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कोडरमाः ध्वजाधारी धाम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले का आयोजन, 777 सीढ़ियां चढ़कर श्रद्धालु करते हैं जलाभिषेक

कोडरमा के ध्वजाधारी धाम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले की शुरुआत हो चुकी हैं. ध्वजाधारी धाम में आयोजित दो दिवसीय शिवरात्रि मेले में बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं और 777 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ पर बसे बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि यहां आने वाले शिव भक्तों की मुराद पूरी होती है.

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Published : Mar 11, 2021, 3:34 PM IST

two day shivratri mela organized in dhwajadhari dham in koderma
ध्वजाधारी धाम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले का आयोजन

कोडरमा: जिले के ध्वजाधारी धाम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले की शुरुआत हो चुकी है. ध्वजाधारी धाम में शिवरात्रि मेले को लेकर खास तैयारी की गई है. कोरोना महामारी के कारण मेला आयोजन समिति के सदस्यों और मेले में मौजूद सभी वॉलेंटियर की पहले कोरोना जांच की गई. इसके साथ ही मेले में दुकान लगाने वाले लोगों की भी कोरोना जांच कर दुकान लगाने की अनुमति दी गई. ध्वजाधारी धाम में आयोजित दो दिवसीय शिवरात्रि मेले में बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं और 777 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ पर बसे बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले शिव भक्तों की मुराद पूरी होती हैं.

देखें पूरे खबर

इसे भी पढ़ें- महाशिवरात्रिः देवघर के बाबा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कोडरमा के ध्वजाधारी धाम में शिवरात्रि मेले में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है, जिसको देखते हुए मेला में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. इसके साथ ही पूरे मेला परिसर के चारों ओर सीसीटीवी लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरे से पूरे मेला पर नजर रखी जा रही है. चूंकि शिव भक्तों के लिए 777 सीढ़ियां चढ़ना आसान नहीं हैं, इसको देखते हुए मेला आयोजन समिति के वॉलेंटियर और पुलिस शिव भक्तों की सेवा में पहाड़ के अंतिम छोर तक लगे हुए हैं. वहीं मेले में जिला प्रशासन की ओर से एक मेडिकल टीम और दो एम्बुलेंस भी तैनात की गई है, ताकि एमरजेंसी में किसी को कोई परेशानी हो तो उसे राहत पहुंचाई जा सके.

शिव भक्तों के लिए लगाए गए स्टॉल
कोडरमा के ध्वजाधारी धाम में पहुंचने वाले शिव भक्तों के लिए पूजन सामग्री से लेकर खाने-पीने के कई स्टॉल लगाए गए हैं. इसके साथ ही बच्चों के लिए झूला और मनोरंजन के साथ-साथ कई खिलौने की दुकानें लगाई गई हैं. कोडरमा में लगने वाले इस शिवरात्रि मेले में सांसद, विधायक, एसपी, डीसी से लेकर कई वीआईपी पहुंचते हैं और पूरी भक्ति और आस्था के साथ बाबा भोले का जलाभिषेक कर अपने और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

भगवान शिव कद्रम ऋषि की तपस्या से हुए थे खुश
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र कद्रम ऋषि ने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी और भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी, तभी से इस पहाड़ का नाम ध्वजाधारी पहाड़ पड़ गया. इस ध्वजाधारी आश्रम से होकर एक ऊंची पहाड़ हैं, जहां भगवान शिव विराजमान है और शिव भक्त अपनी मन्नत को लेकर 777 सीढ़ियां चढ़कर कठिन सफर के बाद बाबा भोले को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक करते हैं.

कोडरमा: जिले के ध्वजाधारी धाम में दो दिवसीय शिवरात्रि मेले की शुरुआत हो चुकी है. ध्वजाधारी धाम में शिवरात्रि मेले को लेकर खास तैयारी की गई है. कोरोना महामारी के कारण मेला आयोजन समिति के सदस्यों और मेले में मौजूद सभी वॉलेंटियर की पहले कोरोना जांच की गई. इसके साथ ही मेले में दुकान लगाने वाले लोगों की भी कोरोना जांच कर दुकान लगाने की अनुमति दी गई. ध्वजाधारी धाम में आयोजित दो दिवसीय शिवरात्रि मेले में बिहार-झारखंड और बंगाल से हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं और 777 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ पर बसे बाबा भोले का जलाभिषेक करते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले शिव भक्तों की मुराद पूरी होती हैं.

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कोडरमा के ध्वजाधारी धाम में शिवरात्रि मेले में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है, जिसको देखते हुए मेला में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. इसके साथ ही पूरे मेला परिसर के चारों ओर सीसीटीवी लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरे से पूरे मेला पर नजर रखी जा रही है. चूंकि शिव भक्तों के लिए 777 सीढ़ियां चढ़ना आसान नहीं हैं, इसको देखते हुए मेला आयोजन समिति के वॉलेंटियर और पुलिस शिव भक्तों की सेवा में पहाड़ के अंतिम छोर तक लगे हुए हैं. वहीं मेले में जिला प्रशासन की ओर से एक मेडिकल टीम और दो एम्बुलेंस भी तैनात की गई है, ताकि एमरजेंसी में किसी को कोई परेशानी हो तो उसे राहत पहुंचाई जा सके.

शिव भक्तों के लिए लगाए गए स्टॉल
कोडरमा के ध्वजाधारी धाम में पहुंचने वाले शिव भक्तों के लिए पूजन सामग्री से लेकर खाने-पीने के कई स्टॉल लगाए गए हैं. इसके साथ ही बच्चों के लिए झूला और मनोरंजन के साथ-साथ कई खिलौने की दुकानें लगाई गई हैं. कोडरमा में लगने वाले इस शिवरात्रि मेले में सांसद, विधायक, एसपी, डीसी से लेकर कई वीआईपी पहुंचते हैं और पूरी भक्ति और आस्था के साथ बाबा भोले का जलाभिषेक कर अपने और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

भगवान शिव कद्रम ऋषि की तपस्या से हुए थे खुश
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में ब्रम्हा के पुत्र कद्रम ऋषि ने यहां भगवान शिव की तपस्या की थी और भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ध्वजा और त्रिशूल भेंट की थी, तभी से इस पहाड़ का नाम ध्वजाधारी पहाड़ पड़ गया. इस ध्वजाधारी आश्रम से होकर एक ऊंची पहाड़ हैं, जहां भगवान शिव विराजमान है और शिव भक्त अपनी मन्नत को लेकर 777 सीढ़ियां चढ़कर कठिन सफर के बाद बाबा भोले को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक करते हैं.

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