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किसानोंं के हौसलों के आगे सुखाड़ पस्त, देर से की थी खेती शुरू, पर बंपर हुई धान की पैदावार

Drought defeated due to hard work of farmers. लातेहार के कुछ किसानों ने अपनी मेहनत और मजबूत इरादे के बल पर सुखाड़ को मात दी है. बारिश देर से होने के बावजूद कुछ किसानों ने धान की खेती की थी, जो अब पक कर तैयार हो चुकी है. खेतों में बंपर धान का उत्पादन हुआ है.

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Drought Defeated Due To Hard Work Of Farmers
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 3, 2023, 6:29 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 10:41 PM IST

लातेहार में धान की पैदावार पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार.

लातेहारः कहा जाता है कि पुरुषार्थ करने वालों को सफलता जरूर मिलती है. इस बात को लातेहार जिले में कुछ किसानों ने साबित कर दिखाया है. समय पर बारिश नहीं होने के बावजूद कुछ किसानों ने अपने हौसलों के बल पर धान की खेती की थी. उन किसानों के हौसले की आज जीत हुई है. उनके खेतों में धान का बंपर उत्पादन हुआ है.

देर से बारिश होने के बाद भी किसानों ने उठाया रिस्कः दरअसल, लातेहार जिले में इस वर्ष जून और जुलाई महीने में बारिश काफी कम हुई थी. इस कारण धान की खेती बुरी तरह प्रभावित हो गई थी. बारिश नहीं होने से लगभग सभी किसान परेशान थे. इसी बीच कुछ किसानों ने हिम्मत कर अपने खेतों में धान की खेती की. अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश हुई. हालांकि ऐसा माना जाता है कि 15 अगस्त से पहले जिन खेतों में धान की खेती होती है, उस खेत में अच्छा उत्पादन होता है, लेकिन अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश होने के बाद कुछ किसानों ने हिम्मत दिखाई और अपने खेतों में धान की खेती की थी. संभावना और मान्यताओं के विपरीत देर से ही सही पर जिन किसानों ने अपने खेतों में धान की खेती की उनके खेतों में फसल लहलहा गई और बंपर पैदावार हुई. इस संबंध में किसान आनंद पासवान, बाबूलाल भुइयां समेत अन्य किसानों ने बताया कि उन लोगों ने काफी हिम्मत कर देर से धान की खेती की थी. उनका हिम्मत कारगर साबित हुआ और जिन खेतों में धान की खेती की गई थी ,वहां अच्छा उत्पादन भी हुआ.

जिले में मात्र 45 प्रतिशत हुई धान की खेतीः इधर, इस संबंध में लातेहार के जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने बताया कि जिलेभर में लगभग 45 प्रतिशत धान की खेती हुई है, लेकिन जिन किसानों ने खेती की उन्हें अच्छा उत्पादन भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बरसात के अंतिम समय में अच्छी बारिश होने के कारण खेतों में नमी बरकरार है. इसका फायदा उठाते हुए रबी फसल के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है. संभावना है कि रबी फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने कहा कि जिले में लगभग 13000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई है. संभावना जताई जा रही है कि प्रति हेक्टेयर कम से कम 20 क्विंटल धान का उत्पादन होगा.

किसानों ने की मुआवजे की मांगः इधर, स्थानीय किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने के कारण अधिकांश किसान धान की खेती नहीं कर पाए हैं. ऐसे में किसानों को सरकार के द्वारा तत्काल राहत पहुंचानी चाहिए. किसान आनंद पासवान ने कहा कि पिछले दो वर्षों से किसान अच्छी खेती नहीं कर पा रहे हैं. इस परिस्थिति में किसानों को मुआवजा देने के साथ-साथ सरकार को योजना बनानी चाहिए और खेतों तक सिंचाई की व्यवस्था करनी चाहिए.

सिंचाई के लिए ठोस योजना बनाने की जरूरतः किसानों की हिम्मत और हौसले ने सुखाड़ को मात दी है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि किसानों के खेतों तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ठोस योजना बनाई जाए ,ताकि विकट परिस्थिति में भी किसान बुलंद हौसलों के साथ खेती कर सकें.

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लातेहार में धान की पैदावार पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार.

लातेहारः कहा जाता है कि पुरुषार्थ करने वालों को सफलता जरूर मिलती है. इस बात को लातेहार जिले में कुछ किसानों ने साबित कर दिखाया है. समय पर बारिश नहीं होने के बावजूद कुछ किसानों ने अपने हौसलों के बल पर धान की खेती की थी. उन किसानों के हौसले की आज जीत हुई है. उनके खेतों में धान का बंपर उत्पादन हुआ है.

देर से बारिश होने के बाद भी किसानों ने उठाया रिस्कः दरअसल, लातेहार जिले में इस वर्ष जून और जुलाई महीने में बारिश काफी कम हुई थी. इस कारण धान की खेती बुरी तरह प्रभावित हो गई थी. बारिश नहीं होने से लगभग सभी किसान परेशान थे. इसी बीच कुछ किसानों ने हिम्मत कर अपने खेतों में धान की खेती की. अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश हुई. हालांकि ऐसा माना जाता है कि 15 अगस्त से पहले जिन खेतों में धान की खेती होती है, उस खेत में अच्छा उत्पादन होता है, लेकिन अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश होने के बाद कुछ किसानों ने हिम्मत दिखाई और अपने खेतों में धान की खेती की थी. संभावना और मान्यताओं के विपरीत देर से ही सही पर जिन किसानों ने अपने खेतों में धान की खेती की उनके खेतों में फसल लहलहा गई और बंपर पैदावार हुई. इस संबंध में किसान आनंद पासवान, बाबूलाल भुइयां समेत अन्य किसानों ने बताया कि उन लोगों ने काफी हिम्मत कर देर से धान की खेती की थी. उनका हिम्मत कारगर साबित हुआ और जिन खेतों में धान की खेती की गई थी ,वहां अच्छा उत्पादन भी हुआ.

जिले में मात्र 45 प्रतिशत हुई धान की खेतीः इधर, इस संबंध में लातेहार के जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार सिंह ने बताया कि जिलेभर में लगभग 45 प्रतिशत धान की खेती हुई है, लेकिन जिन किसानों ने खेती की उन्हें अच्छा उत्पादन भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बरसात के अंतिम समय में अच्छी बारिश होने के कारण खेतों में नमी बरकरार है. इसका फायदा उठाते हुए रबी फसल के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है. संभावना है कि रबी फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने कहा कि जिले में लगभग 13000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई है. संभावना जताई जा रही है कि प्रति हेक्टेयर कम से कम 20 क्विंटल धान का उत्पादन होगा.

किसानों ने की मुआवजे की मांगः इधर, स्थानीय किसानों का कहना है कि बारिश नहीं होने के कारण अधिकांश किसान धान की खेती नहीं कर पाए हैं. ऐसे में किसानों को सरकार के द्वारा तत्काल राहत पहुंचानी चाहिए. किसान आनंद पासवान ने कहा कि पिछले दो वर्षों से किसान अच्छी खेती नहीं कर पा रहे हैं. इस परिस्थिति में किसानों को मुआवजा देने के साथ-साथ सरकार को योजना बनानी चाहिए और खेतों तक सिंचाई की व्यवस्था करनी चाहिए.

सिंचाई के लिए ठोस योजना बनाने की जरूरतः किसानों की हिम्मत और हौसले ने सुखाड़ को मात दी है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि किसानों के खेतों तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ठोस योजना बनाई जाए ,ताकि विकट परिस्थिति में भी किसान बुलंद हौसलों के साथ खेती कर सकें.

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Last Updated : Dec 3, 2023, 10:41 PM IST
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