाग की टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व के छिपादोहर वन क्षेत्र के जुरूहार के इलाके में छापेमारी कर अवैध रूप से तस्करी के लिए रखे गए बीड़ी पत्ता को जब्त किया था.

गंभीरता से हो कार्रवाई तो तस्करी पर लगेगा अंकुशः स्थानीय लोगों की माने तो वन विभाग की टीम यदा-कदा स्थानों पर ही छापेमारी कर पाती है. यदि वन विभाग और प्रशासनिक पदाधिकारी एक साथ मिलकर तस्करों के खिलाफ गंभीरता से छापेमारी अभियान चलाएं तो तस्करों को करोड़ों का नुकसान हो सकता है. ग्रामीणों की माने तो तस्करों के द्वारा इस इलाके से करोड़ों रुपए की बीड़ी पत्ते की तस्करी की जाती है. पलामू टाइगर रिजर्व भले ही कागजों में प्रतिबंधित वन क्षेत्र है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां तस्कर बेधड़क बीड़ी पत्ता की तस्करी करते हैं.

नक्सलियों की मिलीभगत से होती है बीड़ी पत्ता की तस्करीः बताया जाता है कि बीड़ी पत्ता की तस्करी में नक्सलियों की भी मिलीभगत होती है. बीड़ी पत्ता के इस अवैध कारोबार में नक्सली प्रत्येक वर्ष मोटी रकम कमाते हैं. इसी मोटी कमाई के कारण नक्सली इस एरिया में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर दहशत बनाते हैं. बीड़ी पत्ता तस्कर नक्सलियों को लेवी के रूप में मोटी रकम पहुंचाते हैं. इसके बदले में नक्सली तस्करों को जंगली इलाकों में स्थानीय ग्रामीणों या अन्य लोगों से सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं.

पुलिस की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवालः इलाके में बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ते की तस्करी और इससे होने वाले नक्सलियों को मोटी कमाई का पूरा घटनाक्रम पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहा है. पुलिस एक तरफ तो नक्सलियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ बीड़ी पत्ता तस्करों पर लगाम लगाने के प्रति उतनी तत्पर नहीं दिख रही है. जबकि यही बीड़ी पता तस्कर इस इलाके में नक्सलियों के मुख्य पोषक बने हुए हैं. यदि पुलिस के द्वारा तस्करों के खिलाफ एक्शन आरंभ हो जाए तो नक्सलियों का बड़ा आर्थिक माध्यम बंद हो सकता है. वन विभाग के द्वारा देर से ही सही परंतु बीड़ी पत्ता तस्करों के खिलाफ आरंभ किए गए छापेमारी से तस्करों में हड़कंप है. अब देखना यह है कि विभाग का छापेमारी अभियान कितना कारगर साबित होता है.

लातेहार: जिले में तस्करों के द्वारा बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ते की तस्करी की जा रही है. इस संबंध में ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद वन विभाग रेस हो गया है. विभाग के द्वारा वन क्षेत्रों में छापेमारी तेज कर दी गई है. शुक्रवार को पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके से बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ता जब्त किया गया. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व का एरिया पूरी तरह सुरक्षित वन क्षेत्र में आता है. यहां बीड़ी पत्ता तोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित है. इसके बावजूद बीड़ी पत्ता तस्कर पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों को अपना निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर यहां से बीड़ी पत्ता की तस्करी करते हैं. ईटीवी भारत पर इस संबंध में बुधवार को खबर चलाई गई थी. इसके बाद वन विभाग रेस हो गया है.

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टीम ने हेहेगड़ा में छापेमारी कर भारी मात्रा में बीड़ी पत्ता किया जब्तः वन विभाग की टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व के हेहेगड़ा सुरक्षित वन क्षेत्र में छापेमारी कर भारी मात्रा में बीड़ी पत्ता जब्त किया है. तस्करों के द्वारा बीड़ी पत्ता को बोरी में बंद कर बाहर भेजने की तैयारी की जा रही थी. इसी दौरान रेंजर नंद कुमार मेहता के नेतृत्व में वन विभाग की टीम वहां पहुंची और बीड़ी पत्ता को जब्त कर लिया. ज्ञात हो कि गुरुवार को भी वन विभाग की टीम ने पलामू टाइगर रिजर्व के छिपादोहर वन क्षेत्र के जुरूहार के इलाके में छापेमारी कर अवैध रूप से तस्करी के लिए रखे गए बीड़ी पत्ता को जब्त किया था.

गंभीरता से हो कार्रवाई तो तस्करी पर लगेगा अंकुशः स्थानीय लोगों की माने तो वन विभाग की टीम यदा-कदा स्थानों पर ही छापेमारी कर पाती है. यदि वन विभाग और प्रशासनिक पदाधिकारी एक साथ मिलकर तस्करों के खिलाफ गंभीरता से छापेमारी अभियान चलाएं तो तस्करों को करोड़ों का नुकसान हो सकता है. ग्रामीणों की माने तो तस्करों के द्वारा इस इलाके से करोड़ों रुपए की बीड़ी पत्ते की तस्करी की जाती है. पलामू टाइगर रिजर्व भले ही कागजों में प्रतिबंधित वन क्षेत्र है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां तस्कर बेधड़क बीड़ी पत्ता की तस्करी करते हैं.

नक्सलियों की मिलीभगत से होती है बीड़ी पत्ता की तस्करीः बताया जाता है कि बीड़ी पत्ता की तस्करी में नक्सलियों की भी मिलीभगत होती है. बीड़ी पत्ता के इस अवैध कारोबार में नक्सली प्रत्येक वर्ष मोटी रकम कमाते हैं. इसी मोटी कमाई के कारण नक्सली इस एरिया में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर दहशत बनाते हैं. बीड़ी पत्ता तस्कर नक्सलियों को लेवी के रूप में मोटी रकम पहुंचाते हैं. इसके बदले में नक्सली तस्करों को जंगली इलाकों में स्थानीय ग्रामीणों या अन्य लोगों से सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं.

पुलिस की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवालः इलाके में बड़े पैमाने पर बीड़ी पत्ते की तस्करी और इससे होने वाले नक्सलियों को मोटी कमाई का पूरा घटनाक्रम पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहा है. पुलिस एक तरफ तो नक्सलियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ बीड़ी पत्ता तस्करों पर लगाम लगाने के प्रति उतनी तत्पर नहीं दिख रही है. जबकि यही बीड़ी पता तस्कर इस इलाके में नक्सलियों के मुख्य पोषक बने हुए हैं. यदि पुलिस के द्वारा तस्करों के खिलाफ एक्शन आरंभ हो जाए तो नक्सलियों का बड़ा आर्थिक माध्यम बंद हो सकता है. वन विभाग के द्वारा देर से ही सही परंतु बीड़ी पत्ता तस्करों के खिलाफ आरंभ किए गए छापेमारी से तस्करों में हड़कंप है. अब देखना यह है कि विभाग का छापेमारी अभियान कितना कारगर साबित होता है.

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