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महागठबंधन के बाद बीजेपी में भी 'दरार', निर्दलीय नॉमिनेशन करेंगे बीजेपी के बागी नेता

लोकसभा चुनाव में लड़ने की चाहत में कई नेता अपने कुनबे से बिछड़ चुके हैं तो कई इस ओर आगे बढ़ रहे हैं. ऐसा ही मामला लातेहार में भी देखने को मिला जहां चतरा संसदीय सीट से टिकट नहीं मिलने पर राजेंद्र प्रसाद साहू निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर रहे हैं.

राजेंद्र प्रसाद साहू
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Published : Apr 9, 2019, 3:35 AM IST

लातेहार: चतरा संसदीय क्षेत्र एनडीए और यूपीए दोनों के लिए सिरदर्द बन गया है. यूपीए में पहले ही यहां दरार पड़ चुकी है. अब भाजपा में भी नेता बागी हो गए हैं. लातेहार जिले के दमदार भाजपा नेता सह लातेहार जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे.

राजेंद्र प्रसाद साहू

उन्होंने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि वे निर्दलीय नॉमिनेशन करेंगे. दरअसल, राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाह रहे थे. उनकी मांग थी कि चतरा संसदीय क्षेत्र से किसी स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाए. परंतु भाजपा के द्वारा निर्वतमान सांसद सुनील सिंह को फिर से अपना प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में विरोध शुरू हो गया.

इसी बीच जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र साहू ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि वह भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में चतरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. राजेंद्र साहू के निर्णय के बाद भाजपा में खलबली मच गई है. बताते चलें कि राजेंद्र साहू भाजपा के व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भी है और इन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास का करीबी भी माना जाता है.

कांग्रेस और राजद दोनों दलों के चुनाव मैदान में उतरने के बाद जहां यूपीए गठबंधन में उपापोह की स्थिति बनी हुई थी. ठीक उसी प्रकार राजेन्द्र साहू के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा की भी परेशानी बढ़ गई है.

लातेहार: चतरा संसदीय क्षेत्र एनडीए और यूपीए दोनों के लिए सिरदर्द बन गया है. यूपीए में पहले ही यहां दरार पड़ चुकी है. अब भाजपा में भी नेता बागी हो गए हैं. लातेहार जिले के दमदार भाजपा नेता सह लातेहार जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे.

राजेंद्र प्रसाद साहू

उन्होंने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि वे निर्दलीय नॉमिनेशन करेंगे. दरअसल, राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाह रहे थे. उनकी मांग थी कि चतरा संसदीय क्षेत्र से किसी स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाए. परंतु भाजपा के द्वारा निर्वतमान सांसद सुनील सिंह को फिर से अपना प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में विरोध शुरू हो गया.

इसी बीच जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र साहू ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि वह भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में चतरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. राजेंद्र साहू के निर्णय के बाद भाजपा में खलबली मच गई है. बताते चलें कि राजेंद्र साहू भाजपा के व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भी है और इन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास का करीबी भी माना जाता है.

कांग्रेस और राजद दोनों दलों के चुनाव मैदान में उतरने के बाद जहां यूपीए गठबंधन में उपापोह की स्थिति बनी हुई थी. ठीक उसी प्रकार राजेन्द्र साहू के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा की भी परेशानी बढ़ गई है.

Intro:महागठबंधन के बाद बीजेपी में भी पड़ी दरार-- भाजपा नेता करेंगे निर्दलीय नॉमिनेशन
लातेहार. चतरा संसदीय क्षेत्र एनडीए और यूपीए दोनों के लिए सिर दर्द बन गया है. यूपीए गठबंधन में पहले ही यहां दरार पर चुकी है ,अब भाजपा में भी नेता बागी हो गए हैं,. लातेहार जिले के दमदार भाजपा नेता सह लातेहार जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने सोमवार की रात इसकी घोषणा कर दी. राजेंद्र साहू मंगलवार को अपना नॉमिनेशन भी करेंगे.


Body:दरअसल राजेंद्र प्रसाद साहू चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाह रहे थे. उनकी मांग थी कि चतरा संसदीय क्षेत्र से किसी स्थानीय व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाए ,परंतु भाजपा के द्वारा निर्वतमान सांसद सुनील सिंह को फिर से अपना प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा में विरोध आरंभ हो गया . इसी बीच जिला परिषद उपाध्यक्ष राजेंद्र साहू ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि वह भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में चतरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. राजेंद्र साहू के निर्णय के बाद भाजपा में खलबली मच गई है. बताते चलें कि राजेंद्र साहू भाजपा के व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक भी है और इन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास का करीबी भी माना जाता है.
vo-BJP in trouble, leader rebel- visual and byte
byte- राजेंद्र प्रसाद साहू भाजपा नेता


Conclusion:कांग्रेस और राजद दोनों दलों के चुनाव मैदान में उतरने के बाद जहां यूपीए गठबंधन में उपापोह की स्थिति बनी हुई थी,ठीक उसी प्रकार राजेन्द्र साहू के बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा की भी परेशानी बढ़ गई है.
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