कोडरमा: आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिस गांव की पूरी आबादी एक ही खानदान की है. तकरीबन 800 की आबादी वाले इस गांव में एक ही परिवार के लोग रहते हैं. गांव में न तो जमीन का बंटवारा हुआ है और न ही इस गांव में कभी पुलिस को आने की जरूरत पड़ी है.
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अक्सर कहानियों में यह सुना होगा कि स्वर्ग से एडम और ईव की जोड़ी धरती पर आई थी और उसी से मानव जाति की उत्पत्ति हुई है. कोडरमा के जिस नादकरी गांव की तस्वीर आज हम आपको दिखा रहे हैं. वह गांव इस कहानी को करीब-करीब सार्थक साबित करता है. गांव में तकरीबन 115 साल पहले रोजगार की तलाश में उत्तीम मियां आए थे और आज इस गांव की पूरी आबादी उसी उत्तीम मियां के खानदान की है.
उत्तीम मियां अपने पिता बाबर के साथ इस गांव में आए थे और यहीं बस गए. 284 एकड़ में फैले इस गांव में एक ही खानदान के लोग निवास करते हैं. उत्तीम मियां के पांच बेटे थे, पांच बेटों से 26 पुत्र और 13 पुत्री हुई और उन 26 बेटों से 74 बच्चे और उन 74 बच्चों के बाद लगातार इस खानदान की आबादी बढ़ती जा रही है लेकिन, सबसे खास बात यह है कि उत्तीम मियां के खानदान के लोगों ने जमीन का बंटवारा अब तक नहीं किया और सभी लोग आपसी सहमति से खेतीबारी कर रहे हैं. एक ही साथ 285 एकड़ जमीन का लगान भी चुकाया जाता है.गांव में स्कूल भी है, मदरसा भी और दो मस्जिद भी. गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है. यह गांव जंगल से काफी सटा हुआ है. गांव के कुछ लोग महानगरों में रोजगार करते हैं तो ज्यादातर लोग कृषि पर ही निर्भर हैं. सुख-दुख में परिवार के लोग एक दूसरे की मदद भी करते हैं और आलम यह है कि इस गांव में किसी मामले के निबटारे के लिए शायद ही कभी पुलिस आई हो.भले ही आज देश में बढ़ रही आबादी को कंट्रोल करने पर चर्चा की जा रही है, लेकिन कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड के इस नादकरी गांव में जिस तरह से एक ही खानदान के तकरीबन 800 लोग निवास करते हैं. गांव में एक ही खानदान के लोग निवास करने के कारण ना तो कभी गांव के लोगों के बीच आपसी विवाद होता है और ना ही इस गांव की जमीन का बंटवारा हुआ है.